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25/11/2024

राम अवध विवाह के बारे में सोच रहे हैं

नवंबर 25, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         मैरिज लॉन में बिबाह 
राम अवध किसान नेता


ब्याह शादी में बहुत बड़ा चेंज हुआ है। नई नई रस्में बढ़ती जा रहे हैं। 
एक नया फैशन चल पड़ा है जड़ों के दिनों में शादियों का किसी शहर या बाजार में मैरिज लॉन में विवाह करने का। 
कृषि प्रधान गांव रहे हैं। जाड़े के दिनों में खेती-बाड़ी के काम घनी भूत हुआ करते हैं। खेती से ही जीविका है आमदनी है लोगों की। 
इसलिए गांव के लोग गर्मियों के दिन में विवाह करते थे। 
जाड़े के दिन में नहीं करते थे। 
शहर बाजार के व्यापारी सर्दियों के मौसम में विवाह करते थे इसलिए कि उनका धंधा पानी मंदा चलता था खाली रहते थे तो सोचते थे कि शादी वाला काम निपटाने का फुर्सत का वक्त है। वह लोग सही सोच रहे थे। 
अब उनकी नकल बिना अकल का प्रयोग किये गांव के लोग कर रहे हैं। 
कोई तर्क देता है की राम जी का विवाह अगहन में हुआ था। इस पर विचार करना चाहिए कि वह कौन सा जमाना था। क्या राम की खेती बाड़ी करते थे किसान थे। वह तो राजकुमार थे किस नहीं थे। उनकी नकल करना इस विषय पर बेवकूफी के सिवा कुछ भी नहीं है। 
एक पाश्चात्य विचारधारा भी देश के अंदर गहरी पैठ बना चुकी है। शोर शराबा डीजे अश्लील गीत नग्न देह प्रदर्शन। औरतों को तो लगता है कि कपड़ों की महंगाई ने ही नंगा किया है सर्दी की परवाह नहीं है लेकिन पोशाक शरीर को ढकने वाली नहीं है अगर शरीर ढक लिया तो पिछड़ी औरत दिखेगी इसलिए नंगा होना जरूरी है। सर्दी से मर जाना कबूल है लेकिन कपड़ा वह नहीं चाहिए जो शरीर को ढक ले। 
व्यापारियों की नकल में कुछ नौकरी पैसा वाले लोग मैरिज लान में शादी करना शुरू किये। फिर देखा देखी खेती करने वाले लोग भी जाड़े के दिनों में विवाह करना शुरू किये। फिर देखा देखी बढ़ने लगी। 
अभी भी देखने में ऐसा आया है की खास तौर से कायस्थ भूमिहार और क्षत्रिय ब्राह्मण की शादियां मैरिज लान में अधिकतर हो रही है। इनके अलावा दूसरे लोग भी लान में जा रहे हैं लेकिन कमतर।
जाड़े की रात में मोटरसाइकिल से निमंत्रण पर शहर जाना कितना कष्टकारी है कितना खर्चीला है इस पर विचार अवश्य करना चाहिए या फिर जिन्हें लान में करना है उन्हें यह करना चाहिए कि गांव के लोगों को निमंत्रण ही ना दें। 
दिन भर आदमी खेत खलिहान और सिवान में दौड़ा फिर रात में मोटरसाइकिल से ठिठुरते हुए निमंत्रण पर जाये कितना उल्टा लगता है। 
आज भी आप देखिए तो गांव का मजदूर वर्ग या गरीब किसान वर्ग इस तरह का उत्पात वाला काम नहीं करता चाहे ज्यादा में चाहे थोड़ा में ही वह अपने गांव में विवाह करता है। 
यही असली भारत है। यही असली किसान है। जो शहर में जा रहा है वह किसान हो सकता है लेकिन दिमाग से शहरी या व्यापारी या विदेशी सभ्यता को गले लग रहा होता है। 

गांव में शादी नहीं करने के पीछे भी लोग बहुत तर्क देते हैं लेकिन उनके सभी तर्क निराधार होते हैं। 
क्षेत्र और जवार के लोग आपको आपके गांव से आपके परिवार से आपके समाज से जुड़े हुए हैं कई पीढियां से जुड़े हुए हैं किसी मैरिज लान से नहीं जुड़े हैं किसी शहर से नहीं जुड़े हैं किसी बड़े के चमकदार लकदक डेकोरेशन से शहर से नहीं जुड़े हैं। आपकी मिट्टी से आपके घर से आपके बाप दादे से लोग जुड़े हैं किसी शहर से किसी लान से नहीं। 
बंद कीजिए ऐसा उत्पात 
व्यापारियों की नकल में अपने मूल से मत कटिये।
यह विचार गांव को खेती को जवार के परस्पर को संबंध को मिटाने वाला है आत्मघाती है। 
किसी को बुरा लगे तो मैं क्षमा चाहता हूं यह मेरा विचार है आपके विचार भिन्न हो सकते हैं इस पर मुझे कोई शिकवा शिकायत नहीं है। लेकिन मेरे मन में जो खौल रहा था सोचा कि आपसे शेयर करुं।
राम अवध सिंह 
63 065 48 397 
गांव खिलची शहाबगंज चंदौली 
🙏🙏

21/10/2024

एक नजर में बिहार की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर महापुरुषों की दुनिया में है

अक्टूबर 21, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         *🔹True Facts about BIHAR🔹*
_____________________________

*BIHAR* एक इकलौता राज्य जिसके
नाम से हमारे देश का
नाम बनता है .....
B- भारत , bharat 
I - इंडिया , india
H - हिन्दुतान , hindutan
A -आर्यावर्त , aryabrat
R - रिवा , riva , ये इंडिया का बहुत पुराना नाम है

Bihar ka capital ke naam se India ki sabhi misail ka naam hai.
P - Prithvi
A - Agni
T - Trisul
N - Naag
A - Aakash

जो बिहारी बाबू है !
वह इस मैसेज को फैला
दिजिए

कम से कम अपमान करने
वाले को पता चल जाए की
हम किसका अपमान कर रहे है
हम बिहार को झुकने नही देंगे चाहे कोई कितना भी
प्रयास कर ले

जय बिहार जय बिहार

*बिहार* - जिसने देश को पहला राष्ट्रपति दिया !

*बिहार* - जहाँ सबसे पहले महाजनपद बना अर्थात विश्व का पहला लोकतंत्र !

*बिहार* - जहाँ भगवान राम की पत्नी सीता का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ महाभारत के दानवीर कर्ण का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ भगवान् महावीर का जन्म हुआ, बुद्ध और महावीर को ज्ञान मिला !

*बिहार* - जहाँ सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ के राजा चन्द्रगुप्त मौर्य से लड़ने की हिम्मत सिकंदर को भी नही हुई !

*बिहार*- जहाँ का लिट्टी चोखा पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय लिट्टी चोखा के नाम से प्रसिद्ध है !

*बिहार* - जहाँ के राजा महान अशोक ने अरब तक हिंदुस्तान का पताका फहराया और उसका स्तम्भ आज देश का राष्ट्रीय चिन्ह है !

*बिहार* - जो गांधी जी का पहला प्रेरणादायक स्रोत बना जिसने आज़ादी की आधारशिला रखी (चंपारण) !

*बिहार* - जहाँ राजा जरासंध, पाणिनि (जिसने संस्कृत व्याकरण लिखा), आर्यभट्ट जिन्होंने शून्य, दशमलव और सूर्य सिद्धांत दिया, चाणक्य (महान अर्थशास्त्री), रहीम, कबीर का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ के नंदवंश से लड़ने की हिम्मत सिकंदर की भी नही हुई और बिना लड़े विश्वविजेता डर कर भाग गया !

*बिहार* - जहाँ के 80 साल के बूढ़े ने 1857 के क्रांति में दो बार अंग्रेजों को हराया, अंग्रेजो के दांत खट्टे कर दिए (बाबु वीर कुंवर सिंह) !

*बिहार* - जहाँ के गोनू झा के किस्से पुरे हिंदुस्तान में प्रसिद्ध है !

*बिहार* - जहाँ सम्पूर्ण क्रांति के जनक महान जय प्रकाश नारायण का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ जन नायक कर्पूरी ठाकुर जी का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ भिखारी ठाकुर (विदेशिया) का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ शारदा सिन्हा जैसी महान भोजपुरी गायिका का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ स्वामी सहजानंद सरस्वती, राम शरण शर्मा, राज कमल झा, विद्यापति, रामधारी सिंह दिनकर, रामवृक्ष बेनीपुरी, फणीश्वर नाथ रेणु , देवकी नंदन खत्री, इन्द्रदीप सिन्हा, राम करण शर्मा, महामहोपाध्याय पंडित राम अवतार शर्मा, नलिन विलोचन शर्मा, गंगानाथ झा, ताबिश खैर, कलानाथ मिश्र, आचार्य रामलोचन सरन, गोपाल सिंह नेपाली, बिनोद बिहारी वर्मा, आचार्य रामेश्वर झा, राघव शरण शर्मा, नागार्जुन आचार्य जानकी बल्लभ शाश्त्री जैसे महान लेखको का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ बिस्स्मिल्लाह खान का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ दशरथ मांझी जैसा Mountain Man का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ एक साधारण शिक्षक SUPER 30 जैसा निःशुल्क कोचिंग बिना किसी सहायता के चलाकर गरीब बच्चों को IIT में दाखिला दिलाता है !

*बिहार* - जहाँ आज भी दिलो में प्रेम बसता है !

*बिहार* - जहाँ  भी बच्चे अपने माँ - बाप के पैर दबाये बिना नही सोते !

*बिहार* - जहाँ से सबसे ज्यादा बच्चे देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC और IIT पास करते है !

*बिहार* - जहाँ के गाँव में आज भी दादा-दादी अपने बच्चो को कहानियां सुनाते है !

*बिहार* - जहाँ आज भी भूखे रह के अतिथि को खिलाया जाता है !

*बिहार* – जहाँ आज भी सबसे ज्यादा संयुक्त परिवार है !

*बिहार* - जहाँ के बच्चे कोई सुविधा न होते हुए भी देश में सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी पाते है !

इसी *बिहार* के रहने वाले हैं ! तो क्यूँ न करे खुद के *बिहारी* होने पर गर्व !

