सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज. • श्रवण कुमार निराला की गिरफ्तारी की आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने की कड़ी निंदा
• तत्काल रिहा करे सरकार, लोकतांत्रिक आंदोलन पर दमन करना बंद करे
लखनऊ/गोरखपुर, 16 अक्टूबर 2024,
|
Ajay roy leader Indian people front |
अंबेडकर जन मोर्चा के संयोजक श्रवण कुमार निराला की
अधिक जानकारी के लिए यहां जाएं महाराजगंज पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी और उन पर लादे गए मुक़दमे की ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने कड़ी निंदा की है। एआईपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने प्रदेश सरकार से निराला को तत्काल रिहा करने और उन पर लादे मुकदमों को वापस लेने की मांग की है।
प्रेस को जारी अपने बयान में उन्होंने कहा कि योगी सरकार लोकतांत्रिक आंदोलन को दमन के बल पर कुचलने में लगी है। गोरखपुर क्षेत्र में श्रवण कुमार निराला लंबे समय से दलितों, गरीबों और उत्पीड़ित समूहों के संवैधानिक अधिकारों के लिए लोकतांत्रिक आंदोलन चला रहे हैं। उन्होंने दलितों को एक एकड़ जमीन देने के सवाल पर आंदोलन किया है। पिछले दिनों चिट फंड कंपनियों और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा लोन के नाम पर गांव में गरीबों की लूट के खिलाफ आंदोलन को संगठित किया। गौरतलब है कि यह कम्पनियां गांव के गरीबों की बेरोजगारी और महंगाई का फायदा उठाकर बैंक दर से लगभग दुगनी ब्याज दर पर लोन देती हैं। इस लोन की वसूली के लिए वह लोगों का सार्वजनिक अपमान कराती हैं और बेहद दबाव बनाती हैं। इन माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के बेलगाम आचरण के खिलाफ निराला ने भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन को पत्र भी भेजे थे और सरकार से समूह के जरिए माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा दिए गए लोन को माफ करने व उनकी बेलगाम कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी।
इस सवाल को हल करने की जगह उनके और संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा गौतम के खिलाफ महराजगंज के फरेंदा थाने में एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर में धोखाधड़ी, दस्तावेज की जालसाजी, अपराध के लिए उकसाने की धाराएं लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। शासन, प्रशासन व्दारा किया जा रहा उनका दमन लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। इसलिए सरकार को दमन की कार्रवाई से बाज आना चाहिए और दलितों व उत्पीड़ित तबकों के जीवन के लिए महत्वपूर्ण सवालों को हल करने की दिशा में काम करना चाहिए।
एस. आर. दारापुरी
राष्ट्रीय अध्यक्ष,
ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें