सड़क समाचार पत्रिका (जनता की आवाज) 🌎: Social

सड़क समाचार पत्रिका(जनता की आवाज़) एक हिंदी समाचार वेबसाइट और मीडिया प्लेटफ़ॉर्म है जो भारतीय राजनीति, सरकारी नीतियों, सामाजिक मुद्दों और समसामयिक मामलों से संबंधित समाचार और जानकारी प्रदान करने पर केंद्रित है। मंच का उद्देश्य आम लोगों की आवाज़ को बढ़ाना और उनकी चिंताओं और विचारों पर ध्यान आकर्षित करना है।

household supplies
Social लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Social लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

21/10/2024

एक नजर में बिहार की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर महापुरुषों की दुनिया में है

अक्टूबर 21, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         *🔹True Facts about BIHAR🔹*
_____________________________

*BIHAR* एक इकलौता राज्य जिसके
नाम से हमारे देश का
नाम बनता है .....
B- भारत , bharat 
I - इंडिया , india
H - हिन्दुतान , hindutan
A -आर्यावर्त , aryabrat
R - रिवा , riva , ये इंडिया का बहुत पुराना नाम है

Bihar ka capital ke naam se India ki sabhi misail ka naam hai.
P - Prithvi
A - Agni
T - Trisul
N - Naag
A - Aakash

जो बिहारी बाबू है !
वह इस मैसेज को फैला
दिजिए

कम से कम अपमान करने
वाले को पता चल जाए की
हम किसका अपमान कर रहे है
हम बिहार को झुकने नही देंगे चाहे कोई कितना भी
प्रयास कर ले

जय बिहार जय बिहार

*बिहार* - जिसने देश को पहला राष्ट्रपति दिया !

*बिहार* - जहाँ सबसे पहले महाजनपद बना अर्थात विश्व का पहला लोकतंत्र !

*बिहार* - जहाँ भगवान राम की पत्नी सीता का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ महाभारत के दानवीर कर्ण का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ भगवान् महावीर का जन्म हुआ, बुद्ध और महावीर को ज्ञान मिला !

*बिहार* - जहाँ सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ के राजा चन्द्रगुप्त मौर्य से लड़ने की हिम्मत सिकंदर को भी नही हुई !

*बिहार*- जहाँ का लिट्टी चोखा पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय लिट्टी चोखा के नाम से प्रसिद्ध है !

*बिहार* - जहाँ के राजा महान अशोक ने अरब तक हिंदुस्तान का पताका फहराया और उसका स्तम्भ आज देश का राष्ट्रीय चिन्ह है !

*बिहार* - जो गांधी जी का पहला प्रेरणादायक स्रोत बना जिसने आज़ादी की आधारशिला रखी (चंपारण) !

*बिहार* - जहाँ राजा जरासंध, पाणिनि (जिसने संस्कृत व्याकरण लिखा), आर्यभट्ट जिन्होंने शून्य, दशमलव और सूर्य सिद्धांत दिया, चाणक्य (महान अर्थशास्त्री), रहीम, कबीर का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ के नंदवंश से लड़ने की हिम्मत सिकंदर की भी नही हुई और बिना लड़े विश्वविजेता डर कर भाग गया !

*बिहार* - जहाँ के 80 साल के बूढ़े ने 1857 के क्रांति में दो बार अंग्रेजों को हराया, अंग्रेजो के दांत खट्टे कर दिए (बाबु वीर कुंवर सिंह) !

*बिहार* - जहाँ के गोनू झा के किस्से पुरे हिंदुस्तान में प्रसिद्ध है !

*बिहार* - जहाँ सम्पूर्ण क्रांति के जनक महान जय प्रकाश नारायण का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ जन नायक कर्पूरी ठाकुर जी का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ भिखारी ठाकुर (विदेशिया) का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ शारदा सिन्हा जैसी महान भोजपुरी गायिका का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ स्वामी सहजानंद सरस्वती, राम शरण शर्मा, राज कमल झा, विद्यापति, रामधारी सिंह दिनकर, रामवृक्ष बेनीपुरी, फणीश्वर नाथ रेणु , देवकी नंदन खत्री, इन्द्रदीप सिन्हा, राम करण शर्मा, महामहोपाध्याय पंडित राम अवतार शर्मा, नलिन विलोचन शर्मा, गंगानाथ झा, ताबिश खैर, कलानाथ मिश्र, आचार्य रामलोचन सरन, गोपाल सिंह नेपाली, बिनोद बिहारी वर्मा, आचार्य रामेश्वर झा, राघव शरण शर्मा, नागार्जुन आचार्य जानकी बल्लभ शाश्त्री जैसे महान लेखको का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ बिस्स्मिल्लाह खान का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ दशरथ मांझी जैसा Mountain Man का जन्म हुआ !

*बिहार* - जहाँ एक साधारण शिक्षक SUPER 30 जैसा निःशुल्क कोचिंग बिना किसी सहायता के चलाकर गरीब बच्चों को IIT में दाखिला दिलाता है !

*बिहार* - जहाँ आज भी दिलो में प्रेम बसता है !

*बिहार* - जहाँ  भी बच्चे अपने माँ - बाप के पैर दबाये बिना नही सोते !

*बिहार* - जहाँ से सबसे ज्यादा बच्चे देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC और IIT पास करते है !

*बिहार* - जहाँ के गाँव में आज भी दादा-दादी अपने बच्चो को कहानियां सुनाते है !

*बिहार* - जहाँ आज भी भूखे रह के अतिथि को खिलाया जाता है !

*बिहार* – जहाँ आज भी सबसे ज्यादा संयुक्त परिवार है !

*बिहार* - जहाँ के बच्चे कोई सुविधा न होते हुए भी देश में सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी पाते है !

इसी *बिहार* के रहने वाले हैं ! तो क्यूँ न करे खुद के *बिहारी* होने पर गर्व !

 *बिहार* !!👍🏻👍🏻

13/10/2024

कामरेड साईं बाबा को लाल सलाम

अक्टूबर 13, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         *कॉमरेड* *साईबाबा* *को* *लाल* *सलाम* !
Red star
रोडवे-न्यूज़ पर नवीनतम समाचार और जानकारी के लिए पढ़ें और देखें 


सीपीआई (एमएल) रेड स्टार दिल्ली विश्वविद्यालय के भूतपूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को अपनी क्रांतिकारी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।जिन्हें फासीवादी क्रूर कानूनों के तहत एक दशक से अधिक समय तक जेल में रखा गया था और कुछ महीने पहले सबूतों की कमी और अभियोजन पक्ष द्वारा उनके खिलाफ आरोप साबित करने में विफलता के कारण उन्हें बरी कर दिया गया था। हम उनके तमाम परिजनों/  इष्ट मित्रों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं।नवीनतम समाचारों के लिए यहां क्लिक करें

हालांकि प्रोफेसर साईबाबा की मृत्यु का तात्कालिक कारण ऑपरेशन के बाद की जटिलताओं को माना जा सकता है, लेकिन  व्हीलचेयर पर बैठे साईबाबा को कई वर्षों तक जेल में रखकर उनकी अकाल मृत्यु के लिए मौजूदा फासीवादी सरकार ही जिम्मेदार है। कोई भी व्यक्ति, अमानवीय जेल-स्थितियों में शारीरिक रूप से अक्षम  और व्हीलचेयर पर बैठे  एक व्यक्ति को लंबे समय तक जेल में सड़ाने के नतीजे  को समझ सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के अनुसार, वैचारिक स्थिति को बनाए रखना कोई अपराध नहीं है, और कई अवसरों पर न्यायपालिका ने भी इसे बरकरार रखा है।  और यह पूरी तरह जानते हुए भी, माओवादियों से कथित संबंधों के लिए किसी व्यक्ति को जेल में डालना, खासकर तब जब  उस  व्यक्ति के शरीर का अधिकांश हिस्सा  शारीरिक अक्षमता का शिकार  हो और जब उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ रहा हो, मानवाधिकारों का सरासर उल्लंघन है। यह असहमति व्यक्त करने के मूल लोकतांत्रिक अधिकार के साथ-साथ स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकार के भी खिलाफ है।

कॉमरेड साईबाबा की असामयिक मृत्यु के पीछे फासीवादी वैधता की कड़ी निंदा करते हुए, हम एक बार फिर उन्हें अपनी क्रांतिकारी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

फासीवाद मुर्दाबाद!

पी जे जेम्स
महासचिव
सीपीआई (एमएल) रेड स्टार

नई दिल्ली
13.10.2024

06/10/2024

एस.एल.ठाकुर द्वारा अपने पार्टी नेता से की गई अपील

अक्टूबर 06, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.       
राष्ट्रीय अध्यक्ष एस.एल.ठाकुर 

      ,🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 सम्मानित साथियों मैं एस,एल, ठाकुर सम्मानित ग्रुप के साथियों का प्रातः कालीन का इंकलाबी अभिवादन करता हूं साथ ही मैं एक बहुत ही प्रबल अपील आप सभी से करना चाहता हूं क्योंकि मैं सत्य के रास्ते पर चलकर के अग्नि परीक्षाअधिक जानकारी के लिए देने से भी पीछे नहीं हटता, आज मेरा यही आचरण सफलता की एक-एक सीढ़ी के तरफ नया इतिहास रचने की दिशा में अग्रसर है। जिसका उदाहरण आपके समक्ष है। भारतीय जीवन बीमा निगम के अंदर एक संघर्ष का इतिहास और उपलब्धियां का इतिहास है। जिसकी प्रामाणिकता के लिए आप हमसे या हमारे मित्रों से संपर्क करके संतुष्ट हो सकते या राष्ट्रीय अभिकर्ता जन क्रांति पत्रिका की प्रमाणिकता को देख सकते हैं। पूरे देश के अंदर लाखों, लाख अभिकरण का कार्य करते हुए अभिकर्ताओं एवं संस्था के हितों में संघर्ष और उसके माध्यम से उपलब्धियां का इतिहास रहा है। मेरे नेतृत्व में ऑल इंडिया लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स एसोसिएशन नमस्तेके बैनर के तहत दमनकारी भारत सरकार एवं प्रबंधन की नीतियों के विरोध, जी, एस, टी कर कानून, विनिवेश, निजीकरण सहित चार्ट ऑफ़ डिमांड पर। वर्षों, वर्षों तक संघर्ष धरना प्रदर्शन, काला दिवस, प्रबंधन का सामाजिक बहिष्कार, मानव श्रृंखला, पुतला दहन, सड़कों पर जुलूस, अध्यक्ष भारतीय जीवन बीमा निगम को ज्ञापन, भारत सरकार को ज्ञापन, कार्यालयों का घेराव, जिला अधिकारी महोदय के माध्यम से ज्ञापन, अनशन, आमरण, अनशन के रूप में पूरे देश के अंदर लाखों लाख अभिकर्ताओं में एक अपने नेतृत्व की पहचान संगठन की पहचान रही हैं। संविधान और कानून के दायरे में प्रबंधन से अधिकतर मांगों को मनवाने में संगठन सफल रहा यह है। सत्य के रास्ते पर इंकलाब की ताकत, विचारों की प्रबलता की ताकत यह मेरा आचरण है। कारण की मैं भ्रष्टाचारी अन्यायी, अत्याचारी से ना डरता हूं ना घबराता हूं। जिसकी प्रमाणिकता, सत्यापन आप द्वारा कभी भी हमसे या मेरे साथियों से मिलकर के किया जा सकता है। आई आई अन्य भ्रष्टाचार आगे दमनकारी नीतियों के विरोध हम संघर्ष के लिए आगे बढ़ते हैं मात्र एक ही शर्त है कि आपका समर्थन पूरी ईमानदारी से मेरे साथ हो फिर गारंटी है कि जीत तो अपनी होगी। 🇮🇳इंकलाब, जिंदाबाद 🇮🇳इंकलाब, जिंदाबाद।अधिक ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें

30/09/2024

फ़िलिस्तीनी हिटलर जहुआ अराफ़ात

सितंबर 30, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.          यह है, यासर अराफत की बेटी, जहुआ अराफत!              यासर अराफात की बेटी

फ़िलिस्तीनी हिटलर जहुआ अराफ़ात 
यासर अराफत को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है!

उन्होंने लाखों फिलिस्तीन युवकों को मौत के दलदल में धकेल दिया 

उन्हें सपने शब्ज बाग  दिखाएं और  मध्य पूर्व को आतंकवाद की आग में झोंक दिया

यह लिखने का कारण यह है कि दुनिया के सभी पिताओं की तरह, उन्हें भी अपनी बेटी की चिंता थी।

और उन्होंने फिलिस्तीन की “सेवा" करते हुए जो धन इकट्ठा किया था, उसमें से कुछ अपनी बेटी के लिए रखा।

ज्यादा नहीं, बस थोड़ा सा…,

आज के बाजार मूल्य पर उसकी कीमत मात्र ₹66,311 करोड़ है!

पाकिस्तान के कुल विदेशी मुद्रा भंडार से कई गुना!

यह कहना गलत नहीं होगा कि यासर खुराफात  की यह बेटी लंदन में एक सड़क की मालकिन है, क्योंकि उस सड़क के दोनों तरफ की ज़्यादातर संपत्तियाँ इसी महिला के नाम पर हैं।

पिछले कई सालों से वह पेरिस के एक बेहद महंगे इलाके में आलीशान हवेली में रह रही है और पिछले 25 सालों में उसने फिलिस्तीन का चेहरा भी नहीं देखा है।

उसे चार भाषाएं आती  है, लेकीन वह अरेबिक नही जानती!

संयुक्त राष्ट्र के निर्देशानुसार उसे शरणार्थी का दर्जा दिया गया है!

यह है जन्नत और जिहाद नामक उद्योग की हकीकत!

26/09/2024

बाल संरक्षण के लिए जागरूकता के साथ-साथ गरीब माता पिता की रोजी-रोटी की हो व्यवस्था : अजय राय

सितंबर 26, 2024 0

सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज
बाल संरक्षण के  लिए जागरूकता के साथ-साथ गरीब माता पिता की रोजी-रोटी की हो व्यवस्था : अजय राय
कंसल्टेशनल बैठक में सिविल सोसायटी


बाल संरक्षण के लिए आयोजित सिविल  सोसायटी व गैर सरकारी संगठन की बाल संरक्षण  मुद्दे पर कंसल्टेशनल बैठक में सिविल सोसायटी की तरफ से अजय राय ने यह उठाया मुद्दा 

  चकिया /मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान के द्वारा डी सी फैमिली रेस्टोरेंट चकिया में सिविल सोसाइटी व गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बाल संरक्षण के मुद्दे पर कंसल्टेशन मीटिंग किया गया। जिसमें  सिविल सोसायटी की तरफ से अजय राय ने कहा कि बाल  संरक्षण तभी संभव हैं जब  जागरूकता के साथ-साथ उनके माता-पिता की रोजी-रोटी की व्यवस्था हो आज परिवार में रोजी रोटी की व्यवस्था के लिए भी बाल श्रम कराया जात हैं जिसमें परिवार की सहमति होती हैं आज  जब बाजार के हवाले हैं कृषि चौपट हैं गांव से लोगों का पलायन हो रहा हैं रोजगार के लिए तब बाल श्रमिकों की संख्या मिलेगी ही  आज बाल हमारे देश की बहुत बड़ी समस्या हैं उनका श्रम के रूप  शारीरिक शोषण हो रहा हैं उनको देश के कई शहरों में ही नही विदेशों में भी ले जाकर शोषण किया जाता हैं ऐसे तो बाल संरक्षण रोकने के लिए गैर सरकारी संगठन अच्छा काम कर रहें हैं लेकिन सरकार को विशेष पहल लेना चाहिए ! बाल श्रम कराने  के लिए बाल तस्करी हो रही है ! परिवार  आर्थिक रूप से मजबूत होगा तो बच्चों  की पढ़ाई की उत्तम व्यवस्था कर पायेंगे!  पिछड़े इलाके व गरीबों के बच्चें स्कूल जा सकें उसके लिए सिविल सोसायटी को सोचना चाहिए ! मुख्य अतिथि राष्ट्र सृजन अभियान के उपाध्यक्ष परशुराम सिंह द्वारा बताया गया कि स्कूल में  बच्चों को रोकने के लिए सुरक्षित वातावरण की जरुरत है जिसमें कैम्पस में पेड़ पौधा लगाना अति आवश्यक है क्योंकि पौधा लगाना ही नहीं बल्कि उसको बचाना हमारी प्राथमिकता रहे। जैसे पौधे सुरक्षित रहेंगे उसका सकारात्मक प्रभाव बच्चे पर भी पड़ेगा। और जब अच्छे स्कूल में रहेंगे तो बाल श्रम, बाल तस्करी में भी कमी होगी ! आदर्श जन चेतना समिति के निदेशक कृष्ण चन्द्र श्रीवास्तव के द्वारा बताया गया कि हम सभी को बच्चों से सम्बधिंत सूचना को लेकर अपडेट रहना होगा चाहे आर टी आई के द्वारा मिले या सेकेंडरी दस्तावेज के माध्यम से जिससे की बच्चों से सम्बंधित कानून  के हिसाब से रणनीति बनाकर काम किया जा सके। वही रामपुर के ग्राम प्रधान के द्वारा बताया गया कि ग्राम स्तर पर पर ग्राम बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति ने के सहयोग से पंचायत डायरी के माध्यम से जोखिम में पड़े बच्चों की ट्रेकिंग कर रही है और उस ट्रेकिंग की हिसाब से बच्चों को सरकार के योजनाओं से जोड़ने का काम करेंगे। बचपन बचाओ आंदोलन, के चंदा गुप्ता के बराबर सर अच्छा को लेकर विस्तृत रूप से बताया गया। रोजा संस्थान से शिव कुमार वर्मा के द्वारा बच्चों के पोषण युक्त भोजन भी देना अति आवश्यक है। संस्था के प्रोग्राम मैनेजर शहनाज बानो के द्वारा बताया गया कि हम सभी सस्था के साथी अपने -2 कार्य क्षेत्र में भले अलग-अलग मुद्दे पर कार्य रहे है लेकिन बच्चों से संबंधित जो होता है उसको एक साथ लेकर करें जिससे कि बच्चे ऑनलाइन रिस्क के चलते तस्करी का शिकार हो जा रहे हैं या बाल विवाह हो जा रहा है। जागरुकता के अभाव में बच्चे बाल यौन शोषण के शिकार हो जा रही है जिनको गुड टच एवं बैड टच के बारे में  बताना है। और जे जे एक्ट, पाक्सो एक्ट, बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 इत्यादि के बारे मे भी बताना होगा। सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा यह सुझाया गया कि  ईट भट्ठा पर काम करने वाले मजदूर के जो बच्चों के साथ में प्रवास करते हैं उन बच्चों को नजदीकी स्कूल में नामांकन के लिए सरकार को पत्र लिखना, जिससे की किसी मजदूर का बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। आजाद शक्ति ट्रस्ट से देवेंद्र कुमार सक्रिय भूमिका निभाये और इस कार्यकम में  महिमा, अंजना , परवेज कमलेश मोहन,  नरायन, का संचालन मुकेश कुमार के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन श्री गणेश विश्कर्मा के द्वारा किया गया।

22/09/2024

बिहार और देश में दलित समुदाय के साथ मनुवादियों द्वारा हिंसा एक रिपोर्ट

सितंबर 22, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज           **नवादा* , *बिहार* : *महादलितों* *पर* *अत्याचार* *नीतीश* *सरकार*  *द्वारा* *मनुवादी* *फासीवादी* *ताकतों* *के* *तलवे* *चाटने* *का* *नतीजा*
 
 *कॉरपोरेट* - *भूस्वामी* - *भगवा* *मनुवादी* *जातिवादी* *गठजोड़* *के* *खिलाफ* *संघर्ष* *करें*
  
 *जाति* *जनगणना* *की* *मांग* *पर* *एकजुट* *हों**

- *जाति* *उन्मूलन* *आंदोलन* 
रोडवे न्यूज़ मैगजीन की बंडू मेश्राम से ताज़ा रिपोर्ट 


बिहार के नवादा जिले में 18 सितंबर को एक भयावह घटना घटी है। तथाकथित उच्च जाति के दबंगों ने(  प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार इनमें यादव और दलित पासवान समुदाय के लोग भी  शामिल थे) कृष्णा नगर महादलित बस्ती में ग़रीब महादलितों के साथ मारपीट की, 40-50 घरों को आग लगा दी। इस हमले में महादलितों के घर जलकर खाक हो गए, उनकी संपत्ति नष्ट हो गई और उन्हें गाँव से भागने पर मजबूर कर दिया गया। इस घटना ने यह दिखाया कि आज भी समाज में जातिगत उत्पीड़न और आतंक गहराई से जड़ जमाया हुआ है। यह हमला न केवल जातिगत उत्पीड़न और जमीन  पर स्वामित्व की सच्चाई को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि आज की कॉरपोरेट भगवा फासीवादी व्यवस्था,  निर्मम जातिव्यवस्था  का किस तरह फायदा उठाती है।

नवादा की घटना कोई एकाकी घटना नहीं है; भारत में दलितों पर होने वाले अत्याचारों का एक लंबा इतिहास है। हाल की ही कुछ घटनाओं पर नज़र डालें तो यह साफ़ हो जाता है कि आज भी देशभर में दलितों/ उत्पीड़ितों पर अत्याचार जारी है। 

-हाथरस, उत्तर प्रदेश (सितंबर 2020):19 साल की दलित लड़की के साथ बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे देश को हिला दिया था। इस मामले में न केवल पुलिस और  प्रशासन की मिलीभगत सामने आई, बल्कि फासिस्ट योगी आदित्यनाथ सरकार का रवैया भी पूरी तरह से जातिगत भेदभाव से प्रेरित दिखा। लड़की का रातों-रात अंतिम संस्कार कर दिया गया, ताकि घटना पर पर्दा डाला जा सके। इस घटना की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने भीषण प्रताड़ित किया विशेषकर केरल के पत्रकार सिद्धिक कप्पन को जो कि निरपराध थे जेल में बरसों सड़ाया गया।यहां ,हाथरस कांड के बलात्कारी हत्यारे लोग राजपूत ठाकुर जाति के थे ,लेकिन  गोदी मीडिया ने इस बात का उल्लेख नहीं किया।

-गुजरात, ऊना (2016): चार दलित युवकों को मृत गाय की खाल उतारने के लिए सार्वजनिक रूप से पीटा गया और उन्हें जीप में बांधकर अर्ध नग्न अवस्था में घसीटा गया।ये क्रूर अत्याचार ,खुद को सांस्कृतिक संगठन कहने वाले संघ परिवार के आनुषंगिक संगठन के नेतृत्व में हुआ।

-उत्तर प्रदेश, गोहरी इलाहाबाद  में सामूहिक गैंग रेप और हत्याकांड( 2021):
गोहरी में योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले कार्यकाल में एक दलित मजदूर के परिवार में पति, पत्नी,किशोरी बेटी और विकलांग बेटे की हत्या ,दबंग जाति के भूस्वामी परिवार के लोगों ने कर दी।हत्या के पहले मां और बेटी के साथ गैंग रेप किया गया। आज तक पुलिस ने दोषियों पर कार्रवाई नहीं की।

-उन्नाव कांड,उत्तर प्रदेश( 2020):
ये तो बहुत चर्चित कांड है जहां भाजपा का बाहुबली विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने दलित लड़की के साथ बलात्कार कर उसे जान से मारने की कोशिश की और उस लड़की के परिवार में कई लोगों का खून कर दिया।उस पर पूरी भाजपा सरकार का संरक्षण होने के कारण ,उसे गिरफ्तार कर मुकदमा चलाने में भी बहुत मुश्किलें सामने आई।आज तक हाथरस,गोहरी की तरह उन्नाव कांड में भी पीड़ितों को सही तरीके से न्याय नहीं मिल पाया है।
-तमिलनाडु, विल्लुपुरम (2021): दलित समुदाय के लोगों पर ऊँची जाति के लोगों ने हमला कर दिया। उन्हें जमीन और पानी जैसे बुनियादी संसाधनों से वंचित करने के लिए लगातार दबाव बनाया गया। दलितों को उनकी जमीनों से बेदखल करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए।
-उत्तर प्रदेश, औरैया (अप्रैल 2023): एक दलित परिवार पर उच्च जाति के लोगों ने सिर्फ इसलिए हमला किया क्योंकि उन्होंने गाँव के कुएँ से पानी लेने की कोशिश की थी। इस मामले में भाजपा सरकार की पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय दलित परिवार पर ही झूठे आरोप लगाए।
-मध्य प्रदेश, सागर (जून 2023): राज्य में भाजपा शासन काल के दौरान एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई क्योंकि उसने ऊँची जाति के व्यक्ति के साथ बात करने की “जुर्रत” की थी। भाजपा शासित मध्य प्रदेश के सीधी जिले में  भाजपा के एक ब्राम्हण नेता ने आदिवासी युवक पर पेशाब कर दिया था।ये घटनाएं दर्शाती हैं कि कैसे आज भी दलितों को सामाजिक व्यवस्था में निचले पायदान पर रखा जाता है और उन्हें अपने मौलिक अधिकारों से वंचित किया जाता है।ज्यादातर जातिगत उत्पीड़न की घटनाएं भाजपा जहां सत्तासीन है वहां और मोदी सरकार के दस सालों से भी अधिक के शासन में हुए हैं,और अभी भी जारी हैं।

ऐसी घटनाएं बार-बार बताती हैं कि आज भी देश के अधिकांश हिस्सों में दलित और आदिवासी समुदाय जातीय अत्याचार का शिकार है। अगर आंकड़ों की बात करें तो, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, दलितों के खिलाफ अत्याचार के 50,291 मामले दर्ज हुए। मोदी सरकार के दस सालों में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है।ये आंकड़े हमें इस कड़वी सच्चाई का एहसास कराते हैं कि सामाजिक न्याय और समानता के दावों के बावजूद, जातिगत उत्पीड़न की जड़ें हमारे समाज में आज भी गहरी हैं। आज भी ब्राम्हणवादी उच्च जातियों के पास अधिकांश कृषि भूमि का स्वामित्व है। दलितों को संपत्ति ,शिक्षा और जमीन से वंचित रखना मनुवादी जातिवादी व्यवस्था की वह कड़ी है, जो उन्हें न केवल आर्थिक रूप से कमजोर करती है, बल्कि सामाजिक रूप से भी उनके सम्मान और अधिकारों का हनन करती है। 

आज दलितों/ उत्पीड़ितों,आदिवासियों,गरीब मेहनतकश जनता,अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमान जनता और महिलाओं के खिलाफ  घोर मनुवादी पितृसत्तात्मक बहुसंख्यकवादी  फासिस्ट दमन बहुत तेज हो गए हैं तो 
इसमें आश्चर्य नहीं  होना चाहिए।क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने फासीवादी संगठन आरएसएस के नेतृत्व में पूरे देश और समाज का फासीवादीकरण हो गया है।आरएसएस का वैचारिक आधार निर्मम मनुस्मृति है।जिसके अनुसार तमाम दलित/ उत्पीड़ित,पिछड़ा वर्ग,आदिवासी समुदाय और महिलाओं को मानव का दर्जा  नहीं बल्कि ताकतवर ब्राम्हणवादियों के गुलाम का  दर्जा प्रदान किया गया है।फासिस्ट संघ परिवार का हिंदुराष्ट्र ,महाभ्रष्ट कॉरपोरेट घराने अडानी अंबानी सरीखे धन्ना सेठों का हिंदुराष्ट्र है।जिसमें देश के 80 फीसदी बहुजनों की हालत कीड़े मकोड़े से ज्यादा नहीं है।मनुस्मृति आधारित इस हिंदुराष्ट्र का आधार है क्रूर जाति व्यवस्था,जिसे आरएसएस और उसके आनुषंगिक संगठन जायज ठहराते हैं। 1947 के पहले के उपनिवेषिक व्यवस्था / गुलामी के दौरान और  1947 के  बाद भी नव उपनिवेशिक व्यवस्था के तहत  शासक वर्गों(  साम्राज्यवाद के दलाल कॉरपोरेट पूंजीपतियों और भूस्वामी वर्ग ) ने जाति व्यवस्था और जातिगत शोषण को न सिर्फ बनाये रखा है, बल्कि इसे अपने फायदे के लिए और इससे तालमेल बिठाकर बेहतर इस्तेमाल भी कर रहा है। कॉरपोरेट पूंजीवाद और आरएसएस मनुवादी फासीवाद  का गठजोड़ एक ऐसी क्रूर जाति व्यवस्था बनाता है जिसमें ग़रीब दलितों/ उत्पीड़ितों को हमेशा शोषित और वंचित बनाए रखा जाता है। साम्राज्यवादी और कॉरपोरेट पूंजीवादी व्यवस्था का मुनाफा तभी सुरक्षित रहता है जब समाज में असमानता,नफ़रत और विभाजन बना रहे। जाति की दीवारें इस असमानता को बनाए रखने का सबसे मजबूत साधन हैं। ब्राम्हणवादी ऊँची जातियाँ, कॉरपोरेट धन्नासेठ  और सत्ता में बैठे लोग मिलकर ग़रीब दलितों की ज़मीनें हड़पते हैं, उन्हें कम मजदूरी पर काम करने के लिए मजबूर करते हैं और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को रोकते हैं।

असल में भारत और नेपाल में जहां निर्मम जाति व्यवस्था मौजूद है वह दलितों/ उत्पीड़ितों जो कि समाज का बड़ा मेहनतकश वर्ग है के श्रम के अतिरिक्त मूल्य / बेशी मूल्य को लूटने का सबसे बड़ा आयोजन हजारों सालों से शासक वर्गों कर रहा है।

आज जब फासिस्ट आरएसएस  और उसके राजनैतिक उपकरण भाजपा जैसे फासिस्ट संगठन "हिंदू एकता" का नारा लगाते हैं, तो यह सवाल उठता है कि वे दलितों पर होने वाले अत्याचार पर चुप क्यों हैं। असल में, इन्होंने तो शूद्रों ( ओबीसी) या अति शूद्रों( दलित/ उत्पीड़ित) को कभी सनातनी हिंदू माना ही नहीं।सिर्फ चुनाव के समय इन्हें दलितों, उत्पीड़ितों,आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों की याद आती है।जब ये हिंदू खतरे में है कहकर मंदिर और कमंडल के पक्ष में लोगों को मंडल( बहुजन/ दलित राजनीति / दर्शन) से दूर करने का पुरजोर कोशिश करते हैं।इन पार्टियों की राजनीति ही  कॉरपोरेट धनिकों और ऊँची जातियों के प्रभुत्व को बनाए रखने के लिए है। ये संगठन केवल "हिंदू एकता" का मुखौटा पहनते हैं, लेकिन उनके असली एजेंडे में जातिगत भेदभाव और कॉरपोरेट पूंजीवादी हितों की सुरक्षा होती है। जब नवादा जैसी घटनाएँ होती हैं, तब यह स्पष्ट हो जाता है कि ये पार्टियाँ दलितों के पक्ष में नहीं, बल्कि ऊँची जातियों के दबंगों,भूस्वामियों और पूंजीपतियों के साथ खड़ी हैं। यह उनका पाखंड और दोहरी नीति है।इसीलिए फासिस्ट संघ परिवार,जाति जनगणना का कट्टर विरोधी है।क्योंकि इससे इसके हिंदुराष्ट्र का गुब्बारा फट जायेगा।

