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गूगल की सफलता की कहानी (Success Story Of Google in Hindi)
विषय-
Google की स्थापना Sergey Brin And Larry Page ने तब की थी जब, Stanford University में PhD की पढ़ाई कर रहे थें. पहली बार Googleको 04 September 1998 को दुनिया के सामने लाया गया था.
आज के समय में Google दुनिया का सबसे बड़ा Search Engine है. यह अपने हर काम को दुसरें से अलग करने के तरीको के कारण भी जाना जाता है, फिर चाहे वह Google Doodleहो या इसके Employees के Work करने के तरीके. इससे Google में हमेशा नयापन बना रहता है. Internet पर आज पूरी तरह से Google का कब्ज़ा हो चूका है.
इस Article में हम आपको Google के 21वी. जन्मदिवस पर गूगल का रोचक तथ्य, गूगल की सफलताकी कहानी, गूगल के काम करने का तरीका, गूगल किस तरह से काम करता है, गूगल क्या है, गूगल फेमस कैसे हो गया, इंटरेस्टिंग फैक्ट अबाउट गूगल, गूगल की कहानी,
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गूगल के रंग के पीछे की कहानी, गूगल बनाने में लैरी पेज औरसर्जे ब्रीन का योगदान, गूगल के नाम से मिलते-जुलते वेबसाइट की कहानी, Google के जन्मदिन के पीछे की कहानी, गूगल की अनसुनीबातें (Interesting Fact About Google in Hindi)
के बारें में बताने वालें है, आपको भी Google की सफलता की कहानी के बारें में जानना है तो यह आर्टिकल शुरू से अन्त तक पढ़ें, जिसमें हम आपको गूगल की सभी जानकारी देने वालें है.
गूगल की सफलता की कहानी (Success Story Of Google in Hindi)
गैराज से हुई गूगल की शुरुआत
Google की शुरुआत किसी बड़े Company के Office में नहीं, बल्कि एक Sergey Bean की Wife की Sister के Garage से हुई थी, उसे भी Sergey Bean And Larry Page ने किराये पर लिया था, जहाँ पर वो अपना पूरी दिन-रात एक ऐसी Search Engine बनाने में गुजार दी, जो Internet की दुनिया को ही बदल कर रख दिया. यह Search Engine का नाम Google पड़ा.
लैरी पेज कौन है (Who is Larry Page In Hindi)
सर्जे ब्रीन कौन है (Who is Sergey Brin in Hindi)
सर्जे ब्रीन का पूरा नाम सर्गी मिखायलोविच ब्रिन है इनका जन्म 21 August 1973 को हुआ था. यह एक रुसी अमेरिकी Computer Scientist, Software Developer And Entrepreneur है.
उन्होंने अपने पिता और दादा जी के नक्शेकदम पर चलते हुए Math का अध्ययन किया और Computer Science में दोहरी Degree हासिल की. Graduate की Study के बाद PhD की Study के लिए वे Stanford University चले गए। उनकी PhD का Subject Computer Science था.
गूगल बनाने में लैरी पेज और सर्जे ब्रीन का योगदान
Sergey Brin And Larry Page की मुलाकात Stanford University में हुई थी, जहाँ वह दोनों एक अच्छा Friend बन गयें. उन्होंने अपने कमरे को Low Quality Computers से भर दिया और बेहतर Search Engine के निर्माण के लिए Bean की Data Manning System को लागू किया.
यह Program Stanford University में काफी Famous हो गया और उन्होंने अपनी Ph.D की पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया और एक किराए के Garage में Google की शुरुआत
कुछ समय बाद वह दिन आ गया जब दोनों दोस्त ने मिलकर एक बहुत अच्छा Algorithm का निर्माण किया, जिसे Google में Implement किया और एक Search Engine को 04 September 1998 को पूरी दुनिया के सामने लायें, यही से Google की एक नई History लिखी शुरू हो चुकी थी. कौन जानता था कि दो ऐसा लड़का जो अपनी पढ़ाई बीच में ही छोडके एक ऐसे Search Engine का निर्माण कर देगा,
जिसका नाम पूरी दुनिया में होगी तथा उसके काम के लिए पूरी दुनिया उसका Fan हो जाएगी. लेकिन हुआ ऐसा ही Sergey Brin And Larry Page ने इस दुनिया को अपना Knowledge से Google जैसे बड़े Search Engine का निर्माण कर दिए. जो दुनिया के लिए एक जरिया बन चूका है कुछ भी देखने सीखने का…?