 *बिहार* !!👍🏻👍🏻

13/10/2024

कामरेड साईं बाबा को लाल सलाम

अक्टूबर 13, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         *कॉमरेड* *साईबाबा* *को* *लाल* *सलाम* !
Red star
रोडवे-न्यूज़ पर नवीनतम समाचार और जानकारी के लिए पढ़ें और देखें 


सीपीआई (एमएल) रेड स्टार दिल्ली विश्वविद्यालय के भूतपूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को अपनी क्रांतिकारी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।जिन्हें फासीवादी क्रूर कानूनों के तहत एक दशक से अधिक समय तक जेल में रखा गया था और कुछ महीने पहले सबूतों की कमी और अभियोजन पक्ष द्वारा उनके खिलाफ आरोप साबित करने में विफलता के कारण उन्हें बरी कर दिया गया था। हम उनके तमाम परिजनों/  इष्ट मित्रों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं।नवीनतम समाचारों के लिए यहां क्लिक करें

हालांकि प्रोफेसर साईबाबा की मृत्यु का तात्कालिक कारण ऑपरेशन के बाद की जटिलताओं को माना जा सकता है, लेकिन  व्हीलचेयर पर बैठे साईबाबा को कई वर्षों तक जेल में रखकर उनकी अकाल मृत्यु के लिए मौजूदा फासीवादी सरकार ही जिम्मेदार है। कोई भी व्यक्ति, अमानवीय जेल-स्थितियों में शारीरिक रूप से अक्षम  और व्हीलचेयर पर बैठे  एक व्यक्ति को लंबे समय तक जेल में सड़ाने के नतीजे  को समझ सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के अनुसार, वैचारिक स्थिति को बनाए रखना कोई अपराध नहीं है, और कई अवसरों पर न्यायपालिका ने भी इसे बरकरार रखा है।  और यह पूरी तरह जानते हुए भी, माओवादियों से कथित संबंधों के लिए किसी व्यक्ति को जेल में डालना, खासकर तब जब  उस  व्यक्ति के शरीर का अधिकांश हिस्सा  शारीरिक अक्षमता का शिकार  हो और जब उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ रहा हो, मानवाधिकारों का सरासर उल्लंघन है। यह असहमति व्यक्त करने के मूल लोकतांत्रिक अधिकार के साथ-साथ स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकार के भी खिलाफ है।

कॉमरेड साईबाबा की असामयिक मृत्यु के पीछे फासीवादी वैधता की कड़ी निंदा करते हुए, हम एक बार फिर उन्हें अपनी क्रांतिकारी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

फासीवाद मुर्दाबाद!

पी जे जेम्स
महासचिव
सीपीआई (एमएल) रेड स्टार

नई दिल्ली
13.10.2024

10/10/2024

हरियाणा चुनाव पर एक रिपोर्ट

अक्टूबर 10, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         *हालिया* *चुनाव* *परिणाम* *जनता* *की* *फासीवाद* - *विरोधी* *भावना* *और* *विपक्ष* *द्वारा* *इसका* *उपयोग* *करने* *में* *विफलता* *को* *प्रकट* *करते* *हैं* !अधिक जानकारी के लिए यहां जाएं


जम्मू-कश्मीर चुनाव का परिणाम, धारा 370 को निरस्त करने सहित मोदी सरकार की फासीवादी नीतियों के खिलाफ लोगों का फैसला है, और बहुत ही उत्साहजनक है, खासकर जम्मू-कश्मीर के पूरे इतिहास में इस सबसे महत्वपूर्ण दौर में। हालाँकि, हरियाणा में फासीवादी "डबल इंजन" की हैट्रिक जीत, जो स्वयं फासीवादियों के लिए भी आश्चर्यजनक है, कांग्रेस के भीतर कलह सहित विपक्ष के राजनीतिक दिवालियापन का सीधा परिणाम है। इस बार, अभी भी 1.82% वोटों के साथ, बसपा इनेलो के साथ गठबंधन करके भाजपा विरोधी वोटों को विभाजित करने की अपनी सामान्य भूमिका निभा सकी , और आरएसएस/भाजपा फासीवादी गिरोह के साथ दलित और निचली जाति के वोटों को एकजुट करने में कामयाब रही। . 
साथ ही, इससे भी अधिक खुलासा करने वाली बात "उत्तर-वैचारिक" आम आदमी पार्टी (आप) की भूमिका है जो हरियाणा चुनाव की घोषणा तक इंडिया गठबंधन का हिस्सा थी। हैरानी की बात यह है कि चुनाव की पूर्व संध्या पर जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने इंडिया अलायंस से अचानक वापसी की घोषणा की और सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 1.79 प्रतिशत वोट हासिल किए।। जबकि केजरीवाल को गठबंधन का हिस्सा बनाए रखने में कांग्रेस की विफलता स्पष्ट है, अब समय आ गया है कि कांग्रेस और अन्य भाजपा विरोधी पार्टियों को एक लचीले फासीवादी उपकरण के रूप में आप की भूमिका को स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए जैसा कि पिछले चुनावों में साबित हुआ है। यद्यपि कांग्रेस अपना वोट-शेयर 11% तक बढ़ा सकी, जबकि आप,बसपा जैसी विभाजनकारी ताकतों की मदद से फासीवादी ताकतें फासीवाद-विरोधी वोटों को प्रभावी ढंग से विभाजित करके अपनी स्थिति मजबूत करने में सफल रहीं।                      

सटीक रूप से कहें तो, जैसा कि चुनाव के रुझान स्पष्ट रूप से संकेत दे रहे हैं, लोग कॉर्पोरेट-फासीवादी ताकतों के खिलाफ उठने के लिए तैयार हैं। लेकिन जैसा कि हरियाणा के नतीजों से पता चलता है, यह स्वयंभू भाजपा विरोधी पार्टियों का राजनीतिक दिवालियापन और संगठनात्मक कमजोरी है जो चुनाव में फासीवादियों की हार में बाधा बन रही है। मेहनतकशों, दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं सहित तमाम उत्पीड़ितों के दीर्घकालिक हितों के नजरिए से एक दृढ़ वैचारिक-राजनीतिक अभिविन्यास वाली वास्तविक फासीवाद-विरोधी ताकतों के व्यापक संभव मोर्चे का निर्माण करके ही इस गंभीर स्थिति पर काबू पाया जा सकता है। .

पी जे जेम्स
महासचिव
भाकपा( माले) रेड स्टार 
9 अक्टूबर 2024

30/09/2024

फ़िलिस्तीनी हिटलर जहुआ अराफ़ात

सितंबर 30, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.          यह है, यासर अराफत की बेटी, जहुआ अराफत!              यासर अराफात की बेटी

फ़िलिस्तीनी हिटलर जहुआ अराफ़ात 
यासर अराफत को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है!

उन्होंने लाखों फिलिस्तीन युवकों को मौत के दलदल में धकेल दिया 

उन्हें सपने शब्ज बाग  दिखाएं और  मध्य पूर्व को आतंकवाद की आग में झोंक दिया

यह लिखने का कारण यह है कि दुनिया के सभी पिताओं की तरह, उन्हें भी अपनी बेटी की चिंता थी।

और उन्होंने फिलिस्तीन की “सेवा" करते हुए जो धन इकट्ठा किया था, उसमें से कुछ अपनी बेटी के लिए रखा।

ज्यादा नहीं, बस थोड़ा सा…,

आज के बाजार मूल्य पर उसकी कीमत मात्र ₹66,311 करोड़ है!

पाकिस्तान के कुल विदेशी मुद्रा भंडार से कई गुना!

यह कहना गलत नहीं होगा कि यासर खुराफात  की यह बेटी लंदन में एक सड़क की मालकिन है, क्योंकि उस सड़क के दोनों तरफ की ज़्यादातर संपत्तियाँ इसी महिला के नाम पर हैं।

पिछले कई सालों से वह पेरिस के एक बेहद महंगे इलाके में आलीशान हवेली में रह रही है और पिछले 25 सालों में उसने फिलिस्तीन का चेहरा भी नहीं देखा है।

उसे चार भाषाएं आती  है, लेकीन वह अरेबिक नही जानती!

संयुक्त राष्ट्र के निर्देशानुसार उसे शरणार्थी का दर्जा दिया गया है!

यह है जन्नत और जिहाद नामक उद्योग की हकीकत!

29/09/2024

डॉ ओम शंकर रिपोर्ट हेड ऑफ हार्ट डिपोर्टमेंट बीएचयू

सितंबर 29, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         प्रेस विज्ञप्ति.                                                            अधिक जानकारी के लिए यहां जाएं www.roadwaynews.com
बीएचयू रिपोर्ट डॉ. शंकर 

विषय: बीएचयू के हृदय विभाग में बिस्तरों की कमी और प्रशासनिक अनियमितताएं

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के हृदय विभाग में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए, पुराने भवन (सर सुंदर लाल अस्पताल) में उपलब्ध 48 बिस्तर रोगियों के इलाज के लिए अपर्याप्त साबित हो रहे थे। कई बार सरकार से बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया गया, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक नए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए धनराशि आवंटित की। यह भवन 2022 में बनकर तैयार हुआ और फरवरी 2022 में प्रधानमंत्री जी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया। नए भवन में हृदय रोगियों के इलाज के लिए कुल 89 बिस्तर आवंटित किए गए, जिसमें से 41 नए बिस्तर थे और पुराने भवन में मौजूद 48 बिस्तर भी शामिल थे।

हालांकि, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. के. के. गुप्ता (जिन पर ब्लड बैंक घोटाले और कई अन्य गंभीर आरोप हैं) ने अपने पदभार ग्रहण करने के बाद हृदय विभाग पर पुराने भवन के 48 बिस्तर छोड़कर केवल 41 बिस्तर लेने का दबाव बनाना शुरू किया, जो कि पहले से आवंटित बिस्तरों की संख्या से भी 7 कम था। उस समय मैं विभाग का अध्यक्ष था और मैंने इस निर्णय का विरोध किया। इस मामले पर मैंने संस्थान के भूतपूर्व निदेशक, कुलपति और सरकार को पत्र लिखे। इसके परिणामस्वरूप भूतपूर्व निदेशक द्वारा एक 5 सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसमें मैं भी शामिल था।

समिति ने बहुमत से यह निर्णय लिया कि हृदय विभाग को नए भवन (सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक) में शिफ्ट किया जाएगा और 90 बिस्तर विभाग को चौथे तल्ले पर आवंटित किए जाएंगे। इसके साथ ही, पांचवे तल्ले पर स्थित कैथ लैब कॉम्प्लेक्स और एकेडमिक ब्लॉक भी हृदय विभाग के अधीन रहेगा। लेकिन चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गुप्ता ने इस निर्णय को मानने से इंकार कर दिया।

जब कोई समाधान नहीं निकला, तो मैंने 6 मार्च 2023 को आंदोलन करने की नोटिस दी। इसके बाद 8 मार्च 2023 को निदेशक और डीन के साथ एक सहमति बनी कि आंदोलन नहीं किया जाएगा और हृदय विभाग को 90 बिस्तर तुरंत आवंटित किए जाएंगे। हालांकि, चिकित्सा अधीक्षक ने निदेशक और डीन के लिखित आदेश को भी मानने से इंकार कर दिया, जिसके विरोध में मैंने 21 दिनों तक आमरण अनशन किया।

अनशन के दौरान, संस्थान के निदेशक ने मीडिया के माध्यम से झूठी जानकारी फैलाई कि विभाग को 61 बिस्तर दिए गए हैं और बाकी 29 बिस्तर जल्द ही दिए जाएंगे, जबकि सच्चाई यह है कि चौथे तल्ले पर 24 बिस्तरों के मानक वाले कमरे में 6 बिस्तर बढ़ाकर उसे 30 बिस्तर बताया गया और कैथ लैब में स्थित 14 अस्थायी बिस्तरों को भर्ती बिस्तर के रूप में गिना गया। इस प्रकार, हृदय विभाग को वास्तविक रूप से 61 बिस्तर भी नहीं मिले हैं, और निदेशक ने जनता को गुमराह करने का प्रयास किया है।

वर्तमान में, हृदय विभाग को आवंटित 90 बिस्तरों में से 49 बिस्तर छीने जाने की कोशिश की जा रही है, जबकि पहले ही आवंटित 48 बिस्तर रोगियों की जरूरतों के लिए अपर्याप्त थे। यह हृदय रोगियों के प्रति अत्याचार है।

दुर्भाग्य से, वर्तमान हृदय विभागाध्यक्ष प्रो. विकास अग्रवाल, जो स्वयं विवादित नियुक्ति और निजी प्रैक्टिस में लिप्त हैं, चिकित्सा अधीक्षक के दबाव में घुटने टेक चुके हैं। वे अपनी नौकरी और निजी स्वार्थों की रक्षा के लिए 49 बिस्तरों का समझौता कर चुके हैं, जबकि उनके पास ऐसा करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