नवादा की घटना से हमें यह सबक लेना होगा कि  मनुवादी जातिगत उत्पीड़न और कॉरपोरेट पूंजीवादी शोषण आपस में गहरे जुड़े हुए हैं। जब तक इस कॉरपोरेट भगवा मनुवादी व्यवस्था को चुनौती नहीं दी जाएगी, तब तक दलितों/ उत्पीड़ितों का शोषण जारी रहेगा।दूसरी महत्वपूर्ण बात है अन्य पिछड़े वर्गों और दलितों में से कुछ तबकों का अति दलित या महा दलितों के प्रति विरोध और उपेक्षा।आरएसएस यही  तो चाहता है कि  पहचान की राजनीति या सोशल इंजीनियरिंग के नाम पर समाज के 80 फीसदी दलित/ उत्पीड़ित , पिछड़ा वर्ग,आदिवासी समुदाय आपस में लड़ते रहें ।हरियाणा के नूह से लेकर मणिपुर तक संघ परिवार इसी नफ़रत और विभाजन के जहर  को फैला रहा है।आज जरूरत है महा दलितों या दलितों में जो पिछड़े हैं उन तबकों को भी दलितों के बराबर उचित प्रतिनिधित्व और सम्मान देने की। इसके लिए हमें जाति आधारित जनगणना की मांग को लोकप्रिय बनाते हुए देशव्यापी साझा अभियान चलाना होगा।
आज वक्त की पुकार है कि मनुवादी हिंदुत्व के खिलाफ तमाम दलित / उत्पीड़ित, पिछड़ा वर्ग,आदिवासी समुदाय,गरीब मेहनतकश जनता,अल्पसंख्यक समुदाय और महिलाएं एक होकर फौलादी एकता बनाएं और एक जातिविहीन धर्मनिरपेक्ष ,लैंगिक समानता और वैज्ञानिक चेतना युक्त समतावादी समाज के निर्माण के लिए साथ साथ  लड़ें।जाति और पूंजी का यह गठजोड़ न केवल दलितों, बल्कि पूरे मेहनतकश समाज के लिए खतरा है। इसे समाप्त किए बिना न तो समाज में सच्ची समानता आएगी और न ही सामाजिक न्याय।

यह समय है कि मेहनतकश शोषित पीड़ित जनता जाति और धर्म की दीवारों को तोड़कर एकजुट हो। यह केवल दलित समुदाय का मुद्दा नहीं है, यह पूरे समाज का मुद्दा है। कॉरपोरेट पूंजीवाद और  भगवा मनुवादी जातिवाद का ख़ात्मा करके ही हम एक ऐसे समाज की स्थापना कर सकते हैं, जहाँ समाज की 80 फीसदी गरीब शोषित/ उत्पीड़ित,  मेहनतकश जनता को समान अधिकार, सम्मान और न्याय मिले।जनता को लूटने वाले कॉरपोरेट भगवा मनुवादी फासिस्ट ताकतों का नाश हो।

—बंडू मेश्राम, एम के डासन,तुहिन
जाति उन्मूलन आंदोलन संयोजक मंडल की ओर से
( संपर्क 9425560952)

नई दिल्ली,22 सितंबर 2024

20/09/2024

जनसंघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़

सितंबर 20, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         प्रेस विज्ञप्ति 


 *जन* *संघर्ष* *मोर्चा* , *छत्तीसगढ़* *ने* *बिलासपुर* *में* ** *फिलिस्तीन* *का* *झंडा* *लहराने* *के* *आरोप* *में* *हिंदूवादी* *संगठनों* *के* *दबाव* *में* *अल्पसंख्यक* *समुदाय* *को* *प्रताड़ित* *करने* *के* *लिए* *पुलिस* *प्रशासन* *की* *कड़ी* *निन्दा* *की* 

बिलासपुर सहित पूरे राज्य में शांति व सौहाद्र के माहौल को बिगाड़ने की साजिश का लगाया आरोप

रायपुर,छत्तीसगढ़,20 सितंबर 2024 ।विदित हो कि गत दिनों ईद के अवसर पर तोरण में फिलिस्तीन के झंडे की आकृति उकेरने को लेकर मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ ,फासिस्ट संघ परिवार के इशारे पर पुलिस प्रशासन ने पूर्वाग्रह पूर्ण कारवाई की।पुलिस ने फिलिस्तीन का झंडा लहराने के आरोप में मुस्लिम समुदाय के 20-25 लोगों को हिरासत में लिया,तोरण बनाने वालों को  आरोपी बनाया और उन्हें परेशान  करने के लिए जमानत  का भी विरोध किया जा रहा है।
जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ ने इस पूरे घटनाक्रम पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि फिलिस्तीन राष्ट्र को पूरे विश्व जनमत के साथ भारत ने भी लंबे समय से मान्यता दे रखी है।गुट निरपेक्ष आंदोलन के समय से ही भारत ,इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर बलपूर्वक कब्जे का और कत्ल ए आम  का पुरजोर विरोध करता आया है और फिलिस्तीन के मुक्ति संघर्ष का समर्थन करता आया है।लेकिन पिछले दस सालों से अधिक समय से सत्तारूढ़ धुर दक्षिणपंथी मोदी सरकार जो फासिस्ट आरएसएस के मार्गदर्शन में संचालित होती है,ने यहुदीवादी युद्ध अपराधी हत्यारे इजरायल का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करना शुरू किया है।और ये किया जा रहा है इस्लामोफोबिया या मुसलमानों को सारी समस्याओं को जड़ बताते हुए उनको प्रताड़ित करना या हमलों का निशाना बनाते हुए।मोदी सरकार  ,अमरीकी साम्राज्यवाद के निर्देश पर  इजरायल को हथियारों की मदद,कूटनैतिक मदद और रक्षा/ जांच मामलों में परस्पर सहयोग से लेकर इजरायल के आग्रह पर युद्ध ग्रस्त फिलिस्तीन में भारतीय मजदूरों को जान जोखिम में डालकर भेज रही है । पिछले एक वर्ष में इसराइल ने गाज़ा पट्टी,वेस्ट बैंक, सीरिया और लेबनान में 45000 से अधिक निरपराध फिलिस्तीनी नागरिकों को मार डाला है और 90000 से अधिक लोगों को गंभीर रूप से घायल किया है।इनमें से आधे  मरीज और बच्चे हैं।हाल ही में इसराइल की दुनिया में सबसे घृणित आतंकी  गुप्तचर संगठन" मोसाद"( भारत सरकार   देश में पेगासस वायरस के जरिए सरकार  विरोधी लोगों की जासूसी और रक्षा एवम गृह मंत्रालय के कार्यक्रमों   में इसी मोसाद से सहयोग ले रही है ) ने पेजर,मोबाइल फोन आदि में रिमोट कंट्रोल के जरिए विस्फोट करके लेबनान के शरणार्थी शिविरों में कई फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्या की ओर बड़े पैमाने पर लोगों को घायल किया है।जब संयुक्त राष्ट्र संघ में इसराइल को फिलिस्तीन में चलाए जा रहे जन संहार को रोकने और फिलिस्तीन पर इसराइल के कब्जे को अवैध ठहराने का प्रस्ताव लाया जाता है तो मोदी सरकार तमाम गुट निरपेक्षता की नीतियों को तिलांजलि देकर इसराइल का समर्थन करते हुए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान नहीं करती या  बहिर्गमन(वॉक आउट) करती है।
जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ ने सवाल उठाया है कि फिलिस्तीन के झंडे को दिखाना कब से आतंकवादी कृत्य हो गया। हमारे देश में कम से कम 20 राज्यों में पूरी दुनिया की तर्ज पर फिलिस्तीन में इसराइल द्वारा संचालित जन संहार को रोकने के लिए प्रदर्शन और सेमिनार आयोजित किए गए हैं,तो क्या मोदी सरकार उन सबको गैरकानूनी करार दे देगी।मोर्चा ने कहा कि हिंदूवादी संगठन,भाजपा सरकार की गरीबी,बेरोजगारी,मंहगाई हर मोर्चे पर घोर असफलता को  ढकने के इरादे से नफ़रत और विभाजन का जहर पैदा कर जनता को भ्रमित करना चाह रही है।जनता को मालूम होना चाहिए कि ये सब राज्य में शांति और सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने की साजिश है।फिलिस्तीन राष्ट्र को संयुक्त राष्ट्र संघ ने तीस साल पहले से मान्यता दे रखी है और फिलिस्तीन हमेशा से भारत का मित्र रहा है।आतंकवादी और दुष्ट राष्ट्र अगर कोई है तो वह इजरायल है जो दुनिया को फिर से विश्व युद्ध की आग में झोंक देना चाहता है।जिसके साथ मोदी सरकार गलबहियां डाल रही है।जन संघर्ष मोर्चा ने छत्तीसगढ़ में शांति और सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश रचने वाले संगठनों को चिन्हित कर कारवाई करने की मांग की है।

प्रसाद राव,लखन सुबोध,एडवोकेट शाकिर कुरैशी, सौरा,कलादास,सविता बौद्ध,नीरा डहरिया,तुहिन
(जन संघर्ष मोर्चा 
संयोजक मंडल की ओर से )
संपर्क-9981743344,9301802425,9425560952

16/09/2024

सत्य गृह राजघाट वाराणसी के छठे दिन मिहिर प्रताप दास

सितंबर 16, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         *छठा दिन*
16 सितंबर 2024
सत्याग्रह स्थल
राजघाट, वाराणसी
राजघाट वाराणसी 


*न्याय के दीप जलाएं* 
 100 दिनो का सत्याग्रह आज छठे दिन में प्रवेश कर गया। सुबह 6 बजे सर्व धर्म प्रार्थना के साथ सत्याग्रह की शुरुआत हुई। *उत्कल सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष मिहिर प्रताप दास* उपवास पर बैठे हैं। मूलतः ओडिशा के जाजपुर जिले के रहने वाले 58 वर्षीय मिहिर दास 1995 से गांधी विचार के प्रचार- प्रसार में संलग्न हैं।इनका परिवार स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल रहा है और पिता समाजवादी विचार से जुड़े थे और विधायक भी रहे। मिहिर अखबारों में कॉलम लिखते हैं। इनकी पहचान एक समर्पित व्यक्तित्व के रूप में है।

*गांधी विचार को कोई मिटा नहीं सकता - मिहिर प्रताप दास*

उपवास सत्याग्रही मिहिर प्रताप दास ने सर्व सेवा संघ परिसर के विध्वंस को दुर्भाग्यपूर्ण और गांधी विचार के लिए चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि इस परिसर के जरिए समाज में नैतिक, रचनात्मक एवं आध्यात्मिक प्रवृत्तियों को विकसित करने के कार्यक्रम चलाए जाते थे। इसके विध्वंस ने इन प्रयासों पर आघात तो किया है लेकिन गांधी विचार परंपरा- जिसमें विनोबा, जयप्रकाश सभी शामिल हैं, जो भी दुनिया का भला चाहते हैं- अमर है। गांधी विचार को कोई मिटा नहीं सकता। 

*लोकतंत्र की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है* अलख भाई

सर्वोदय आंदोलन के 87 वर्षीय अलख भाई ने आज सत्याग्रह में शामिल होकर कहा कि कल अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस था। पूरी दुनिया में लोकतंत्र को अबतक के सर्वश्रेष्ठ शासन व्यवस्था के रूप में मान्यता मिली हुई है। हमारे देश में भी स्वतंत्रता आंदोलन के कर्णधारों ने लोकतंत्र की स्थापना की। परंतु आज जिन पर लोकतांत्रिक व्यवस्था के संचालन का दायित्व है, वहीं इसके लिए खतरा बन गए हैं। घर के चिराग से ही घर में आग लग रही है। वर्तमान सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने में लगी हुई है और कानून का सरेआम उल्लंघन कर रही है। ऐसी स्थिति में हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह आगे आए और लोकतांत्रिक व्यवस्था को न केवल संरक्षित करें बल्कि विकसित भी करें।


 *जब जमीन की टोह में आयुक्त परिसर में आए*

18 जनवरी 2023 को *वाराणसी के आयुक्त कौशल राज शर्मा* नमो घाट के आस- पास हो रहे निर्माण कार्य को देखने के क्रम में सर्व सेवा संघ परिसर में भी आए। इसी क्रम में वे प्रकाशन भवन में भी पहुंचे। प्रकाशन की ओर से उन्हें आचार्य विनोबा की प्रसिद्ध पुस्तक *गीता प्रवचन* और महात्मा गांधी की आत्मकथा *सत्य के प्रयोग* उपहार स्वरूप दिया गया। उम्मीद थी कि *वे इन पुस्तकों से प्रेरित होकर सत्य के रास्ते पर चलेंगे* पर अफसोस है कि उन्होंने *असत्य का रास्ता* चुना और सर्व सेवा संघ परिसर की खरीदी हुई *जमीन को हड़पने के षड्यंत्र* में लगे रहे ।

वास्तव में कौशल राज शर्मा नमो घाट की परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त जमीन की तलाश में आए थे। बसंत कॉलेज के तट पर हेलीपैड बन रहा था और इसके लिए एप्रोच रोड की जरूरत थी। यहां यह उल्लेख कर देना उचित है कि ठीक-दो दिन पहले अर्थात 16 जनवरी 2023 को मोइनुद्दीन नामक एक अज्ञात पहचान वाले व्यक्ति ने उप जिला अधिकारी, सदर वाराणसी के यहां खतौनी से सर्व सेवा संघ का नाम हटाकर नॉर्दर्न रेलवे का नाम अंकित करने का आवेदन दे दिया था।

रोज की तरह आज शाम को सर्व धर्म प्रार्थना और दीप प्रज्वलन के साथ सत्याग्रह का समापन हुआ।

आज के सत्याग्रह में 87 वर्षीय अलख भाई, 85 वर्षीय कृष्णा मोहंती, रामधीरज,
अशोक भारत, नंदलाल मास्टर, जागृति राही, शुभा प्रेम, अंतर्यामी बरल, चूड़ामणि साहु, गौरांग चरण राउत, ललित मोहन बेहरा, निलेंद्री साहु और शिवजी सिंह, सुरेश,विद्याधर मास्टर, चेखुर प्रजापति, चौ राजेन्द्र, पंकज भाई आदि शामिल हुए।

रामधीरज 
सर्व सेवा संघ

13/09/2024

पाम ऑयल हार्ट अटैक का कारण

सितंबर 13, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.          महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त एवम अग्रसारित...
पाम ऑयल हार्ट अटैक का कारण है, इसका प्रयोग न करें 

प्रिय मित्रों! मैं डॉ. भावना हूँ और पीजीआई में बाल चिकित्सा सर्जरी के लिए काउंसलर के रूप में काम कर रही हूँ। मैं आपसे एक छोटा सा अनुरोध करना चाहती हूँ। उससे पहले, मैं आपके साथ एक छोटी सी जानकारी साझा करना चाहती हूँ। आप में से कई लोगों ने आज के समाचार पत्रों में पढ़ा होगा कि EMRI के नतीजे बताते हैं कि Heart Attack आने वाले ज़्यादातर लोग 50 साल से कम उम्र के हैं। *आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इसका दोषी Palm Oil है। यह शराब और धूम्रपान दोनों से कहीं ज़्यादा ख़तरनाक है।* *भारत दुनिया में Palm Oil का सबसे बड़ा आयातक है।* Palm Oil का माफिया बहुत बड़ा है। *हमारे बच्चे, जो भविष्य हैं, बहुत बड़े जोखिम में हैं।* इस देश में Palm Oil के बिना कोई भी फ़ास्ट फ़ूड उपलब्ध नहीं है। अगर आप *हमारी किराने की दुकान पर जाएँ, और बच्चों के खाने का कोई ऐसा सामान खरीदने जाएँ जिसमें Palm Oil न हो - तो आप सफल नहीं होंगे।* आपको यह जानकर दिलचस्पी होगी कि *बड़ी कंपनियों के बिस्कुट भी इसी से बनते हैं, और इसी तरह सभी चॉकलेट भी इसी से बनते हैं* हमें यह विश्वास दिलाया जाता है कि वे स्वास्थ्यवर्धक हैं, लेकिन हम कभी भी *घातक पाम तेल या पामिटिक एसिड* के बारे में नहीं जानते थे। *लेज़* जैसी बड़ी कंपनियां पश्चिमी देशों में अलग तेल और भारत में पाम तेल का उपयोग करती हैं* सिर्फ इसलिए कि यह सस्ता है। हर बार जब हमारा बच्चा पाम तेल वाला कोई उत्पाद खाता है, तो मस्तिष्क अनुपयुक्त तरीके से व्यवहार करता है और हृदय के आसपास और अंदर वसा का स्राव करने का संकेत देता है *इससे बहुत कम उम्र में मधुमेह हो जाता है।* विश्व आर्थिक फॉर्म ने अनुमान लगाया है कि कम उम्र में मरने वाले 50 प्रतिशत लोग मधुमेह और हृदय रोग से मरेंगे। *पाम ऑयल माफिया ने हमारे बच्चों को जंक फूड की लत लगा दी है, जिससे फल और सब्जियां एक तरफ रह गईं, जो हृदय की सुरक्षा करती हैं।* अगली बार जब आप अपने बच्चे के लिए कुछ खरीदें, तो उत्पाद का लेबल देखें। अगर उसमें पाम तेल या पामोलीन तेल या पामिटिक एसिड है, तो उसे खरीदने से बचें! कृपया हमारे बच्चों की रक्षा करें। वे हमारे देश का भविष्य हैं! कृपया इस संदेश को आगे बढ़ाएँ। इसे अपने करीबी दोस्तों और परिवार के सदस्यों को भेजना न भूलें। कृपया ध्यान दें कि इसे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाएँ। पुनश्च: कृपया बिना संपादन के साझा करें। 🙏🙏

**भगत सिंह जन्मोत्सव सम्मेलन का आयोजन - भीतेश्वेनाथ मंदिर (हरौरा, चंदौली)**

सितंबर 13, 2024 0
FOR MORE INFORMATION VISIT
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज
**भगत सिंह जन्मोत्सव सम्मेलन का आयोजन - भीतेश्वेनाथ मंदिर (हरौरा, चंदौली)**
babulal yadav (revolution member)


 
ध्यान में रखते हुए कि यह आयोजन भगत सिंह के जन्मोत्सव के लिए आयोजित किया जा रहा है और इसमें देशभक्त लोगों और समाजवादियों को एकजुट करने का संदेश है, मैं आपके लिए एक ब्लॉग पोस्ट का प्रारूप तैयार कर रहा हूँ। इसे आप अपने हिसाब से और विस्तार से भी कर सकते हैं।
 **भगत सिंह जन्मोत्सव सम्मेलन का आयोजन - भीतेश्वेनाथ मंदिर (हरौरा, चंदौली)**
देश के महान स्वतंत्रता सेनानी **भगत सिंह** के जन्मोत्सव पर एक विशेष सम्मेलन का आयोजन **भीतेश्वेनाथ मंदिर (हरौरा, चंदौली)** में किया जा रहा है। यह सम्मेलन **भगत सिंह विचार मंच, कम्युनिस्ट क्रांति केंद्र**, और **सर्वहारा संघर्ष समिति** के तत्वाधान में आयोजित हो रहा है। आयोजन में सभी देशभक्तों, समाजवादियों और आम जनता को शामिल होने का सादर निमंत्रण है। 
**आयोजन का समय और स्थान**
- **स्थान**: भीतेश्वेनाथ मंदिर, हरौरा, चंदौली  
- **समय**: सुबह **10 बजे** से शाम **6 बजे** तक  
- **तारीख**: [यहाँ तारीख जोड़ें, यदि उपलब्ध हो]  
**आयोजक:**
इस ऐतिहासिक सम्मेलन के आयोजक हैं:
- **विजय यादव**, अध्यक्ष, भगत सिंह विचार मंच  
- **सुदमा पाण्डे**, सचिव, कम्युनिस्ट क्रांति केंद्र  
- संपर्क: **6306413290**
**विषय: देशभक्त और समाजवादी विचारधारा का प्रसार**
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य उन देशभक्तों और समाजवादियों को एक मंच पर लाना है जो कड़ी मेहनत और निष्ठा से समाज को एक बेहतर दिशा में ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। सम्मेलन में वक्ताओं द्वारा भगत सिंह के विचारों और उनके बलिदान के बारे में चर्चा की जाएगी, साथ ही यह विचार किया जाएगा कि कैसे आज के समय में उनकी विचारधारा को समाज में लागू किया जा सकता है।
**कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ:**
- **प्रेरणादायक भाषण**: जाने-माने वक्ता और समाज के प्रख्यात लोग भगत सिंह के विचारों पर चर्चा करेंगे।
- **सांस्कृतिक कार्यक्रम**: स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए जाएंगे।
- **आमंत्रण**: यह कार्यक्रम सभी देशभक्त, समाजवादी और मेहनतकश लोगों के लिए खुला है।