गूगल के नाम के पीछे की कहानी
Larry Page Google का नाम सबसे शुरुआत में गोगोल (Gogoole) रखें थें, लेकिन यह एक छोटी Mistake के कारण गोगोल (Gogoole) से गूगल (Google) बन गया था. “गूगल” यह शब्द गणितीय भूगोल से लिया गया है,
जिसका मतलब होता है कि जिनमे 1 से 100 तक के शून्य (0) लगे हो. गणित में गूगोल एक ऐसी संख्या है जिसमें एक के पीछे 100 जीरो लगे होते है.
गूगल के रंग के पीछे की कहानी
Google आपको कई रंग में दिख जाता है, लेकिन इसके पीछे की भी कहानी छुपी हुई है. दरअसल 1 ,2 ,3 और 4 नम्बर के अक्षरों को Prime के हिसाब से नीला, लाल, पीला, और हरा रंग दिया गया है.
बाकी के अक्षरों को Composite Number होने के कारण अलग रंग दिया गया है. इसका मतलब है Google के Logo के Color को RGB के सिद्धांत पर रखा गया है,
जिसमें ये सभी रंग आपके Computer की Screen को बाकी Colors से अलग और आकर्षित बनता है ताकि देखने में ये सबसे अलग और Attractive लगे.
Google को Rainbow Color होने का कारण इसे कोई भी याद रख सकता है तथा यह इंसानी दिमाग में Positive Think का उत्पन्न करता है, जिससे Google पर Work करने में अधिक मन लगने लग जाता है
गूगल के नाम से मिलते-जुलते वेबसाइट की कहानी
जब Google की नई-नई शुरुआत हुई थी, तब लोग इसके नाम को Type करने में अक्सर गलत करने लग जाते थें. Google का Wrong Name Type करने के दौरान लोग सबसे ज्यादा gooogle.com, goggle.com और googlr.com लिखकर Search करते थें, इसलिए Google के इन नामों से बनी Websites को ही खरीद लिया गया था
गूगल के जन्मदिन के पीछे की कहानी
Google अपना जन्मदिन प्रत्येक वर्ष 04 सितम्बर और 27 सितम्बर को मनाता है, लेकिन बड़ी तौर पर Google अपना जन्मदिन 27 सितम्बर को ही मनाता है. Google की जन्मदिन में भी बहुत सारी मतभेद है,
कुछ लोग इसे 04 सितम्बर को मनाते है, इसका कारण यह है कि गूगल को 04 सितम्बर 1998 को एक Company के तौर परमान्यता के लिए फाइल किया गया था, लेकिन इसकी मान्यता तीन दिन बाद यानि 07 सितम्बर को मिली, जिस कारण कुछ लोग इसका जन्मदिन 07 सितम्बर को भी मनाते है.
इसका Domain Name www.google.com 15 सितम्बर 1997 को Registration किया गया था, इसलिए बहुत सारें लोग Google का जन्मदिन 15 सितम्बर को भी मनाते है. Google अपना जन्मदिन को लेकर अभी भी असमंजस में है
पहले के गूगल और आज की गूगल के बारें में
कहाँ जाता है कि आप बस मेहनत करों, आपके काम में वो मेहनत होगी, जिससे कुछ बड़ा हो सकता है, तो आपको एक दिन सफलता जरुर मिलेगी. कुछ ऐसा ही Sergey Brin And Larry Page के साथ हुआ है.
वह Google Launch होने के बाद बस One Year ही बाद Google को एक Online Company Exide को बेचना चाहते थे, लेकिन Exide के CEO को Google में कुछ खास नहीं दिखा, लेकिन Google में Sergey Brin And Larry Page का अपना करोड़ो लोगों का भविष्य दिख रहा था,
बस उन्होंने अपना पूरा Focus Google पर लगा दिया और आज देखिये Google कहाँ से कहाँ पहुँच चूका है. उस समय अगर Exide के CEO Google को खरीद लेते तो वह आज अपनी Company को कही और देखते. खैर जो होता है अच्छे के लिए होता है.