यह गंभीर समस्या प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र काशी में स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान में घटित हो रही है। दुर्भाग्य की बात यह है कि जब मैंने इस मुद्दे पर एक पत्रकार वार्ता आयोजित की, तो कुलपति ने बाउंसर और सुरक्षा कर्मियों को भेजकर इसे रुकवाने का प्रयास किया। यहां तक कि उन्होंने लंका थाने से भी मेरी पत्रकार वार्ता को रुकवाने की गुहार लगाई, जिसे थाना प्रभारी ने ठुकरा दिया।

यह घटनाक्रम अत्यंत निंदनीय है और इस पर तत्काल उच्च स्तरीय कार्रवाई की जानी चाहिए।

प्रो. (डॉ.) ओम शंकर
पूर्व विभागाध्यक्ष, हृदय रोग विभाग
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी

26/09/2024

26 सितंबर का इतिहास: भारत और विश्व के महत्वपूर्ण घटनाक्रम

सितंबर 26, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज

# 26 सितंबर का इतिहास: भारत और विश्व के महत्वपूर्ण घटनाक्रम


26 सितंबर का दिन इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। इस दिन ने भारत और विश्व के इतिहास में अपना एक विशेष स्थान बनाया है। आइए इस लेख में हम 26 सितंबर को हुई कुछ प्रमुख घटनाओं पर एक नज़र डालें।

## भारतीय इतिहास में 26 सितंबर

### स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म (1824)

26 सितंबर, 1824 को **स्वामी दयानंद सरस्वती** का जन्म हुआ था। वे आर्य समाज के संस्थापक थे और भारतीय समाज में सुधार लाने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने जाति प्रथा, मूर्ति पूजा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। उनका "वेदों की ओर लौटो" का नारा बहुत प्रसिद्ध हुआ।

### भगत सिंह का जन्म (1907)

इसी दिन 1907 में महान क्रांतिकारी **भगत सिंह** का जन्म हुआ था। उन्होंने अपने जीवन को भारत की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया। उनकी वीरता और देशभक्ति ने युवाओं को प्रेरित किया और वे आज भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक माने जाते हैं।

### भारतीय संविधान का अंगीकरण (1949)

26 सितंबर, 1949 को भारतीय संविधान सभा ने **राष्ट्रगान 'जन गण मन'** को अपनाया। यह दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

## विश्व इतिहास में 26 सितंबर

### पहले टेलीविजन डिबेट का प्रसारण (1960)

26 सितंबर, 1960 को अमेरिका में पहली बार **राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच टेलीविजन डिबेट** का प्रसारण हुआ। इस बहस में जॉन एफ केनेडी और रिचर्ड निक्सन ने हिस्सा लिया। यह घटना राजनीतिक संचार के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत थी।

### कॉन्कॉर्ड का पहला वाणिज्यिक उड़ान (1973)

इसी दिन 1973 में **कॉन्कॉर्ड सुपरसोनिक जेट** ने अपनी पहली वाणिज्यिक उड़ान भरी। यह विमानन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसने यात्रा के समय को काफी कम कर दिया।

### चीन में पहला अंतरिक्ष यात्री का प्रक्षेपण (2008)

26 सितंबर, 2008 को चीन ने अपने पहले **अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजा**। यह चीन के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी और इसने उसे अंतरिक्ष की दौड़ में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया।

## 26 सितंबर का महत्व

26 सितंबर का दिन विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि:

1. **सामाजिक सुधार**: स्वामी दयानंद सरस्वती के जन्म से हमें याद आता है कि समाज में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।

2. **देशभक्ति और बलिदान**: भगत सिंह का जन्मदिन हमें देश के लिए त्याग और बलिदान की भावना से प्रेरित करता है।

3. **लोकतांत्रिक मूल्य**: राष्ट्रगान के अंगीकरण से हमें लोकतंत्र के महत्व का एहसास होता है।

4. **तकनीकी प्रगति**: कॉन्कॉर्ड और अंतरिक्ष मिशन जैसी घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि मानव जाति कैसे निरंतर प्रगति कर रही है।

5. **संचार का महत्व**: पहले टेलीविजन डिबेट से हमें पता चलता है कि संचार के माध्यम कैसे बदल रहे हैं और उनका प्रभाव कितना व्यापक है।

## निष्कर्ष

26 सितंबर का दिन हमें याद दिलाता है कि इतिहास हमेशा बनता रहता है। हर दिन कुछ न कुछ ऐसा होता है जो भविष्य को प्रभावित करता है। यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम भी अपने जीवन में कुछ ऐसा करें जो इतिहास में दर्ज किया जा सके।

हमें इन घटनाओं से सीख लेनी चाहिए और अपने देश और समाज के विकास में योगदान देना चाहिए। चाहे वह सामाजिक सुधार हो, वैज्ञानिक प्रगति हो या फिर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा, हर क्षेत्र में हमारी भूमिका महत्वपूर्ण है।

आइए हम सब मिलकर एक ऐसा भविष्य बनाएं जिस पर आने वाली पीढ़ियां गर्व कर सकें। 26 सितंबर का दिन हमें याद दिलाता है कि हर दिन एक नया इतिहास बनाने का अवसर लेकर आता है। हम सभी के पास यह शक्ति है कि हम अपने कार्यों से इतिहास को नई दिशा दे सकें।
 
https://roadwaynews.com/26-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%82%e0%a4%ac%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%87%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%b5

24/09/2024

28 सितंबर को हरोड़ा भिटिया, चंदौली में संयुक्त वाम मोर्चा और भगत सिंह विचार मंच द्वारा एक बड़े सम्मेलन का आयोजन।

सितंबर 24, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज

28 सितंबर को हरोड़ा भिटिया, चंदौली में संयुक्त वाम मोर्चा और भगत सिंह विचार मंच द्वारा एक बड़े सम्मेलन का आयोजन।

सभी समाजवादी लोगों से अनुरोध है कि वे इस सम्मेलन में भाग लें।

इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में भाग लेकर आप समाजवादी विचारधारा को मजबूत करने में अपना योगदान दे सकते हैं। यह आयोजन हमारे समाज के विभिन्न वर्गों के बीच एकता और समानता के संदेश को फैलाने का एक अनूठा अवसर है।

सम्मेलन में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा होने की संभावना है:

1. वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य और समाजवादी आंदोलन की भूमिका
2. भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता और उनका वर्तमान समय में महत्व
3. किसान और मजदूर वर्ग की समस्याएँ और उनके समाधान
4. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में समाजवादी नीतियों का महत्व
5. युवाओं के लिए रोजगार के अवसर और उनकी भूमिका

आप सभी से अनुरोध है कि इस सम्मेलन में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर इसे सफल बनाएँ। अपने साथियों, मित्रों और परिवार के सदस्यों को भी इस बारे में सूचित करें ताकि वे भी इस महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा बन सकें।

सम्मेलन का समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
स्थान: हरोड़ा भिटिया, चंदौली


कृपया समय पर पहुँचें और अपने साथ पहचान पत्र अवश्य लाएँ। सम्मेलन स्थल पर पंजीकरण की व्यवस्था की गई है।

आइए, मिलकर एक मजबूत और न्यायसंगत समाज का निर्माण करें। हम आपकी उपस्थिति की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
सुदामा पाण्डे द्वारा समाचार विज्ञप्ति - भगत सिंह विचार मंच (6306413290)
 भगत सिंह विचार मंच (6306413290)

22/09/2024

बिहार और देश में दलित समुदाय के साथ मनुवादियों द्वारा हिंसा एक रिपोर्ट

सितंबर 22, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज           **नवादा* , *बिहार* : *महादलितों* *पर* *अत्याचार* *नीतीश* *सरकार*  *द्वारा* *मनुवादी* *फासीवादी* *ताकतों* *के* *तलवे* *चाटने* *का* *नतीजा*
 
 *कॉरपोरेट* - *भूस्वामी* - *भगवा* *मनुवादी* *जातिवादी* *गठजोड़* *के* *खिलाफ* *संघर्ष* *करें*
  
 *जाति* *जनगणना* *की* *मांग* *पर* *एकजुट* *हों**

- *जाति* *उन्मूलन* *आंदोलन* 
रोडवे न्यूज़ मैगजीन की बंडू मेश्राम से ताज़ा रिपोर्ट 


बिहार के नवादा जिले में 18 सितंबर को एक भयावह घटना घटी है। तथाकथित उच्च जाति के दबंगों ने(  प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार इनमें यादव और दलित पासवान समुदाय के लोग भी  शामिल थे) कृष्णा नगर महादलित बस्ती में ग़रीब महादलितों के साथ मारपीट की, 40-50 घरों को आग लगा दी। इस हमले में महादलितों के घर जलकर खाक हो गए, उनकी संपत्ति नष्ट हो गई और उन्हें गाँव से भागने पर मजबूर कर दिया गया। इस घटना ने यह दिखाया कि आज भी समाज में जातिगत उत्पीड़न और आतंक गहराई से जड़ जमाया हुआ है। यह हमला न केवल जातिगत उत्पीड़न और जमीन  पर स्वामित्व की सच्चाई को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि आज की कॉरपोरेट भगवा फासीवादी व्यवस्था,  निर्मम जातिव्यवस्था  का किस तरह फायदा उठाती है।

नवादा की घटना कोई एकाकी घटना नहीं है; भारत में दलितों पर होने वाले अत्याचारों का एक लंबा इतिहास है। हाल की ही कुछ घटनाओं पर नज़र डालें तो यह साफ़ हो जाता है कि आज भी देशभर में दलितों/ उत्पीड़ितों पर अत्याचार जारी है। 

-हाथरस, उत्तर प्रदेश (सितंबर 2020):19 साल की दलित लड़की के साथ बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे देश को हिला दिया था। इस मामले में न केवल पुलिस और  प्रशासन की मिलीभगत सामने आई, बल्कि फासिस्ट योगी आदित्यनाथ सरकार का रवैया भी पूरी तरह से जातिगत भेदभाव से प्रेरित दिखा। लड़की का रातों-रात अंतिम संस्कार कर दिया गया, ताकि घटना पर पर्दा डाला जा सके। इस घटना की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने भीषण प्रताड़ित किया विशेषकर केरल के पत्रकार सिद्धिक कप्पन को जो कि निरपराध थे जेल में बरसों सड़ाया गया।यहां ,हाथरस कांड के बलात्कारी हत्यारे लोग राजपूत ठाकुर जाति के थे ,लेकिन  गोदी मीडिया ने इस बात का उल्लेख नहीं किया।

-गुजरात, ऊना (2016): चार दलित युवकों को मृत गाय की खाल उतारने के लिए सार्वजनिक रूप से पीटा गया और उन्हें जीप में बांधकर अर्ध नग्न अवस्था में घसीटा गया।ये क्रूर अत्याचार ,खुद को सांस्कृतिक संगठन कहने वाले संघ परिवार के आनुषंगिक संगठन के नेतृत्व में हुआ।

-उत्तर प्रदेश, गोहरी इलाहाबाद  में सामूहिक गैंग रेप और हत्याकांड( 2021):
गोहरी में योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले कार्यकाल में एक दलित मजदूर के परिवार में पति, पत्नी,किशोरी बेटी और विकलांग बेटे की हत्या ,दबंग जाति के भूस्वामी परिवार के लोगों ने कर दी।हत्या के पहले मां और बेटी के साथ गैंग रेप किया गया। आज तक पुलिस ने दोषियों पर कार्रवाई नहीं की।