**क्यों शामिल हों?**
भगत सिंह का जीवन और उनकी विचारधारा आज के समय में भी अत्यधिक प्रासंगिक हैं। यह सम्मेलन न केवल उनकी विचारधारा को सम्मानित करने का एक अवसर है, बल्कि वर्तमान पीढ़ी को भी उनके बलिदान और विचारों से अवगत कराने का एक मंच है। 

इस कार्यक्रम में भाग लेकर, आप भगत सिंह के आदर्शों के साथ अपने जुड़ाव को मजबूत कर सकते हैं और समाज के लिए अपना योगदान सुनिश्चित कर सकते हैं।

12/09/2024

माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश सरकार

सितंबर 12, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज

माननीय।मुख्य।मंत्री।महोदय
उत्तर।प्रदेश।सरकार।लखनऊ
______&&&____________
विसये।।उत्तर।प्रदेश।के।समस्त।सफाई।कर्मचारियों।को।समान।कार्य।का।समान। वेतन देने।एवं।ठेके। दारी समाप्त।करने।के। सम्बन्ध।में
____________________________महोदय
अनुरोध।के।साथ।अवगत।करना। है।की।उत्तर।प्रदेश।में।हो।रहे। अत्त्या चार।से।मुक्ति।दिलाते।हुए।ठेका।प्रथा।को।समाप्त।कर।समान।कार्य।का।समान।वेतन। लागू करने।का।आदेश।पारित।करते। हुऐ परमानेंट। भर्ती।।करे।जिससे।उत्तर।प्रदेश।के।समस्त।सफाई।कर्मचारियों।का।आने।वाला।समय।उज्जल।हो।और।उनके। बच्चों का।जीवन।सुखमय।हो।
अतः।माननीय।महोदय।जी।से।।संघ।अनुरोध।करता। है।की।समस्त।सफाई।कर्मचारियों।के।उत्थान।हेतु।समेस्य।का।समाधान।करने।की।कृपा।करे
आप।का।संघ।आभारी।रहेगा
भवदीय।
अध्यक्ष।एवं।महा।मंत्री
रामप्रकाश। भारती।संतोष।वर्षा
Shiuram। समुद्रे

10/09/2024

योगी सरकार के उप-चुनावों में ज़्यादा फंड कटेहरी और कम फंड मिल्कीपुर कार्यक्रम

सितंबर 10, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज  *योगी सबसे ज्यादा कटेहरी और सबसे कम मिल्कीपुर पर मेहरबान:* 
प्रेम बहादुर और शमसेर सिंह की योगी सरकार की एक रिपोर्ट 


उपचुनाव से पहले 8 सीटें कवर कीं; 5 हजार करोड़ के पैकेज, 22500 को नौकरी
~~~~~~~~~
अभी यूपी में उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है। उसके पहले ही 10 में से 7 सीटों वाले जिलों में 5 हजार करोड़ की 8 हजार 518 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो गया। यह सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन सीटों पर पहुंचकर किया। 22,500 युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे। सबसे ज्यादा फायदे में अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट रही, जबकि सबसे कम अयोध्या की मिल्कीपुर।
उपचुनाव की कमान अपने हाथ में लेने के बाद एक महीने में योगी ने 8 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। सिर्फ मुजफ्फरनगर की मीरापुर में कोई घोषणा नहीं की। बाकी 7 सीटों पर जनता को बड़ी सौगातें मिली हैं।
दरअसल, लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती सपा का PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूला तोड़ना है। इसीलिए सीएम योगी राष्ट्रवाद और हिंदुत्व पर ज्यादा मुखर दिख रहे हैं।
अक्टूबर-नवंबर में यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। ये अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, कानपुर नगर की सीसामऊ, मैनपुरी, अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, प्रयागराज की फूलपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी और भदोही जिले की मझवां सीटें हैं। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है।
इसलिए योगी ने अब तक मिल्कीपुर और कटेहरी का तीन से चार बार दौरा कर लिया है। खैर, मैनपुरी, सीसामऊ, फूलपुर, मीरापुर और कुंदरकी का एक-एक बार दौरा किया। गाजियाबाद और मझवां में आने वाले दिनों में दौरा करने वाले हैं।
भाजपा से जुड़े नेताओं की मानें, तो सीएम योगी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने उपचुनाव की रणनीति तैयार की। इसमें लोकसभा चुनाव में कमजोर रहे पक्षों को उपचुनाव में मजबूत करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत पूरा उपचुनाव राष्ट्रवाद, रोजगार और विकास के मुद्दे पर लड़ने की रणनीति तय हुई। साथ ही महिलाओं और युवाओं पर खास फोकस करना तय हुआ।

विनोबा जयंती 11 सितंबर से प्रारंभ 100 दिन सत्य गृह राजघाट वाराणसी

सितंबर 10, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज *विनोबा जयंती 11 सितंबर से शुरू होगा 100 दिवसीय सत्याग्रह*
राजघाट वाराणसी 


वाराणसी 9 सितं 24 
 स्वतंत्रता आंदोलन के प्रथम सत्याग्रही आचार्य विनोबा भावे की जयंती 11 सितंबर से सर्व सेवा संघ, राजघाट, वाराणसी परिसर के विध्वंस के विरुद्ध और पुनर्निर्माण के लिए 100 दिन का सत्याग्रह प्रारंभ हो रहा है जो 19 दिसंबर 2024 तक चलेगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि मोदी सरकार ने पिछले साल 12 अगस्त 2023 को बिना किसी न्यायिक आदेश के अवैधानिक तरीके से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों द्वारा निर्मित सर्व सेवा संघ के ऐतिहासिक इमारत को मटियमित कर दिया था। साधना केंद्र को विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण ने बनाया था। यहां तक कि सर्व सेवा संघ प्रकाशन की गांधी विचार की किताबों को सड़क पर फेंक दिया था।
 सत्याग्रह की शुरुआत के प्रथम दिन सर्व सेवा संघ के पांच सत्याग्रही _ अध्यक्ष चंदन पाल, वरिष्ठ गांधीवादी श्रीमती कृष्णा मोहंती, रविंद्र सिंह चौहान, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज एवं सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद कुशवाह उपवास पर बैठेंगे।

*1श्रीमती कृष्णा मोहंती*

उड़ीसा के मुख्यमंत्री एवं सर्व सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष नब कृष्ण चौधरी एवं सर्वोदय नेत्री मालती चौधरी की सुपुत्री 86 वर्षीया सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती कृष्णा मोहंती का पूरा जीवन गांधीवादी मूल्यों के प्रति समर्पित रहा है। वे गांधी जी के आश्रम सेवाग्राम में रही है और बचपन में ही अपनी मां के साथ जेल में बिताया है। सर्व सेवा संघ, राजघाट परिसर में भी कई वर्षों तक उनका निवास रहा है।
आचार्य विनोबा भावे द्वारा प्रारंभ भूदान आंदोलन में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आदिवासी समुदाय में साक्षरता के प्रचार प्रसार के लिए उन्हें भारत सरकार के द्वारा सम्मानित भी किया गया है। उन्हें गांधी पुरस्कार से भी नवाजा गया है।

*2 रविंद्र सिंह चौहान*

 आचार्य विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण के प्रेरणा और प्रयास से 60 के दशक में चंबल के 650 बागियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। रायबरेली, उत्तर प्रदेश के रहनेवाले 85 वर्षीय रविंद्र सिंह चौहान इस अभियान में अत्यंत सक्रियता के साथ शामिल थे। विनोवा जी से प्रभावित होकर उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी और भूदान आंदोलन के हिस्सेदार बन गए।

*3 चंदन पाल*

पश्चिम बंगाल के 75 वर्षीय चंदन पाल पिछले 6 दशकों से सामाजिक जीवन में सक्रिय रहे हैं। 1964 में शांति सेना के साथ उनका सामाजिक जीवन का प्रारंभ हुआ और बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के समय शरणार्थी शिविरों में उन्होंने अपनी सेवा दी। सुनामी के समय अंडमान निकोबार में और सुपर साइक्लोन के वक्त उड़ीसा के राहत कार्य में अपना विशिष्ट योगदान दिया। असम के कोकडाझाड़ में सांप्रदायिक तनाव को दूर कर सद्भाव और शांति स्थापित करने में भी सफलता पाई। वे वहां 5 वर्ष तक रहे।संप्रति, वे सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष की जिम्मेवारी निभा रहे हैं। उनके कार्य को देखते हुए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

*4 रामधीरज* 

आपातकाल के विरुद्ध लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वाले रामधीरज 19 महीने तक मीसा के अंतर्गत जेल में रहे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ते हुए 1974 के जेपी आंदोलन से प्रभावित होकर सामाजिक जीवन में पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में शामिल हो गए और आज तक समाज की नव रचना में अपना योगदान दे रहे हैं।
1990 में बहुराष्ट्रीय कंपनियों और डंकल प्रस्ताव के खिलाफ देशभर में आंदोलन चलाया। वे किसानों के संघर्ष में भी लगातार जुड़े रहे और 2012 में चले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी अपना योगदान दिया। राम धीरज गांधी विचार के प्रचार प्रसार के लिए गठित सर्व सेवा संघ प्रकाशन के संयोजक रहे और फिलहाल उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष हैं।

*5 अरविंद सिंह कुशवाह*

उत्तर प्रदेश कानपुर के रहने वाले अरविंद सिंह कुशवाह गांधीवादी परिवार से हैं। बुंदेलखंड के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के प्रचार- प्रसार और सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। वे फिलहाल सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय मंत्री के रूप में सर्वोदय आंदोलन को सक्रिय करने में लगे हुए हैं।
यह सत्याग्रह गांधीवादी मूल्यों पर अहिंसा और शांति पर आधारित 100 दिनों तक जारी रहेगा। प्रतिदिन उड़ीसा, बंगाल, महाराष्ट्र, केरल कर्नाटक हरियाणा, बिहार, उत्तराखंड आदि अलग-अलग राज्यों और जिलों से सर्वोदय कार्यकर्ता आएंगे एवं शांतिपूर्ण सत्याग्रह करेंगे। 
 राम धीरज 
सर्व सेवा संघ वाराणसी

08/09/2024

भूख हरताल पर बैधे अनसंकारियो ने अर्धनाग होकर विरोध किया

सितंबर 08, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज*     
विरोध प्रदर्शन करते हरिश्चंद्र केवट व ग्रामीण 

भूख हड़ताल पर बैठे अनशनकारियो ने अर्धनग्न होकर विरोध किया*
आज दिनांक 08/09/2024 को भूख हड़ताल के सातवे दिन भी अनशनरत् लोगो से शासन-प्रशासन से वार्ता करने कोई भी अधिकारी नही पहुँचा।बताते चले कि जनप्रतिनिधियो की तरफ से चाहे नगर विधायक हो या जिले की सासंद महोदया,किसी भी ने अभी तक अनशन स्थल पर नही पहुँचे है। अनशन का नेतृत्व कर रहे हरिश्चंद्र केवट बताते हैं कि, जिस तरह से शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली है और पिछले 7 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे लोगों की सुधि नहीं ले रहे हैं उसे साफ जाहिर है कि मिर्जापुर का शासन प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि लोगों की मौत से ही जागेंगे। भूख हड़ताल को समर्थन देने भदोही से चलकर आए अपना दल के जिला अध्यक्ष श्री जितेंद्र पटेल ने समर्थन पद देने के साथ लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की सबसे बड़ी नाकामी ठेका प्रथा है आज हर तरफ लोगों की अजीविका  और रोजी-रोजगार को छीनने का काम किया जा रहा है। जहां प्रधानमंत्री बड़े-बड़े व्यापारियों को इकोनामिक क्लास में शामिल करने की बात कर रहे हैं वही मिर्जापुर में जो शमशान
ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन 
शव गृह के लिए माफिया अनुबंध करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन 
प्रोटेसघाट का ठेका हुआ है उससे साफ जाहिर है कि अब सरकार ने गरीबों को भी इकोनामिक क्लास में शामिल कर लिया है।
जनमुक्ति परिषद से समर्थन देने पहुंचे सौरभ ने कहा कि यह ठेका पूरी तरह से समाप्त होना चाहिए,जिस धैकार समाज का पुराना काम है और जो बहुत पहले से चला आ रहा था वह चलता रहे, यह जो ठेका देकर इस समाज के काम को छीनने का प्रयास किया गया है, यह सरकार और पूंजीपतियो का गठजोर है, इसे पूरी तरह से निरस्त किया जाये।

हरिश्चंद्र केवट 
9555744251                                                      रोडवेज-न्यूज सभी समाज से अपील करता है कि वे प्रदर्शनकारी ग्रामीणों की मदद करें तथा उनकी मांग को शामिल करें कि सरकारी संस्था शीघ्र हस्तक्षेप कर निष्पक्ष निर्णय ले।   

04/09/2024

उत्तर प्रदेश सिविल जज के अंतिम परिणाम पर एक रिपोर्ट

सितंबर 04, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग   
उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व समाज विज्ञानी 

 न्यूजउत्तर प्रदेश सिविल जज परीक्षा (पी०सी०एस० जे) का परिणाम रैंक सहित सूची पर जरा गौर करें...
1.आकांक्षा तिवारी      रैंक 1 
2.प्रतीक त्रिपाठी         रैंक 3
3.मीता पांडेय             रैंक 7
4.अनीमा मिश्रा           रैंक 13
5.सौरभ शुक्ला           रैंक 16
6.प्रशांत शुक्ला           रैंक 17 
7.सौरभ पांडे              रैंक 20 
8.ज्योत्सना राय          रैंक 21
9.रीचा शुक्ला             रैंक 24
10.रूचि कौशिक        रैंक 27
11.सौम्य भारद्वाज      रैंक 30 
12.सौम्य मिश्रा          रैंक 34
13.वरूण कौशिक      रैंक 37 
14.देवप्रिय सारस्वत    रैंक 38
15.सोनाली मिश्रा        रैंक 40 
16.शिप्रा दुबे              रैंक 42 
17.सुप्रिया शर्मा          रैंक 43
18.शिवम द्विवेदी        रैंक 45
19.अक्षिता मिश्रा        रैंक 46
20.राजीव रंजन मिश्रा  रैंक 56 
21.मोनिका मिश्रा        रैंक 57
22.सुधा शर्मा             रैंक 61
23.सौरभ ओझा         रैंक 63
24.आस्था मिश्रा         रैंक 65
25.श्रुति त्रिपाठी          रैंक 68
26.रजत शुक्ला          रैंक 70
27.रवि पांडेय                  76
28.आयुषि चतुर्वेदी           77
29.अश्विनी कुमार उपाध्याय  रैंक 84
30.प्रद्युमन कुमार मिश्रा       87
31.प्रफुल्ल उपाध्याय           98
32.सौम्य मिश्रा                 105
33.निहारिका पांडेय           110
34.अभिषेक त्रिपाठी          118
35.ममता दुबे                   119
35.रिचा अवस्थी               122
36.शुभम द्विवेदी               123
37.चन्द्र प्रकाश तिवारी       128
38.श्वेता तिवारी                130 
39.पंकज पांडेय                135 