Google के पास आज कई ऐसे Service है जो लोगों को उनकी Help कर रहा है साथ ही Google Ads से कमाकर आज 300 Billion Dollor की Company बन चुकी है. Google पर Per Second 63 हजार से भी अधिक Query Search किए जाते है
1998 के गूगल को कैसे देख सकते है
Sergey Brin And Larry Page ने जब सबसे पहली बार Google को 04 सितम्बर 1998 को इस दुनिया के सामने लाये थे, आप उस समय के Google के Design को https://elgoog.im/google1998/ से देख सकते है. उस समय के Google के Home Page का Design तथा वह किस तरह से Search Result देता है उसे देख सकते है
गूगल की अनसुनी बातें (Interesting Fact About Google in Hindi)
कि उनके Death के बाद उनके जीवनसाथी (Wife) को उनके Salery का 50 प्रति हर साल दिया जायेगा और Google ऐसा अगले 10 Years तक करते रहेगा.
जो इनको सभी तरह के खाने खिला सकें. इससे यह तो पता चलता ही है की Google अपने Employees का बेहद ख्याल रखता है.
आज Google 300 Billion Dollor से भी ज्यादा की Company बन चुकी है. Google आज खुद इतनी बड़ी कंपनी बन चुकी है कि कई नामी-गिरामी Company को भी इसने खरीद रखा है.
साल 2010 से यह सिलसिला लगातार चलता आ रहा है. औसतन गूगल प्रत्येक सप्ताह एक नई कंपनी को खरीद लेता है. Android, YouTube जैसी बड़ी Company को भी Google ने ही खरीद रखा है.
इससे घास भी साफ हो जाता है और जानवरों को हरा चारा भी मिल जाता है. यहाँ काम करने वालेंEmployeesभी अपने आस-पास इन जानवरों को देखकर ख़ुशी
महसूस करते है.
गूगल के अबतक खरीदी गई कम्पनी की संख्याWikipedia के अनुसार Google 6 जून 2019 तक 227 Companies को खरीद चूका है. जिसमें अधिकांशत: Company America के ही है. Google दूसरी बार 10 दिसंबर 2018 को एक भारतीय कंपनी Indian Railway Tracking का अधिग्रहण कर चूका है, इसलिए आप Railway Station पर Google Wi-Fi को लगे हुए देखते होंगे.
दरअसल Google इसके लिए एक Web Tool Foo.Bar का इस्तेमाल करता है. अगर आप बहुत ज्यादा Programming Language से Related Query (For Example:- Python, PHP, Java, Ruby ETC.) के बारें में Search करते रहते है, तो हो सकता है कि Google की तरफ से आपको Job का Offer आ जाएँ.
असल में इस Button की वजह से Google को Per Year 1100 Lakhs Dollor का नुकसान हो जाता है. जब भी User इस Button को Press है तो यह जल्दी से जल्दी Top Search में पहुँचने के लिए Google के सारें Ads को बाइपास यानि Search Result से Delete कर देता है,
इसलिए आपको Google में कुछ भी Type करने के दौरान उससे Related Query देखने को मिलती है, जिससे Google का नुकसान नहीं हो और कोई भी यूजर I’m Feeling Lucky Button को नहीं Press करें.
कि Google के बड़े-बड़े Project में Indian Employees का महत्वपूर्ण योगदान होता है. Google में सबसे बड़ा योगदान तो Google के CEO सुन्दर पिचाई का है जो आज दुनिया के सबसे बड़ी Search Engine Company Google के CEO है.
आपने इस आर्टिकल में गूगल का रोचक तथ्य, गूगल कीसफलता की कहानी, गूगल के काम करने का तरीका, गूगल किस तरह से काम करता है, गूगलक्या है, गूगल फेमस कैसे हो गया, इंटरेस्टिंग फैक्ट अबाउट गूगल, गूगल कीकहानी, गूगल को किसने बनाया, लैरी पेज और सर्जे ब्रीन कौन है, गूगल कितने साल का हो चूकाहै,
आशा करता हूँ आपको गूगल की सफलता की कहानी बहुत अच्छी लगी होगी. आपको गूगल पर लिखी यह आर्टिकल पसंद आई है तो इसे सोशल मीडिया पर अवश्य शेयर करें, जिससे हर कोई गूगल के बारें में महत्वपूर्ण जानकारी जान सकता है.
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