-उन्नाव कांड,उत्तर प्रदेश( 2020):
ये तो बहुत चर्चित कांड है जहां भाजपा का बाहुबली विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने दलित लड़की के साथ बलात्कार कर उसे जान से मारने की कोशिश की और उस लड़की के परिवार में कई लोगों का खून कर दिया।उस पर पूरी भाजपा सरकार का संरक्षण होने के कारण ,उसे गिरफ्तार कर मुकदमा चलाने में भी बहुत मुश्किलें सामने आई।आज तक हाथरस,गोहरी की तरह उन्नाव कांड में भी पीड़ितों को सही तरीके से न्याय नहीं मिल पाया है।
-तमिलनाडु, विल्लुपुरम (2021): दलित समुदाय के लोगों पर ऊँची जाति के लोगों ने हमला कर दिया। उन्हें जमीन और पानी जैसे बुनियादी संसाधनों से वंचित करने के लिए लगातार दबाव बनाया गया। दलितों को उनकी जमीनों से बेदखल करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए।
-उत्तर प्रदेश, औरैया (अप्रैल 2023): एक दलित परिवार पर उच्च जाति के लोगों ने सिर्फ इसलिए हमला किया क्योंकि उन्होंने गाँव के कुएँ से पानी लेने की कोशिश की थी। इस मामले में भाजपा सरकार की पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय दलित परिवार पर ही झूठे आरोप लगाए।
-मध्य प्रदेश, सागर (जून 2023): राज्य में भाजपा शासन काल के दौरान एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई क्योंकि उसने ऊँची जाति के व्यक्ति के साथ बात करने की “जुर्रत” की थी। भाजपा शासित मध्य प्रदेश के सीधी जिले में  भाजपा के एक ब्राम्हण नेता ने आदिवासी युवक पर पेशाब कर दिया था।ये घटनाएं दर्शाती हैं कि कैसे आज भी दलितों को सामाजिक व्यवस्था में निचले पायदान पर रखा जाता है और उन्हें अपने मौलिक अधिकारों से वंचित किया जाता है।ज्यादातर जातिगत उत्पीड़न की घटनाएं भाजपा जहां सत्तासीन है वहां और मोदी सरकार के दस सालों से भी अधिक के शासन में हुए हैं,और अभी भी जारी हैं।

ऐसी घटनाएं बार-बार बताती हैं कि आज भी देश के अधिकांश हिस्सों में दलित और आदिवासी समुदाय जातीय अत्याचार का शिकार है। अगर आंकड़ों की बात करें तो, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, दलितों के खिलाफ अत्याचार के 50,291 मामले दर्ज हुए। मोदी सरकार के दस सालों में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है।ये आंकड़े हमें इस कड़वी सच्चाई का एहसास कराते हैं कि सामाजिक न्याय और समानता के दावों के बावजूद, जातिगत उत्पीड़न की जड़ें हमारे समाज में आज भी गहरी हैं। आज भी ब्राम्हणवादी उच्च जातियों के पास अधिकांश कृषि भूमि का स्वामित्व है। दलितों को संपत्ति ,शिक्षा और जमीन से वंचित रखना मनुवादी जातिवादी व्यवस्था की वह कड़ी है, जो उन्हें न केवल आर्थिक रूप से कमजोर करती है, बल्कि सामाजिक रूप से भी उनके सम्मान और अधिकारों का हनन करती है। 

आज दलितों/ उत्पीड़ितों,आदिवासियों,गरीब मेहनतकश जनता,अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमान जनता और महिलाओं के खिलाफ  घोर मनुवादी पितृसत्तात्मक बहुसंख्यकवादी  फासिस्ट दमन बहुत तेज हो गए हैं तो 
इसमें आश्चर्य नहीं  होना चाहिए।क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने फासीवादी संगठन आरएसएस के नेतृत्व में पूरे देश और समाज का फासीवादीकरण हो गया है।आरएसएस का वैचारिक आधार निर्मम मनुस्मृति है।जिसके अनुसार तमाम दलित/ उत्पीड़ित,पिछड़ा वर्ग,आदिवासी समुदाय और महिलाओं को मानव का दर्जा  नहीं बल्कि ताकतवर ब्राम्हणवादियों के गुलाम का  दर्जा प्रदान किया गया है।फासिस्ट संघ परिवार का हिंदुराष्ट्र ,महाभ्रष्ट कॉरपोरेट घराने अडानी अंबानी सरीखे धन्ना सेठों का हिंदुराष्ट्र है।जिसमें देश के 80 फीसदी बहुजनों की हालत कीड़े मकोड़े से ज्यादा नहीं है।मनुस्मृति आधारित इस हिंदुराष्ट्र का आधार है क्रूर जाति व्यवस्था,जिसे आरएसएस और उसके आनुषंगिक संगठन जायज ठहराते हैं। 1947 के पहले के उपनिवेषिक व्यवस्था / गुलामी के दौरान और  1947 के  बाद भी नव उपनिवेशिक व्यवस्था के तहत  शासक वर्गों(  साम्राज्यवाद के दलाल कॉरपोरेट पूंजीपतियों और भूस्वामी वर्ग ) ने जाति व्यवस्था और जातिगत शोषण को न सिर्फ बनाये रखा है, बल्कि इसे अपने फायदे के लिए और इससे तालमेल बिठाकर बेहतर इस्तेमाल भी कर रहा है। कॉरपोरेट पूंजीवाद और आरएसएस मनुवादी फासीवाद  का गठजोड़ एक ऐसी क्रूर जाति व्यवस्था बनाता है जिसमें ग़रीब दलितों/ उत्पीड़ितों को हमेशा शोषित और वंचित बनाए रखा जाता है। साम्राज्यवादी और कॉरपोरेट पूंजीवादी व्यवस्था का मुनाफा तभी सुरक्षित रहता है जब समाज में असमानता,नफ़रत और विभाजन बना रहे। जाति की दीवारें इस असमानता को बनाए रखने का सबसे मजबूत साधन हैं। ब्राम्हणवादी ऊँची जातियाँ, कॉरपोरेट धन्नासेठ  और सत्ता में बैठे लोग मिलकर ग़रीब दलितों की ज़मीनें हड़पते हैं, उन्हें कम मजदूरी पर काम करने के लिए मजबूर करते हैं और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को रोकते हैं।

असल में भारत और नेपाल में जहां निर्मम जाति व्यवस्था मौजूद है वह दलितों/ उत्पीड़ितों जो कि समाज का बड़ा मेहनतकश वर्ग है के श्रम के अतिरिक्त मूल्य / बेशी मूल्य को लूटने का सबसे बड़ा आयोजन हजारों सालों से शासक वर्गों कर रहा है।

आज जब फासिस्ट आरएसएस  और उसके राजनैतिक उपकरण भाजपा जैसे फासिस्ट संगठन "हिंदू एकता" का नारा लगाते हैं, तो यह सवाल उठता है कि वे दलितों पर होने वाले अत्याचार पर चुप क्यों हैं। असल में, इन्होंने तो शूद्रों ( ओबीसी) या अति शूद्रों( दलित/ उत्पीड़ित) को कभी सनातनी हिंदू माना ही नहीं।सिर्फ चुनाव के समय इन्हें दलितों, उत्पीड़ितों,आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों की याद आती है।जब ये हिंदू खतरे में है कहकर मंदिर और कमंडल के पक्ष में लोगों को मंडल( बहुजन/ दलित राजनीति / दर्शन) से दूर करने का पुरजोर कोशिश करते हैं।इन पार्टियों की राजनीति ही  कॉरपोरेट धनिकों और ऊँची जातियों के प्रभुत्व को बनाए रखने के लिए है। ये संगठन केवल "हिंदू एकता" का मुखौटा पहनते हैं, लेकिन उनके असली एजेंडे में जातिगत भेदभाव और कॉरपोरेट पूंजीवादी हितों की सुरक्षा होती है। जब नवादा जैसी घटनाएँ होती हैं, तब यह स्पष्ट हो जाता है कि ये पार्टियाँ दलितों के पक्ष में नहीं, बल्कि ऊँची जातियों के दबंगों,भूस्वामियों और पूंजीपतियों के साथ खड़ी हैं। यह उनका पाखंड और दोहरी नीति है।इसीलिए फासिस्ट संघ परिवार,जाति जनगणना का कट्टर विरोधी है।क्योंकि इससे इसके हिंदुराष्ट्र का गुब्बारा फट जायेगा।

नवादा की घटना से हमें यह सबक लेना होगा कि  मनुवादी जातिगत उत्पीड़न और कॉरपोरेट पूंजीवादी शोषण आपस में गहरे जुड़े हुए हैं। जब तक इस कॉरपोरेट भगवा मनुवादी व्यवस्था को चुनौती नहीं दी जाएगी, तब तक दलितों/ उत्पीड़ितों का शोषण जारी रहेगा।दूसरी महत्वपूर्ण बात है अन्य पिछड़े वर्गों और दलितों में से कुछ तबकों का अति दलित या महा दलितों के प्रति विरोध और उपेक्षा।आरएसएस यही  तो चाहता है कि  पहचान की राजनीति या सोशल इंजीनियरिंग के नाम पर समाज के 80 फीसदी दलित/ उत्पीड़ित , पिछड़ा वर्ग,आदिवासी समुदाय आपस में लड़ते रहें ।हरियाणा के नूह से लेकर मणिपुर तक संघ परिवार इसी नफ़रत और विभाजन के जहर  को फैला रहा है।आज जरूरत है महा दलितों या दलितों में जो पिछड़े हैं उन तबकों को भी दलितों के बराबर उचित प्रतिनिधित्व और सम्मान देने की। इसके लिए हमें जाति आधारित जनगणना की मांग को लोकप्रिय बनाते हुए देशव्यापी साझा अभियान चलाना होगा।
आज वक्त की पुकार है कि मनुवादी हिंदुत्व के खिलाफ तमाम दलित / उत्पीड़ित, पिछड़ा वर्ग,आदिवासी समुदाय,गरीब मेहनतकश जनता,अल्पसंख्यक समुदाय और महिलाएं एक होकर फौलादी एकता बनाएं और एक जातिविहीन धर्मनिरपेक्ष ,लैंगिक समानता और वैज्ञानिक चेतना युक्त समतावादी समाज के निर्माण के लिए साथ साथ  लड़ें।जाति और पूंजी का यह गठजोड़ न केवल दलितों, बल्कि पूरे मेहनतकश समाज के लिए खतरा है। इसे समाप्त किए बिना न तो समाज में सच्ची समानता आएगी और न ही सामाजिक न्याय।

यह समय है कि मेहनतकश शोषित पीड़ित जनता जाति और धर्म की दीवारों को तोड़कर एकजुट हो। यह केवल दलित समुदाय का मुद्दा नहीं है, यह पूरे समाज का मुद्दा है। कॉरपोरेट पूंजीवाद और  भगवा मनुवादी जातिवाद का ख़ात्मा करके ही हम एक ऐसे समाज की स्थापना कर सकते हैं, जहाँ समाज की 80 फीसदी गरीब शोषित/ उत्पीड़ित,  मेहनतकश जनता को समान अधिकार, सम्मान और न्याय मिले।जनता को लूटने वाले कॉरपोरेट भगवा मनुवादी फासिस्ट ताकतों का नाश हो।

—बंडू मेश्राम, एम के डासन,तुहिन
जाति उन्मूलन आंदोलन संयोजक मंडल की ओर से
( संपर्क 9425560952)

नई दिल्ली,22 सितंबर 2024

20/09/2024

जनसंघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़

सितंबर 20, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         प्रेस विज्ञप्ति 


 *जन* *संघर्ष* *मोर्चा* , *छत्तीसगढ़* *ने* *बिलासपुर* *में* ** *फिलिस्तीन* *का* *झंडा* *लहराने* *के* *आरोप* *में* *हिंदूवादी* *संगठनों* *के* *दबाव* *में* *अल्पसंख्यक* *समुदाय* *को* *प्रताड़ित* *करने* *के* *लिए* *पुलिस* *प्रशासन* *की* *कड़ी* *निन्दा* *की* 

बिलासपुर सहित पूरे राज्य में शांति व सौहाद्र के माहौल को बिगाड़ने की साजिश का लगाया आरोप

रायपुर,छत्तीसगढ़,20 सितंबर 2024 ।विदित हो कि गत दिनों ईद के अवसर पर तोरण में फिलिस्तीन के झंडे की आकृति उकेरने को लेकर मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ ,फासिस्ट संघ परिवार के इशारे पर पुलिस प्रशासन ने पूर्वाग्रह पूर्ण कारवाई की।पुलिस ने फिलिस्तीन का झंडा लहराने के आरोप में मुस्लिम समुदाय के 20-25 लोगों को हिरासत में लिया,तोरण बनाने वालों को  आरोपी बनाया और उन्हें परेशान  करने के लिए जमानत  का भी विरोध किया जा रहा है।
जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ ने इस पूरे घटनाक्रम पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि फिलिस्तीन राष्ट्र को पूरे विश्व जनमत के साथ भारत ने भी लंबे समय से मान्यता दे रखी है।गुट निरपेक्ष आंदोलन के समय से ही भारत ,इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर बलपूर्वक कब्जे का और कत्ल ए आम  का पुरजोर विरोध करता आया है और फिलिस्तीन के मुक्ति संघर्ष का समर्थन करता आया है।लेकिन पिछले दस सालों से अधिक समय से सत्तारूढ़ धुर दक्षिणपंथी मोदी सरकार जो फासिस्ट आरएसएस के मार्गदर्शन में संचालित होती है,ने यहुदीवादी युद्ध अपराधी हत्यारे इजरायल का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करना शुरू किया है।और ये किया जा रहा है इस्लामोफोबिया या मुसलमानों को सारी समस्याओं को जड़ बताते हुए उनको प्रताड़ित करना या हमलों का निशाना बनाते हुए।मोदी सरकार  ,अमरीकी साम्राज्यवाद के निर्देश पर  इजरायल को हथियारों की मदद,कूटनैतिक मदद और रक्षा/ जांच मामलों में परस्पर सहयोग से लेकर इजरायल के आग्रह पर युद्ध ग्रस्त फिलिस्तीन में भारतीय मजदूरों को जान जोखिम में डालकर भेज रही है । पिछले एक वर्ष में इसराइल ने गाज़ा पट्टी,वेस्ट बैंक, सीरिया और लेबनान में 45000 से अधिक निरपराध फिलिस्तीनी नागरिकों को मार डाला है और 90000 से अधिक लोगों को गंभीर रूप से घायल किया है।इनमें से आधे  मरीज और बच्चे हैं।हाल ही में इसराइल की दुनिया में सबसे घृणित आतंकी  गुप्तचर संगठन" मोसाद"( भारत सरकार   देश में पेगासस वायरस के जरिए सरकार  विरोधी लोगों की जासूसी और रक्षा एवम गृह मंत्रालय के कार्यक्रमों   में इसी मोसाद से सहयोग ले रही है ) ने पेजर,मोबाइल फोन आदि में रिमोट कंट्रोल के जरिए विस्फोट करके लेबनान के शरणार्थी शिविरों में कई फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्या की ओर बड़े पैमाने पर लोगों को घायल किया है।जब संयुक्त राष्ट्र संघ में इसराइल को फिलिस्तीन में चलाए जा रहे जन संहार को रोकने और फिलिस्तीन पर इसराइल के कब्जे को अवैध ठहराने का प्रस्ताव लाया जाता है तो मोदी सरकार तमाम गुट निरपेक्षता की नीतियों को तिलांजलि देकर इसराइल का समर्थन करते हुए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान नहीं करती या  बहिर्गमन(वॉक आउट) करती है।
जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ ने सवाल उठाया है कि फिलिस्तीन के झंडे को दिखाना कब से आतंकवादी कृत्य हो गया। हमारे देश में कम से कम 20 राज्यों में पूरी दुनिया की तर्ज पर फिलिस्तीन में इसराइल द्वारा संचालित जन संहार को रोकने के लिए प्रदर्शन और सेमिनार आयोजित किए गए हैं,तो क्या मोदी सरकार उन सबको गैरकानूनी करार दे देगी।मोर्चा ने कहा कि हिंदूवादी संगठन,भाजपा सरकार की गरीबी,बेरोजगारी,मंहगाई हर मोर्चे पर घोर असफलता को  ढकने के इरादे से नफ़रत और विभाजन का जहर पैदा कर जनता को भ्रमित करना चाह रही है।जनता को मालूम होना चाहिए कि ये सब राज्य में शांति और सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने की साजिश है।फिलिस्तीन राष्ट्र को संयुक्त राष्ट्र संघ ने तीस साल पहले से मान्यता दे रखी है और फिलिस्तीन हमेशा से भारत का मित्र रहा है।आतंकवादी और दुष्ट राष्ट्र अगर कोई है तो वह इजरायल है जो दुनिया को फिर से विश्व युद्ध की आग में झोंक देना चाहता है।जिसके साथ मोदी सरकार गलबहियां डाल रही है।जन संघर्ष मोर्चा ने छत्तीसगढ़ में शांति और सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश रचने वाले संगठनों को चिन्हित कर कारवाई करने की मांग की है।

प्रसाद राव,लखन सुबोध,एडवोकेट शाकिर कुरैशी, सौरा,कलादास,सविता बौद्ध,नीरा डहरिया,तुहिन
(जन संघर्ष मोर्चा 
संयोजक मंडल की ओर से )
संपर्क-9981743344,9301802425,9425560952

18/09/2024

भारतीय राजनीति पर राधेश्याम यादव से सर्वे रिपोर्ट

सितंबर 18, 2024 0

सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज                भारत में  अंत मेरा लोकतंत्र है -हरिशंकर शर्मा     



                                                                                                1.  जिस लोकतंत्र को हम रामराज समझ रहे हैं उसे बड़ी बड़ी कंपनियों के दलाल और एजैंट चला रहे हैं। बीजेपी के पास मंदिर मस्जिद और हिन्दू मुस्लमान के अलावा कोई मुद्दा नहीं है। 

2.    हमारी लड़ाई हिन्दू मुसलमान ऊंच नीच और जात पात की लड़ाई नहीं है। हमारी लड़ाई उन लोगों से है जो राजनैतिक संवैधानिक और न्यायिक पदों पर बैठकर लाखों करोड़ का घोटाला कर रहे हैं और देश की जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। 

3.    देश में दल्लों का एक बहुत बड़ा साम्राज्य खड़ा हो चुका है। दल्ले ही सरकार बना रहे हैं और दल्ले की सरकार चला रहे हैं। दल्लों की जीत लोकतंत्र की जीत नहीं हो सकती। दल्लों की कामयाबी एक दिन आपके बच्चों के भविष्य की बरबादी और देश की तबाही का कारण बनेगा। 

4.    सरकार समस्याओं का समाधान करने के बजाय समस्याएं पैदा कर रही है। अदालतें मामलों को और अधिक उलझा रही है। 

5.     पुलिस डाक्टर मीडिया और सरकारी विभाग सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। सरकार फर्जी आंकड़े तैयार कर लाखों करोड़ का घोटाला कर रही है। 

6.    वे चाहते हैं कि हर काम ठेके पर हो। घूंस कमीशन और दलाली का धंधा चलता रहे और लोग पांच किलो राशन लेकर अपनी जुबान बंद रखे। 

7.    योजनाए घोटाले के लिए और कानून देश की जनता को लूटने के लिए बनाए जाते हैं। सरकार दो करोड़ की योजना पर दो हजार करोड़ की योजना तैयार करती है। पैसा नेता और नौकरशाहों में बट जाता है। देश क्या खाक तरक्की करेगा। 

8.     सभी राजनैतिक पार्टियां मिलकर इस देश को लूट रही हैं। सरकार जनता की आंखों में धूल झोंक रही हैं। देश में 250 से अधिक आयोग और 35 हजार से ज्यादा कानून हैं लेकिन आम आदमी को न्याय नहीं है। 

9.    चोर और चौकीदार सब मिले हुए हैं। हमारी कमाई की मलाई को कुत्ते चाट रहे हैं। देश में हो रही लूट हत्या बलात्कार और भ्रष्टाचार के लिए देश का प्रधानमंत्री जिम्मेदार है। 

10.    भारत एक ऐसा देश है जिसमें पुलिस वाला कानून के नाम से लूटता है। नेता सेवा के नाम से लूटता है। डाक्टर इलाज के नाम से लूटता है और वकील न्याय के नाम से लूटता है। 

11.    जो जितने बडे़ पद पर है वो उतना ही अधिक भ्रष्ट है। सरकारी विभाग पहले भी भ्रष्ट थे और आज भी भ्रष्ट हैं। 

12.    देश में 80% नेता  90%  नौकरशाह और  95% जज भ्रष्ट हैं। भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं किया गया तो ये नेता नौकरशाह और जज पूरे देश को बेचकर खा जाएंगे। 

13.     कानून संविधान और न्याय के मंदिर कमाई दलाली ब्लैकमेलिंग और भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए हैं। इन्हें सुधारने की जरूरत है। 

14.    देश की राजनीति और न्याय प्रणाली एक बदनुमा दाग है। इसे साफ करना जरूरी है। देश की सभी सेवाओं का ढांचा भ्रष्ट हो चुका है। देश को एक नई वैचारिक क्रांति की जरूरत है। 

15.    चुनाव से चेहरे बदलते हैं व्यवस्था नहीं बदलती। अब व्यवस्था बदलने की जरूरत है। व्यवस्था परिवर्तन तथा बदलाव के लिए देश को एक नई क्रांति की जरूरत है।

16.    चुने हुए दलालों से लोकतंत्र की उम्मीद नहीं की जा सकती। दलाली करने वाले देश की समस्याओं का समाधान नहीं कर पाएंगे। 

17.    देश को एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो कानून और न्याय व्यवस्था को ठीक कर देश की समस्याओं का समाधान कर सके।

Harishankar Sharma

16/09/2024

सत्य गृह राजघाट वाराणसी के छठे दिन मिहिर प्रताप दास

सितंबर 16, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         *छठा दिन*
16 सितंबर 2024
सत्याग्रह स्थल
राजघाट, वाराणसी
राजघाट वाराणसी 


*न्याय के दीप जलाएं* 
 100 दिनो का सत्याग्रह आज छठे दिन में प्रवेश कर गया। सुबह 6 बजे सर्व धर्म प्रार्थना के साथ सत्याग्रह की शुरुआत हुई। *उत्कल सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष मिहिर प्रताप दास* उपवास पर बैठे हैं। मूलतः ओडिशा के जाजपुर जिले के रहने वाले 58 वर्षीय मिहिर दास 1995 से गांधी विचार के प्रचार- प्रसार में संलग्न हैं।इनका परिवार स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल रहा है और पिता समाजवादी विचार से जुड़े थे और विधायक भी रहे। मिहिर अखबारों में कॉलम लिखते हैं। इनकी पहचान एक समर्पित व्यक्तित्व के रूप में है।

*गांधी विचार को कोई मिटा नहीं सकता - मिहिर प्रताप दास*

उपवास सत्याग्रही मिहिर प्रताप दास ने सर्व सेवा संघ परिसर के विध्वंस को दुर्भाग्यपूर्ण और गांधी विचार के लिए चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि इस परिसर के जरिए समाज में नैतिक, रचनात्मक एवं आध्यात्मिक प्रवृत्तियों को विकसित करने के कार्यक्रम चलाए जाते थे। इसके विध्वंस ने इन प्रयासों पर आघात तो किया है लेकिन गांधी विचार परंपरा- जिसमें विनोबा, जयप्रकाश सभी शामिल हैं, जो भी दुनिया का भला चाहते हैं- अमर है। गांधी विचार को कोई मिटा नहीं सकता। 

*लोकतंत्र की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है* अलख भाई

सर्वोदय आंदोलन के 87 वर्षीय अलख भाई ने आज सत्याग्रह में शामिल होकर कहा कि कल अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस था। पूरी दुनिया में लोकतंत्र को अबतक के सर्वश्रेष्ठ शासन व्यवस्था के रूप में मान्यता मिली हुई है। हमारे देश में भी स्वतंत्रता आंदोलन के कर्णधारों ने लोकतंत्र की स्थापना की। परंतु आज जिन पर लोकतांत्रिक व्यवस्था के संचालन का दायित्व है, वहीं इसके लिए खतरा बन गए हैं। घर के चिराग से ही घर में आग लग रही है। वर्तमान सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने में लगी हुई है और कानून का सरेआम उल्लंघन कर रही है। ऐसी स्थिति में हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह आगे आए और लोकतांत्रिक व्यवस्था को न केवल संरक्षित करें बल्कि विकसित भी करें।


 *जब जमीन की टोह में आयुक्त परिसर में आए*

18 जनवरी 2023 को *वाराणसी के आयुक्त कौशल राज शर्मा* नमो घाट के आस- पास हो रहे निर्माण कार्य को देखने के क्रम में सर्व सेवा संघ परिसर में भी आए। इसी क्रम में वे प्रकाशन भवन में भी पहुंचे। प्रकाशन की ओर से उन्हें आचार्य विनोबा की प्रसिद्ध पुस्तक *गीता प्रवचन* और महात्मा गांधी की आत्मकथा *सत्य के प्रयोग* उपहार स्वरूप दिया गया। उम्मीद थी कि *वे इन पुस्तकों से प्रेरित होकर सत्य के रास्ते पर चलेंगे* पर अफसोस है कि उन्होंने *असत्य का रास्ता* चुना और सर्व सेवा संघ परिसर की खरीदी हुई *जमीन को हड़पने के षड्यंत्र* में लगे रहे ।

वास्तव में कौशल राज शर्मा नमो घाट की परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त जमीन की तलाश में आए थे। बसंत कॉलेज के तट पर हेलीपैड बन रहा था और इसके लिए एप्रोच रोड की जरूरत थी। यहां यह उल्लेख कर देना उचित है कि ठीक-दो दिन पहले अर्थात 16 जनवरी 2023 को मोइनुद्दीन नामक एक अज्ञात पहचान वाले व्यक्ति ने उप जिला अधिकारी, सदर वाराणसी के यहां खतौनी से सर्व सेवा संघ का नाम हटाकर नॉर्दर्न रेलवे का नाम अंकित करने का आवेदन दे दिया था।

रोज की तरह आज शाम को सर्व धर्म प्रार्थना और दीप प्रज्वलन के साथ सत्याग्रह का समापन हुआ।

आज के सत्याग्रह में 87 वर्षीय अलख भाई, 85 वर्षीय कृष्णा मोहंती, रामधीरज,
अशोक भारत, नंदलाल मास्टर, जागृति राही, शुभा प्रेम, अंतर्यामी बरल, चूड़ामणि साहु, गौरांग चरण राउत, ललित मोहन बेहरा, निलेंद्री साहु और शिवजी सिंह, सुरेश,विद्याधर मास्टर, चेखुर प्रजापति, चौ राजेन्द्र, पंकज भाई आदि शामिल हुए।

रामधीरज 
सर्व सेवा संघ

13/09/2024

पाम ऑयल हार्ट अटैक का कारण

सितंबर 13, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.          महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त एवम अग्रसारित...
पाम ऑयल हार्ट अटैक का कारण है, इसका प्रयोग न करें 

प्रिय मित्रों! मैं डॉ. भावना हूँ और पीजीआई में बाल चिकित्सा सर्जरी के लिए काउंसलर के रूप में काम कर रही हूँ। मैं आपसे एक छोटा सा अनुरोध करना चाहती हूँ। उससे पहले, मैं आपके साथ एक छोटी सी जानकारी साझा करना चाहती हूँ। आप में से कई लोगों ने आज के समाचार पत्रों में पढ़ा होगा कि EMRI के नतीजे बताते हैं कि Heart Attack आने वाले ज़्यादातर लोग 50 साल से कम उम्र के हैं। *आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इसका दोषी Palm Oil है। यह शराब और धूम्रपान दोनों से कहीं ज़्यादा ख़तरनाक है।* *भारत दुनिया में Palm Oil का सबसे बड़ा आयातक है।* Palm Oil का माफिया बहुत बड़ा है। *हमारे बच्चे, जो भविष्य हैं, बहुत बड़े जोखिम में हैं।* इस देश में Palm Oil के बिना कोई भी फ़ास्ट फ़ूड उपलब्ध नहीं है। अगर आप *हमारी किराने की दुकान पर जाएँ, और बच्चों के खाने का कोई ऐसा सामान खरीदने जाएँ जिसमें Palm Oil न हो - तो आप सफल नहीं होंगे।* आपको यह जानकर दिलचस्पी होगी कि *बड़ी कंपनियों के बिस्कुट भी इसी से बनते हैं, और इसी तरह सभी चॉकलेट भी इसी से बनते हैं* हमें यह विश्वास दिलाया जाता है कि वे स्वास्थ्यवर्धक हैं, लेकिन हम कभी भी *घातक पाम तेल या पामिटिक एसिड* के बारे में नहीं जानते थे। *लेज़* जैसी बड़ी कंपनियां पश्चिमी देशों में अलग तेल और भारत में पाम तेल का उपयोग करती हैं* सिर्फ इसलिए कि यह सस्ता है। हर बार जब हमारा बच्चा पाम तेल वाला कोई उत्पाद खाता है, तो मस्तिष्क अनुपयुक्त तरीके से व्यवहार करता है और हृदय के आसपास और अंदर वसा का स्राव करने का संकेत देता है *इससे बहुत कम उम्र में मधुमेह हो जाता है।* विश्व आर्थिक फॉर्म ने अनुमान लगाया है कि कम उम्र में मरने वाले 50 प्रतिशत लोग मधुमेह और हृदय रोग से मरेंगे। *पाम ऑयल माफिया ने हमारे बच्चों को जंक फूड की लत लगा दी है, जिससे फल और सब्जियां एक तरफ रह गईं, जो हृदय की सुरक्षा करती हैं।* अगली बार जब आप अपने बच्चे के लिए कुछ खरीदें, तो उत्पाद का लेबल देखें। अगर उसमें पाम तेल या पामोलीन तेल या पामिटिक एसिड है, तो उसे खरीदने से बचें! कृपया हमारे बच्चों की रक्षा करें। वे हमारे देश का भविष्य हैं! कृपया इस संदेश को आगे बढ़ाएँ। इसे अपने करीबी दोस्तों और परिवार के सदस्यों को भेजना न भूलें। कृपया ध्यान दें कि इसे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाएँ। पुनश्च: कृपया बिना संपादन के साझा करें। 🙏🙏

**भगत सिंह जन्मोत्सव सम्मेलन का आयोजन - भीतेश्वेनाथ मंदिर (हरौरा, चंदौली)**

सितंबर 13, 2024 0
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सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज
**भगत सिंह जन्मोत्सव सम्मेलन का आयोजन - भीतेश्वेनाथ मंदिर (हरौरा, चंदौली)**
babulal yadav (revolution member)


 
ध्यान में रखते हुए कि यह आयोजन भगत सिंह के जन्मोत्सव के लिए आयोजित किया जा रहा है और इसमें देशभक्त लोगों और समाजवादियों को एकजुट करने का संदेश है, मैं आपके लिए एक ब्लॉग पोस्ट का प्रारूप तैयार कर रहा हूँ। इसे आप अपने हिसाब से और विस्तार से भी कर सकते हैं।
 **भगत सिंह जन्मोत्सव सम्मेलन का आयोजन - भीतेश्वेनाथ मंदिर (हरौरा, चंदौली)**
देश के महान स्वतंत्रता सेनानी **भगत सिंह** के जन्मोत्सव पर एक विशेष सम्मेलन का आयोजन **भीतेश्वेनाथ मंदिर (हरौरा, चंदौली)** में किया जा रहा है। यह सम्मेलन **भगत सिंह विचार मंच, कम्युनिस्ट क्रांति केंद्र**, और **सर्वहारा संघर्ष समिति** के तत्वाधान में आयोजित हो रहा है। आयोजन में सभी देशभक्तों, समाजवादियों और आम जनता को शामिल होने का सादर निमंत्रण है। 
**आयोजन का समय और स्थान**
- **स्थान**: भीतेश्वेनाथ मंदिर, हरौरा, चंदौली  
- **समय**: सुबह **10 बजे** से शाम **6 बजे** तक  
- **तारीख**: [यहाँ तारीख जोड़ें, यदि उपलब्ध हो]  
**आयोजक:**
इस ऐतिहासिक सम्मेलन के आयोजक हैं:
- **विजय यादव**, अध्यक्ष, भगत सिंह विचार मंच  
- **सुदमा पाण्डे**, सचिव, कम्युनिस्ट क्रांति केंद्र  
- संपर्क: **6306413290**
**विषय: देशभक्त और समाजवादी विचारधारा का प्रसार**
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य उन देशभक्तों और समाजवादियों को एक मंच पर लाना है जो कड़ी मेहनत और निष्ठा से समाज को एक बेहतर दिशा में ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। सम्मेलन में वक्ताओं द्वारा भगत सिंह के विचारों और उनके बलिदान के बारे में चर्चा की जाएगी, साथ ही यह विचार किया जाएगा कि कैसे आज के समय में उनकी विचारधारा को समाज में लागू किया जा सकता है।
**कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ:**
- **प्रेरणादायक भाषण**: जाने-माने वक्ता और समाज के प्रख्यात लोग भगत सिंह के विचारों पर चर्चा करेंगे।
- **सांस्कृतिक कार्यक्रम**: स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए जाएंगे।
- **आमंत्रण**: यह कार्यक्रम सभी देशभक्त, समाजवादी और मेहनतकश लोगों के लिए खुला है।


