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भारतीय राजनीति पर राधेश्याम यादव से सर्वे रिपोर्ट

सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज                भारत में  अंत मेरा लोकतंत्र है -हरिशंकर शर्मा     



                                                                                                1.  जिस लोकतंत्र को हम रामराज समझ रहे हैं उसे बड़ी बड़ी कंपनियों के दलाल और एजैंट चला रहे हैं। बीजेपी के पास मंदिर मस्जिद और हिन्दू मुस्लमान के अलावा कोई मुद्दा नहीं है। 

2.    हमारी लड़ाई हिन्दू मुसलमान ऊंच नीच और जात पात की लड़ाई नहीं है। हमारी लड़ाई उन लोगों से है जो राजनैतिक संवैधानिक और न्यायिक पदों पर बैठकर लाखों करोड़ का घोटाला कर रहे हैं और देश की जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। 

3.    देश में दल्लों का एक बहुत बड़ा साम्राज्य खड़ा हो चुका है। दल्ले ही सरकार बना रहे हैं और दल्ले की सरकार चला रहे हैं। दल्लों की जीत लोकतंत्र की जीत नहीं हो सकती। दल्लों की कामयाबी एक दिन आपके बच्चों के भविष्य की बरबादी और देश की तबाही का कारण बनेगा। 

4.    सरकार समस्याओं का समाधान करने के बजाय समस्याएं पैदा कर रही है। अदालतें मामलों को और अधिक उलझा रही है। 

5.     पुलिस डाक्टर मीडिया और सरकारी विभाग सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। सरकार फर्जी आंकड़े तैयार कर लाखों करोड़ का घोटाला कर रही है। 

6.    वे चाहते हैं कि हर काम ठेके पर हो। घूंस कमीशन और दलाली का धंधा चलता रहे और लोग पांच किलो राशन लेकर अपनी जुबान बंद रखे। 

7.    योजनाए घोटाले के लिए और कानून देश की जनता को लूटने के लिए बनाए जाते हैं। सरकार दो करोड़ की योजना पर दो हजार करोड़ की योजना तैयार करती है। पैसा नेता और नौकरशाहों में बट जाता है। देश क्या खाक तरक्की करेगा। 

8.     सभी राजनैतिक पार्टियां मिलकर इस देश को लूट रही हैं। सरकार जनता की आंखों में धूल झोंक रही हैं। देश में 250 से अधिक आयोग और 35 हजार से ज्यादा कानून हैं लेकिन आम आदमी को न्याय नहीं है। 

9.    चोर और चौकीदार सब मिले हुए हैं। हमारी कमाई की मलाई को कुत्ते चाट रहे हैं। देश में हो रही लूट हत्या बलात्कार और भ्रष्टाचार के लिए देश का प्रधानमंत्री जिम्मेदार है। 

10.    भारत एक ऐसा देश है जिसमें पुलिस वाला कानून के नाम से लूटता है। नेता सेवा के नाम से लूटता है। डाक्टर इलाज के नाम से लूटता है और वकील न्याय के नाम से लूटता है। 

11.    जो जितने बडे़ पद पर है वो उतना ही अधिक भ्रष्ट है। सरकारी विभाग पहले भी भ्रष्ट थे और आज भी भ्रष्ट हैं। 

12.    देश में 80% नेता  90%  नौकरशाह और  95% जज भ्रष्ट हैं। भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं किया गया तो ये नेता नौकरशाह और जज पूरे देश को बेचकर खा जाएंगे। 

13.     कानून संविधान और न्याय के मंदिर कमाई दलाली ब्लैकमेलिंग और भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए हैं। इन्हें सुधारने की जरूरत है। 

14.    देश की राजनीति और न्याय प्रणाली एक बदनुमा दाग है। इसे साफ करना जरूरी है। देश की सभी सेवाओं का ढांचा भ्रष्ट हो चुका है। देश को एक नई वैचारिक क्रांति की जरूरत है। 

15.    चुनाव से चेहरे बदलते हैं व्यवस्था नहीं बदलती। अब व्यवस्था बदलने की जरूरत है। व्यवस्था परिवर्तन तथा बदलाव के लिए देश को एक नई क्रांति की जरूरत है।

16.    चुने हुए दलालों से लोकतंत्र की उम्मीद नहीं की जा सकती। दलाली करने वाले देश की समस्याओं का समाधान नहीं कर पाएंगे। 

17.    देश को एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो कानून और न्याय व्यवस्था को ठीक कर देश की समस्याओं का समाधान कर सके।

Harishankar Sharma

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