40.देवेश त्रिपाठी               137
41.गौरव द्विवेदी                138
42.ईशा त्रिपाठी                139
43.श्वेता त्रिपाठी                148
44.सौम्य द्विवेदी                151
45.प्रत्युष आनंद मिश्रा       152
46.सत्यप्रकाश नारायण 
47.तिवारी.                      154
48.अमन शुक्ला               164
49.दीक्षा त्रिपाठी               177
50.तुषार शर्मा                  178
51.रिषभ चतुर्वेदी              180
52.आयुषि पांडेय              181
53.अंबुज मिश्रा                182
54.रागिनी मिश्रा               184
55.सौम्य पांडेय                 189
56.साक्षी मिश्रा                 191
57.वसुंधरा शर्मा                192
58.कृष्ण मोहन पांडेय        193
59.पियुष्का तिवारी            194
60.श्वेतिका उपाध्याय         202
61.प्रतिभा शुक्ला              203
62.शिवांगी त्रिपाठी            204
63.नैंसी तिवारी                 206
64.शिवांगी व्यास              208 
65.अमित मणि त्रिपाठी      210
66.दीक्षा त्यागी                 214
67.अरूण कुमार पांडेय     217
68.समृद्धि मिश्रा               222
69.अंजलि पांडेय              225
70.प्रियल शर्मा                 227
71.निधि पांडेय                 231
72.प्रियंका शर्मा                235
73.प्रभात कुमार दुबे          236
74.यशा शर्मा                    240
75.सृष्टि त्रिपाठी                242
76.अंबेश कुमार पांडेय       243
77.सोनल उपाध्याय           244
78.सारांश शर्मा                 248
79.अजीत कुमार मिश्रा      250     
नोट :- *ST, SC, OBC वाले कृपया मस्जिद की खुदाई करते रहें, क्या पता उसके नीचे मंदिर दबा हो और अपनी कट्टरता को कायम रखें एवं धर्म पर गर्व करें। यह बात सभी SC, ST,  OBC के लोगों को समझना चाहिए की बीजेपी शासन में बहुजनों के साथ न्याय की कोई उम्मीद नहीं करे। जो लोग बीजेपी के लिये कार्य कर रहे हैं उन्हें यह सूंची अच्छे से दसो बार देख लेना चाहिए, ब्राह्मण देश 3.5% होने के बाद भी 100% पदों पर सिविल जज बनाकर बैठा दिये गये हैं l यह ही हालात आगामी लोक सभा चुनाव 2024 के बाद पुरे देश में देखने को मिलेगा ll 
बहुजनों जागो और जगाओ

*इस मैसेज को शेयर करने से मेरा कोई पार्टी या धर्म से मतलब नहीं है मतलब है शिक्षा को लेकर और जागरूकता को लेकर*

राष्ट्रीय समाजवादी जनक्रांति पार्टी (S.L. Thakur)

सितंबर 04, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज   

  🙏🌹👉🇮🇳आए इंकलाबी साथियों, एक नजर हम सभी इस इंकलाब पर डालते हैं। बहुत ही गंभीर और चिंतनीय विषय है। आज राजनेता चाहे जिस भी राजनीतिक दल का हो नैतिक रूप से पतीत नहीं होते अपवाद को छोड़कर तो ना देश के अंदर भ्रष्टाचार होता, ना तो अन्याय और ना तो अत्याचार आज देश के बहन, बेटियों के साथ बलात्कार की घटना लगातार वर्षों वर्षों से हो रही है। चाहे किसी की भी दल की सरकार रही हो इस पर नियंत्रण नहीं हुआ इसके पीछे जिम्मेदार कौन मैं तो मानता हूं कि नैतिक रूप से पतित राजनेता जो की बलात्कार में भी जाति और धर्म की चर्चा करते हैं। और राजनीतिक रोटी सेकने से बाज नहीं आते कहां बची इनके पास नैतिकता, कहां बची इनके पास इंसानियत, कहां बची इनके पास सामाजिकता और राजनीतिक सोच।। राष्ट्रीय समाजवादी जन क्रांति पार्टी की सोच पार्टी का नाम लेना यहां नितांत आवश्यक है क्योंकि किसी भी मुद्दे को प्रबलता देने के लिए हमें उचित प्लेटफार्म एवं विधि सम्मत प्लेटफॉर्म की जरूरत होती है। हम सभी लोग सबसे पहले बलात्कार की शिकार पीड़िता को मानते हैं कि, हमारी भारत की बेटी है। हम उसके पिता हैं। माता हैं। भाई भी हैं। बहन भी हैं। सारे रिश्ते हमारे उसके साथ जुड़े हैं ।आज हम उन बलात्कारियों के खिलाफ इतनी मजबूती से आवाज उठाएंगे कि उनका रूह कांप जाएगा न्याय के कटघरे में खड़ा होकर यह होगी, भारत की आवाज यह होगी नैतिकता से ओत-प्रोत भारतीयता की आवाज, यह होगी अपनत्व की आवाज यह होगी, सत्य, न्याय और प्यार की आवाज, इसी विचारधारा से अंत होगा नफरतीयो का नैतिक पतित राजनेताओं का, अन्याय अत्याचार का, भ्रष्टाचार का जब हम भारत के ईमानदार नागरिक इंकलाब की आवाज देंगे। फिर भारत के रहने वाले लोग सभी भाई-बहन के रूप में होंगे समता मूल्क समाज होगा समाज होगा। जाति, धर्म, क्षेत्र बाद, और भाषा के आधार पर नफरत का अंत होगा। फिर होगा असत्य पर सत्य विजय अन्याय पर न्याय का विजय, आए हम सभी मिलकर इस अभियान को चलाते हैं। वैधानिक प्लेटफार्म के अंतर्गत राष्ट्रीय समाजवादी जनक्रांति पार्टी के साथ हम भारत के लाल हैं ।हमारा इंकलाब है। सत्यमेव जयते।

30/08/2024

भारत के नेता के जाति संबंधी रिश्तेदार पर एक नजर (इस नेता नीति को जानें और समझें)

अगस्त 30, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज*.  
सेवानिवृत्त प्रोफेसर राम दुलार की राय 
                       रामाश्रय ग़ाज़ीपुर रिसर्च डेटा 
रामाश्रय गाजीपुर जन नेता 


एससी नेता और उनकी ब्राम्हण पत्निया*
👉 रामनाथ कोविंद - पत्नी ब्राह्मण
👉 रामविलास पासवान - पत्नी ब्राह्मण
👉 प्रकाश अंबेडकरजी - पत्नी ब्राह्मण
👉 सांसद उदित राज- पत्नी ब्राह्मण
👉 रामदास अठावले - पत्नी ब्राह्मण

*ब्राह्मण राजनेता और उनके दामाद* 😗
👉 अशोक सिघंल, बेटी सीमा सिघंल - मुख्तार अब्बास नकवी.
👉 मुरली मनोहर जोशी, बेटी रेणू जोशी - शाहनावाज हुसैन
👉 लालकृष्ण आडवाणी की बेटी रोशन आडवाणी की दूसरी शादी - सलीम
👉 लालकृष्ण आडवाणी, भतीजी प्रतिभा आडवाणी - अल्ताफ हुसैन
👉 सुबहरण स्वामी, बेटी सुहासिनी - नदीम हैदर.
👉 बालसाहब ठाकरे की पोती - सहजाद
👉 प्रवीण तोगडिया की लडकी - असफाक मीर
👉 मोहन भागवत की भतीजी उर्मिला मातोडकर - मोहसीन अख्तर.
👉 शीला दीक्षित, बेटी लतीका दीक्षित - सैय्यद मौहम्मद इमरान 
👉 अशोक मणी, बेटी अखिला मणी - शफीन जहाँ.


*Some others*.....

👉 मोनिका बेदी - अबू सलेम.
👉 संगीता बिजलानी - मोहम्मद अजहरूदीन.

*मुस्लिम राजनेता और ऊनकी ब्राह्मण पत्निया*
👉 उमर अब्दुला की पत्नी - पायल नाथ ब्राह्मण
👉 शाहरुख़ खान की पत्नी - गौरी छिब्बर ब्राह्मण
👉 आमिर खान की पहली पत्नी - रीमा दत्त ब्रह्माण और दूसरी पत्नी - किरण राव ब्राह्मण

👉 सैफ अली खान के पिता नवाब पटौदी मसूंर अली खान - पत्नी शर्मीला टैगोर,ब्राह्मण
👉 फरहान अखतर (बॉलीवुड हीरो) - पत्नी अधूना भवानी, ब्राह्मण
👉 फरहान आजमी - पत्नी आयशा टाकिया (फिल्मी हीरोइन) ब्राह्मण
👉 शकील लदाक - पत्नी अमृता अरोडा़, ब्राह्मण(फिल्मी हीरोइन)
👉 सलमान खान के भाई अरबाज खान - पत्नी मलाईका अरोडा़, ब्राह्मण .
👉 सलमान खान के छोटे भाई सुहेल खान - पत्नी सीमा सचदेवा,ब्राह्मण
👉 आमिर खान के भांजे इमरान खान - पत्नी अवितंका, ब्राह्मण 
👉 सजंय खान के बेटे जायद खान (बॉलीवुड हीरो) - पत्नी मलिक पाऱेख, ब्राह्मण
👉 फिरोज खान के बेटे फरदीन खान - पत्नी नताशा पांड्या, ब्राह्मण.
👉 इरफान खान (बॉलीवुड हीरो ) - पत्नी सुतपा, ब्राह्मण .
👉 नसीरुद्दीन शाह (फिल्मी हीरो ) - पत्नी रतना पाठक,.
ब्राह्मण ।
*अब सवाल ये है की, इन धर्म के ठेकेदारो को......... गरीब एससी-"अछूत लगता" है, अमीर एससी-"दामाद" !!!*

*गरीब मुस्लिम तो "गद्दार और देशद्रोही" लगता है,.... अमीर मुस्लिम-"दामाद" !!!*

बड़ी मेहनत से लिस्ट तैयार hui है सबको शेयर kariye !!!

*ये पूरी जनता को बेवकूफ समझते हैं...ये धर्म के नाम पर केवल हमें आपस में लड़वाते हैं,*                                                 रोडवे न्यूज़ समाचार पत्रिका पढ़ने और साझा करने के लिए सभी का धन्यवाद अधिक जानकारी के लिए www.roadwaynews.com पर जाएं

28/08/2024

क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच की प्रेस विज्ञप्ति

अगस्त 28, 2024 0

जनता की आवाज, ब्रेकिंग न्यूज प्रेस विज्ञप्ति 
बाबूलाल यादव क्रांतिकारी 


 *क्रांतिकारी* *सांस्कृतिक* *मंच* ( *कसम* ) *ने* *केरल* *की* *फिल्म* *इंडस्ट्री* *में* *यौन* *शौषण* *पर* *केंद्रित* " *हेमा* *कमिटी* " * *की* *अनुशंसाओं* *को* *लागू* *करने* *और* *यौन* *उत्पीडन* *के* *आरोपियों* *पर* *कड़ी* *कार्यवाही* *करने* *की* *मांग* *की* 


नई दिल्ली,28 अगस्त 2024. क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच (कसम) ने केरल फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीडन की जांच के लिए बने " हेमा कमिटी" की रपट को पारदर्शी तरीके से लागू करने की मांग केरल सरकार से की।साथ ही केरल फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीडन के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग भी राज्य सरकार से की।



विदित हो कि केरल सरकार ने हेमा कमेटी का गठन तुरंत नहीं किया था। केरल में एक मशहूर अभिनेत्री के साथ यौन उत्पीड़न के बाद, WCC सदस्यों द्वारा फिल्म उद्योग में महिलाओं के खिलाफ शोषण और हिंसा को उजागर करने के लिए किए गए बहुत प्रयास के बाद ही हेमा आयोग का गठन किया गया था। रिपोर्ट 2019 में बनाई गई थी और इसे जारी होने में लगभग 5 साल लग गए। इससे भी बदतर यह है कि इस रिपोर्ट के जारी होने में देरी के कारण कई महिला कलाकारों को न्याय से वंचित किया जा रहा है। WCC सदस्यों द्वारा किए गए गहन प्रयास का ही नतीजा है कि यह रिपोर्ट अब सामने आ रही है। यह खुलासा हुआ है कि रिपोर्ट से कई पैराग्राफ और पेज छिपाए गए हैं।


इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद, कई प्रमुख अभिनेताओं पर आरोप लगे। पहला आरोप एक बंगाली अभिनेत्री  रीताभरी चक्रवर्ती ने रंजीत नामक एक बहुत प्रसिद्ध मलयाली निर्देशक के खिलाफ लगाया था । लेकिन आरोप के बाद, केरल  वाम मोर्चा सरकार के सांस्कृतिक और युवा मामलों के मंत्री साजी चेरियन द्वारा जारी किया गया पहला बयान पीड़िता के खिलाफ था और निर्देशक का समर्थन करता हुआ दिखाई दिया जो बहुत निराशाजनक है।  लेकिन आरोपों के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्होंने रिपोर्ट पढ़ी ही नहीं, यह कितनी गैरजिम्मेदाराना प्रतिक्रिया है। दुर्व्यवहार के सबसे ज्यादा आरोप अब माकपा विधायक मुकेश पर लगे हैं।


जब यह रिपोर्ट पहली बार सामने आई थी, तब कहा गया था कि इस पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन कड़े हस्तक्षेप के कारण ही सरकार को जांच के लिए एक टीम नियुक्त करनी पड़ी।


सबसे बड़ी बात यह है कि केरल के कुख्यात "अभिनेत्री  पर यौन हमला मामले" की पीड़िता को अभी भी न्याय नहीं मिल पाया है, जिसे अपने ही एक सह-कलाकार से और भी बदतर शोषण और हमले का सामना करना पड़ा था, यह बात सरकार की विश्वसनीयता को खत्म करती है। इसलिए, क्या गारंटी है कि दूसरों को भी न्याय मिलेगा?

यहां सिर्फ केरल फिल्म इंडस्ट्री की बात नहीं है बॉलीवुड सहित देश के हर क्षेत्र में मर्दवादी  घोर महिला विरोधी मानसिकता के चलते महिलाओं को  हर पल असुरक्षा और हैवानियत के साए में जीना पड़ता है।कोलकाता में युवा डॉक्टर के खिलाफ  हुए दरिंदगी के बाद पूरे देश में आज बारह साल पहले निर्भया मामले की तरह महिला उत्पीड़न के खिलाफ जबरदस्त जागृति देखने को मिल रही है। यह भी तथ्य है कि सबसे ज्यादा महिला विरोधी  क्रूर अत्याचार, पूरे देश में पिछले दस सालों से अधिक समय से सत्तासीन संघी मनुवादी/ ब्राम्हणवादी फासीवादी ताकतों के राज में हो रहे हैं।  आरएसएस फासिस्ट ही  सबसे ज्यादा महिला विरोधी मर्दवादी हैं और मनुस्मृति आधारित हिंदुराष्ट्र बनाने के लिए कटिबद्ध हैं। जिस मनुस्मृति के  अनुसार महिलाओं को दलितों आदिवासियों और उत्पीड़ित वर्गों की तरह मानव का दर्ज़ा नहीं दिया गया है।

क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच (कसम) ,देश भर में महिला उत्पीड़न और घोर मर्दवादी सोच के खिलाफ ,पीड़िताओं के हक में न्याय की मांग कर रहे जन उभार के साथ मजबूती से खड़ा है।


तुहिन, असीम गिरी 

अखिल भारतीय संयोजकद्वय

क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच (कसम)