**क्यों शामिल हों?**
भगत सिंह का जीवन और उनकी विचारधारा आज के समय में भी अत्यधिक प्रासंगिक हैं। यह सम्मेलन न केवल उनकी विचारधारा को सम्मानित करने का एक अवसर है, बल्कि वर्तमान पीढ़ी को भी उनके बलिदान और विचारों से अवगत कराने का एक मंच है। 

इस कार्यक्रम में भाग लेकर, आप भगत सिंह के आदर्शों के साथ अपने जुड़ाव को मजबूत कर सकते हैं और समाज के लिए अपना योगदान सुनिश्चित कर सकते हैं।

12/09/2024

माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश सरकार

सितंबर 12, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज

माननीय।मुख्य।मंत्री।महोदय
उत्तर।प्रदेश।सरकार।लखनऊ
______&&&____________
विसये।।उत्तर।प्रदेश।के।समस्त।सफाई।कर्मचारियों।को।समान।कार्य।का।समान। वेतन देने।एवं।ठेके। दारी समाप्त।करने।के। सम्बन्ध।में
____________________________महोदय
अनुरोध।के।साथ।अवगत।करना। है।की।उत्तर।प्रदेश।में।हो।रहे। अत्त्या चार।से।मुक्ति।दिलाते।हुए।ठेका।प्रथा।को।समाप्त।कर।समान।कार्य।का।समान।वेतन। लागू करने।का।आदेश।पारित।करते। हुऐ परमानेंट। भर्ती।।करे।जिससे।उत्तर।प्रदेश।के।समस्त।सफाई।कर्मचारियों।का।आने।वाला।समय।उज्जल।हो।और।उनके। बच्चों का।जीवन।सुखमय।हो।
अतः।माननीय।महोदय।जी।से।।संघ।अनुरोध।करता। है।की।समस्त।सफाई।कर्मचारियों।के।उत्थान।हेतु।समेस्य।का।समाधान।करने।की।कृपा।करे
आप।का।संघ।आभारी।रहेगा
भवदीय।
अध्यक्ष।एवं।महा।मंत्री
रामप्रकाश। भारती।संतोष।वर्षा
Shiuram। समुद्रे

10/09/2024

योगी सरकार के उप-चुनावों में ज़्यादा फंड कटेहरी और कम फंड मिल्कीपुर कार्यक्रम

सितंबर 10, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज  *योगी सबसे ज्यादा कटेहरी और सबसे कम मिल्कीपुर पर मेहरबान:* 
प्रेम बहादुर और शमसेर सिंह की योगी सरकार की एक रिपोर्ट 


उपचुनाव से पहले 8 सीटें कवर कीं; 5 हजार करोड़ के पैकेज, 22500 को नौकरी
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अभी यूपी में उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है। उसके पहले ही 10 में से 7 सीटों वाले जिलों में 5 हजार करोड़ की 8 हजार 518 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो गया। यह सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन सीटों पर पहुंचकर किया। 22,500 युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे। सबसे ज्यादा फायदे में अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट रही, जबकि सबसे कम अयोध्या की मिल्कीपुर।
उपचुनाव की कमान अपने हाथ में लेने के बाद एक महीने में योगी ने 8 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। सिर्फ मुजफ्फरनगर की मीरापुर में कोई घोषणा नहीं की। बाकी 7 सीटों पर जनता को बड़ी सौगातें मिली हैं।
दरअसल, लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती सपा का PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूला तोड़ना है। इसीलिए सीएम योगी राष्ट्रवाद और हिंदुत्व पर ज्यादा मुखर दिख रहे हैं।
अक्टूबर-नवंबर में यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। ये अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, कानपुर नगर की सीसामऊ, मैनपुरी, अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, प्रयागराज की फूलपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी और भदोही जिले की मझवां सीटें हैं। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है।
इसलिए योगी ने अब तक मिल्कीपुर और कटेहरी का तीन से चार बार दौरा कर लिया है। खैर, मैनपुरी, सीसामऊ, फूलपुर, मीरापुर और कुंदरकी का एक-एक बार दौरा किया। गाजियाबाद और मझवां में आने वाले दिनों में दौरा करने वाले हैं।
भाजपा से जुड़े नेताओं की मानें, तो सीएम योगी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने उपचुनाव की रणनीति तैयार की। इसमें लोकसभा चुनाव में कमजोर रहे पक्षों को उपचुनाव में मजबूत करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत पूरा उपचुनाव राष्ट्रवाद, रोजगार और विकास के मुद्दे पर लड़ने की रणनीति तय हुई। साथ ही महिलाओं और युवाओं पर खास फोकस करना तय हुआ।

विनोबा जयंती 11 सितंबर से प्रारंभ 100 दिन सत्य गृह राजघाट वाराणसी

सितंबर 10, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज *विनोबा जयंती 11 सितंबर से शुरू होगा 100 दिवसीय सत्याग्रह*
राजघाट वाराणसी 


वाराणसी 9 सितं 24 
 स्वतंत्रता आंदोलन के प्रथम सत्याग्रही आचार्य विनोबा भावे की जयंती 11 सितंबर से सर्व सेवा संघ, राजघाट, वाराणसी परिसर के विध्वंस के विरुद्ध और पुनर्निर्माण के लिए 100 दिन का सत्याग्रह प्रारंभ हो रहा है जो 19 दिसंबर 2024 तक चलेगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि मोदी सरकार ने पिछले साल 12 अगस्त 2023 को बिना किसी न्यायिक आदेश के अवैधानिक तरीके से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों द्वारा निर्मित सर्व सेवा संघ के ऐतिहासिक इमारत को मटियमित कर दिया था। साधना केंद्र को विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण ने बनाया था। यहां तक कि सर्व सेवा संघ प्रकाशन की गांधी विचार की किताबों को सड़क पर फेंक दिया था।
 सत्याग्रह की शुरुआत के प्रथम दिन सर्व सेवा संघ के पांच सत्याग्रही _ अध्यक्ष चंदन पाल, वरिष्ठ गांधीवादी श्रीमती कृष्णा मोहंती, रविंद्र सिंह चौहान, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज एवं सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद कुशवाह उपवास पर बैठेंगे।

*1श्रीमती कृष्णा मोहंती*

उड़ीसा के मुख्यमंत्री एवं सर्व सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष नब कृष्ण चौधरी एवं सर्वोदय नेत्री मालती चौधरी की सुपुत्री 86 वर्षीया सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती कृष्णा मोहंती का पूरा जीवन गांधीवादी मूल्यों के प्रति समर्पित रहा है। वे गांधी जी के आश्रम सेवाग्राम में रही है और बचपन में ही अपनी मां के साथ जेल में बिताया है। सर्व सेवा संघ, राजघाट परिसर में भी कई वर्षों तक उनका निवास रहा है।
आचार्य विनोबा भावे द्वारा प्रारंभ भूदान आंदोलन में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आदिवासी समुदाय में साक्षरता के प्रचार प्रसार के लिए उन्हें भारत सरकार के द्वारा सम्मानित भी किया गया है। उन्हें गांधी पुरस्कार से भी नवाजा गया है।

*2 रविंद्र सिंह चौहान*

 आचार्य विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण के प्रेरणा और प्रयास से 60 के दशक में चंबल के 650 बागियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। रायबरेली, उत्तर प्रदेश के रहनेवाले 85 वर्षीय रविंद्र सिंह चौहान इस अभियान में अत्यंत सक्रियता के साथ शामिल थे। विनोवा जी से प्रभावित होकर उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी और भूदान आंदोलन के हिस्सेदार बन गए।

*3 चंदन पाल*

पश्चिम बंगाल के 75 वर्षीय चंदन पाल पिछले 6 दशकों से सामाजिक जीवन में सक्रिय रहे हैं। 1964 में शांति सेना के साथ उनका सामाजिक जीवन का प्रारंभ हुआ और बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के समय शरणार्थी शिविरों में उन्होंने अपनी सेवा दी। सुनामी के समय अंडमान निकोबार में और सुपर साइक्लोन के वक्त उड़ीसा के राहत कार्य में अपना विशिष्ट योगदान दिया। असम के कोकडाझाड़ में सांप्रदायिक तनाव को दूर कर सद्भाव और शांति स्थापित करने में भी सफलता पाई। वे वहां 5 वर्ष तक रहे।संप्रति, वे सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष की जिम्मेवारी निभा रहे हैं। उनके कार्य को देखते हुए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

*4 रामधीरज* 

आपातकाल के विरुद्ध लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वाले रामधीरज 19 महीने तक मीसा के अंतर्गत जेल में रहे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ते हुए 1974 के जेपी आंदोलन से प्रभावित होकर सामाजिक जीवन में पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में शामिल हो गए और आज तक समाज की नव रचना में अपना योगदान दे रहे हैं।
1990 में बहुराष्ट्रीय कंपनियों और डंकल प्रस्ताव के खिलाफ देशभर में आंदोलन चलाया। वे किसानों के संघर्ष में भी लगातार जुड़े रहे और 2012 में चले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी अपना योगदान दिया। राम धीरज गांधी विचार के प्रचार प्रसार के लिए गठित सर्व सेवा संघ प्रकाशन के संयोजक रहे और फिलहाल उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष हैं।

*5 अरविंद सिंह कुशवाह*

उत्तर प्रदेश कानपुर के रहने वाले अरविंद सिंह कुशवाह गांधीवादी परिवार से हैं। बुंदेलखंड के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के प्रचार- प्रसार और सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। वे फिलहाल सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय मंत्री के रूप में सर्वोदय आंदोलन को सक्रिय करने में लगे हुए हैं।
यह सत्याग्रह गांधीवादी मूल्यों पर अहिंसा और शांति पर आधारित 100 दिनों तक जारी रहेगा। प्रतिदिन उड़ीसा, बंगाल, महाराष्ट्र, केरल कर्नाटक हरियाणा, बिहार, उत्तराखंड आदि अलग-अलग राज्यों और जिलों से सर्वोदय कार्यकर्ता आएंगे एवं शांतिपूर्ण सत्याग्रह करेंगे। 
 राम धीरज 
सर्व सेवा संघ वाराणसी

युवा मोर्चा के संयोजक राजेश सचान द्वारा शीर्ष भारतीय संस्थानों की एक रिपोर्ट

सितंबर 10, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज   
कैम्पस चयन रिपोर्ट 

  देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित संस्थानों में शुमार आईआईटी मुंबई में इस वर्ष कैंपस इंटरव्यू में 25 फीसद छात्रों को नौकरी नहीं मिली। वहीं न्यूनतम सालाना पैकेज महज 4 लाख रुपए रहा। मुंबई आईआईटी की यह रिपोर्ट पिछले दिनों से चर्चा का विषय है। गत वर्ष भी देश भर में 38 फीसदी आईआईटी छात्रों को कैंपस इंटरव्यू में नौकरी मिली थी। देश में प्रति वर्ष डिग्री हासिल करने वाले 15 लाख इंजीनियरिंग ग्रेजुएट में से 50 फीसदी युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है। आईटी सेक्टर में संकट को इसकी मुख्य वजह माना जा रहा है। वैसे तो आईटी सेक्टर में कई वर्षों से लगातार छंटनी हो रही है । लेकिन 2024 में जनवरी से अगस्त तक रिकॉर्ड एक लाख 35 हजार से ज्यादा लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं। देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पहले से ही संकटग्रस्त है। एमएसएमई ईकाइयां भी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही हैं, इनके पुनर्जीवन के सरकारी उपाय नाकामी साबित हुए हैं। कहने का मतलब है कि देश गहरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार अपनी नीतियों में बदलाव करने के लिए कतई तैयार नहीं है। देश में अनुमानित एक करोड़ पद खाली हैं उन्हें भी भरने का कोई गंभीर प्रयास नहीं दिखता है। 
           जब इतने बड़े पैमाने पर इंजीनियरिंग ग्रेजुएट बेरोज़गार हैं। डिप्लोमा व आईटीआई प्रशिक्षण प्राप्त युवा तो करोड़ों की संख्या में बेरोज़गार हैं और जो काम भी कर रहे हैं उसमें बहुतायत युवा बेहद कम वेतन पर काम करने के लिए विवश हैं। जब पहले से ही स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त युवा करोड़ों की संख्या में बेरोज़गार हैं तब एक साल के इंटर्नशिप देकर इन युवाओं को कैसे रोजगार मिलेगा, इसका कोई जवाब सरकार के पास नहीं है। वैसे बजट 2024 में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का लक्ष्य रखा गया है लेकिन बजट आवंटन महज 2 हजार करोड़ रुपए है। 
     कुलमिलाकर बेरोज़गारी की समस्या बेहद चिंताजनक है। सीएमआईई के हाल में जारी आंकड़ों में रिकॉर्ड 9 फीसद से ज्यादा बेरोज़गारी की दर है। यह तब है जब कि 
यूनिवर्सिटी कालेज के करोड़ों छात्रों समेत अन्य करोड़ों बेरोजगारों को शामिल ही नहीं किया जाता है। क्योंकि उन्हें लेबर फोर्स में शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा प्रच्छन्न बेरोज़गारी, अल्प रोजगार और न्यूनतम मजदूरी से भी कम दरों पर काम करने वाले करोड़ों शिक्षित व उच्च शिक्षित युवा/युवतियों की आर्थिक हालत का आंकलन किया जाए तो देश में बेरोज़गारी की भयावह स्थिति की सही तस्वीर सामने आयेगी। 
          जैसा कि कारपोरेट्स समर्थक पैरोकार मानते हैं कि बेरोज़गारी की समस्या का समाधान संभव नहीं है। यह पूरी तरह से गलत है। देश में संसाधनों की भी कतई कमी नहीं है। लेकिन बड़े पूंजी घरानों ने अकूत मुनाफा कमा कर बेतहाशा संपत्ति अर्जित की है। कौन नहीं जानता कि इस संपत्ति को इनके द्वारा कैसे अर्जित किया गया है। सवाल है कि सरकार के खजाने में अधिकांश हिस्सा आम लोगों के प्रत्यक्ष व परोक्ष टैक्स से ही आता है ऐसे में इन अरबपतियों की संपत्ति व उत्तराधिकार कर क्यों नहीं लगाया जाता। जबकि इनके ऊपर 2 फीसद संपत्ति कर और इसी तरह इस्टेट ड्यूटी जैसे अन्य में समुचित टैक्स ही रोजगार सृजन, शिक्षा स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और हर व्यक्ति की सम्मानजनक जिंदगी जैसे सवालों को हल करने के लिए पर्याप्त है। 
युवा मंच अन्य सहयोगी संगठनों से मिलकर रोजगार अधिकार अभियान में इन सवालों पर बड़े पैमाने पर छात्रों, आम नागरिकों और नागरिक समाज समेत समाज के सभी तबकों से संवाद किया जा रहा है। आप सभी से निवेदन है कि इस अभियान से जुड़े। वाट्सएप नंबर 7905645778 पर मैसेज भेज कर इस मुहिम से जुड़ सकते हैं और यह आग्रह है कि इस अभियान को कैसे आगे बढ़ाया जाए इस संबंध में सुझाव भी भेजें। 
राजेश सचान, संयोजक युवा मंच 
दिनांक: 9/9/2024

08/09/2024

भूख हरताल पर बैधे अनसंकारियो ने अर्धनाग होकर विरोध किया

सितंबर 08, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज*     
विरोध प्रदर्शन करते हरिश्चंद्र केवट व ग्रामीण 

भूख हड़ताल पर बैठे अनशनकारियो ने अर्धनग्न होकर विरोध किया*
आज दिनांक 08/09/2024 को भूख हड़ताल के सातवे दिन भी अनशनरत् लोगो से शासन-प्रशासन से वार्ता करने कोई भी अधिकारी नही पहुँचा।बताते चले कि जनप्रतिनिधियो की तरफ से चाहे नगर विधायक हो या जिले की सासंद महोदया,किसी भी ने अभी तक अनशन स्थल पर नही पहुँचे है। अनशन का नेतृत्व कर रहे हरिश्चंद्र केवट बताते हैं कि, जिस तरह से शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली है और पिछले 7 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे लोगों की सुधि नहीं ले रहे हैं उसे साफ जाहिर है कि मिर्जापुर का शासन प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि लोगों की मौत से ही जागेंगे। भूख हड़ताल को समर्थन देने भदोही से चलकर आए अपना दल के जिला अध्यक्ष श्री जितेंद्र पटेल ने समर्थन पद देने के साथ लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की सबसे बड़ी नाकामी ठेका प्रथा है आज हर तरफ लोगों की अजीविका  और रोजी-रोजगार को छीनने का काम किया जा रहा है। जहां प्रधानमंत्री बड़े-बड़े व्यापारियों को इकोनामिक क्लास में शामिल करने की बात कर रहे हैं वही मिर्जापुर में जो शमशान
ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन 
शव गृह के लिए माफिया अनुबंध करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन 
प्रोटेसघाट का ठेका हुआ है उससे साफ जाहिर है कि अब सरकार ने गरीबों को भी इकोनामिक क्लास में शामिल कर लिया है।
जनमुक्ति परिषद से समर्थन देने पहुंचे सौरभ ने कहा कि यह ठेका पूरी तरह से समाप्त होना चाहिए,जिस धैकार समाज का पुराना काम है और जो बहुत पहले से चला आ रहा था वह चलता रहे, यह जो ठेका देकर इस समाज के काम को छीनने का प्रयास किया गया है, यह सरकार और पूंजीपतियो का गठजोर है, इसे पूरी तरह से निरस्त किया जाये।

हरिश्चंद्र केवट 
9555744251                                                      रोडवेज-न्यूज सभी समाज से अपील करता है कि वे प्रदर्शनकारी ग्रामीणों की मदद करें तथा उनकी मांग को शामिल करें कि सरकारी संस्था शीघ्र हस्तक्षेप कर निष्पक्ष निर्णय ले।   

04/09/2024

उत्तर प्रदेश सिविल जज के अंतिम परिणाम पर एक रिपोर्ट

सितंबर 04, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग   
उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व समाज विज्ञानी 

 न्यूजउत्तर प्रदेश सिविल जज परीक्षा (पी०सी०एस० जे) का परिणाम रैंक सहित सूची पर जरा गौर करें...
1.आकांक्षा तिवारी      रैंक 1 
2.प्रतीक त्रिपाठी         रैंक 3
3.मीता पांडेय             रैंक 7
4.अनीमा मिश्रा           रैंक 13
5.सौरभ शुक्ला           रैंक 16
6.प्रशांत शुक्ला           रैंक 17 
7.सौरभ पांडे              रैंक 20 
8.ज्योत्सना राय          रैंक 21
9.रीचा शुक्ला             रैंक 24
10.रूचि कौशिक        रैंक 27
11.सौम्य भारद्वाज      रैंक 30 
12.सौम्य मिश्रा          रैंक 34
13.वरूण कौशिक      रैंक 37 
14.देवप्रिय सारस्वत    रैंक 38
15.सोनाली मिश्रा        रैंक 40 
16.शिप्रा दुबे              रैंक 42 
17.सुप्रिया शर्मा          रैंक 43
18.शिवम द्विवेदी        रैंक 45
19.अक्षिता मिश्रा        रैंक 46
20.राजीव रंजन मिश्रा  रैंक 56 
21.मोनिका मिश्रा        रैंक 57
22.सुधा शर्मा             रैंक 61
23.सौरभ ओझा         रैंक 63
24.आस्था मिश्रा         रैंक 65
25.श्रुति त्रिपाठी          रैंक 68
26.रजत शुक्ला          रैंक 70
27.रवि पांडेय                  76
28.आयुषि चतुर्वेदी           77
29.अश्विनी कुमार उपाध्याय  रैंक 84
30.प्रद्युमन कुमार मिश्रा       87
31.प्रफुल्ल उपाध्याय           98
32.सौम्य मिश्रा                 105
33.निहारिका पांडेय           110
34.अभिषेक त्रिपाठी          118
35.ममता दुबे                   119
35.रिचा अवस्थी               122
36.शुभम द्विवेदी               123
37.चन्द्र प्रकाश तिवारी       128
38.श्वेता तिवारी                130 
39.पंकज पांडेय                135 
40.देवेश त्रिपाठी               137
41.गौरव द्विवेदी                138
42.ईशा त्रिपाठी                139
43.श्वेता त्रिपाठी                148
44.सौम्य द्विवेदी                151
45.प्रत्युष आनंद मिश्रा       152
46.सत्यप्रकाश नारायण 
47.तिवारी.                      154
48.अमन शुक्ला               164
49.दीक्षा त्रिपाठी               177
50.तुषार शर्मा                  178
51.रिषभ चतुर्वेदी              180
52.आयुषि पांडेय              181
53.अंबुज मिश्रा                182
54.रागिनी मिश्रा               184
55.सौम्य पांडेय                 189
56.साक्षी मिश्रा                 191
57.वसुंधरा शर्मा                192
58.कृष्ण मोहन पांडेय        193
59.पियुष्का तिवारी            194
60.श्वेतिका उपाध्याय         202
61.प्रतिभा शुक्ला              203
62.शिवांगी त्रिपाठी            204
63.नैंसी तिवारी                 206
64.शिवांगी व्यास              208 
65.अमित मणि त्रिपाठी      210
66.दीक्षा त्यागी                 214
67.अरूण कुमार पांडेय     217
68.समृद्धि मिश्रा               222
69.अंजलि पांडेय              225
70.प्रियल शर्मा                 227
71.निधि पांडेय                 231
72.प्रियंका शर्मा                235
73.प्रभात कुमार दुबे          236
74.यशा शर्मा                    240
75.सृष्टि त्रिपाठी                242
76.अंबेश कुमार पांडेय       243
77.सोनल उपाध्याय           244
78.सारांश शर्मा                 248
79.अजीत कुमार मिश्रा      250     
नोट :- *ST, SC, OBC वाले कृपया मस्जिद की खुदाई करते रहें, क्या पता उसके नीचे मंदिर दबा हो और अपनी कट्टरता को कायम रखें एवं धर्म पर गर्व करें। यह बात सभी SC, ST,  OBC के लोगों को समझना चाहिए की बीजेपी शासन में बहुजनों के साथ न्याय की कोई उम्मीद नहीं करे। जो लोग बीजेपी के लिये कार्य कर रहे हैं उन्हें यह सूंची अच्छे से दसो बार देख लेना चाहिए, ब्राह्मण देश 3.5% होने के बाद भी 100% पदों पर सिविल जज बनाकर बैठा दिये गये हैं l यह ही हालात आगामी लोक सभा चुनाव 2024 के बाद पुरे देश में देखने को मिलेगा ll 
बहुजनों जागो और जगाओ

*इस मैसेज को शेयर करने से मेरा कोई पार्टी या धर्म से मतलब नहीं है मतलब है शिक्षा को लेकर और जागरूकता को लेकर*