सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज. *नववर्ष मुबारक! नयी तैयारियों व नयीं उम्मीदों, नयी एकता, व नये संघर्षों के साथ!*
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सरीफ द्वारा लिखित लेख |
शासकवर्ग द्वारा के बढ़ते हमलों (महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार…) नफरती आँधियों, लड़खड़ाती आर्थिक स्थिति, व मुँहबायी महामारी के ख़तरों की घड़ी में भी छोटी-छोटी उम्मीद और उपलब्धियों को सहेजते हुए एक बेहतर भविष्य के लिए लगातार संघर्ष में लगे रहने के साथ आप सभी आभासी दुनिया के मित्रोँ आपको और आपके परिवार वालों को नववर्ष की हार्दिक बधाई! आज इस साल का पहला दिन है, आगे क्या चुनौतियां होंगी उन्हें देखा जायेगा, मगर पिछले साल आपके खिलाफ मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, सूदखोरी, जमाखोरी, कालाबाजारी… के रूप में कितने हमले हुए और लगातार ये हमले जारी हैं, कैसे आपने झेला, कितनी दुश्वारियां/परेशानियां हों रहीं हैं, उनको जरूर याद रखियेगा। ये अनुभव काम आयेंगे। अब नये वर्ष पर एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए आप खुद से वादा करिये।
इस नये वर्ष में हम कुछ नया होने की कोशिश करें, वर्गीय पक्षधरता और उच्च मानवीय उसूलों के प्रति प्रतिबद्धता की अभिव्यक्ति के लिए लोगों के अन्दर वर्गीय चेतना के साथ अपने आस-पास के लोगों के सुख-दुख में साझीदार बनें, स्वार्थ से अगर थोड़ा ऊपर उठ सकें, लोगों को सीढ़ी की तरह इस्तेमाल कर फेंकना बन्द कर दें, मजहब, नस्ल, भाषा, रंग, लिंग, जाति, धर्म, स्वार्थ और अमीर-गरीब की बुनियाद पर रिश्ते बनाने के बजाय इंसानी बुनियादों पर बनाएं, अपने से कमजोर का शोषण बन्द करें, हर तरह के अन्याय, शोषण, उत्पीड़न और दमन के खिलाफ संघर्ष कर आवाज उठाए। नए वर्ष में स्वंय से प्रण लेकर तय करें कि खुद को उस नफरत से पाक करेंगे और मानव द्वारा मानव के शोषण के विचार को पनपने नहीं देंगे जो शासक वर्ग ने अपने हितों के लिए हमारे दिलों में बोया है और ऐसे समाजवादी समाज का निर्माण करें जहां मानव द्वारा मानव का शोषण, व एक देश द्वारा दूसरे देश का शोषण ना हो, जंहा मानव द्वारा निर्मित समाज की कोई सीमा ना हो, जंहा रंग, लिंग, भाषा, छेत्र, जाति, धर्म… का भेद ना हो, जहां किसी भी तरह के ऊंच-नीच का भेद ना हो, जहां कोई धार्मिक द्वेष ना हो। जंहा धर्म, भोजन व जीवनसाथी चुनने की आजादी हो, जंहा अमीरी-गरीबी की खाई ना हो, जंहा प्रत्येक नागरिक को सस्ती अथवा मुफ्त गुणवत्तापरक शिक्षा, चिकित्सा, भोजन और हर एक व्यक्ति के पास रोजगार उपलब्ध हों यानी उसकी योग्यतानुसार काम और काम के अनुसार दाम आसानी से सुलभ हो।
इस वर्गीये और निजी सम्पति के समाज में झूठ, लूट, फरेब, सूदखोरी, मक्कारी, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई, कालाबाजारी, जमाखोरी जैसी ढेर सारी अनेक समस्याएं सब वैसे के वैसे ही होते हैं, मुहब्बत, परस्पर सहयोग, और लूट की दुनिया से धर्मान्धिता, जलन, नफरत, अपने से कमजोर वाले का शोषण से जीने लायक कुछ हासिल करने की कोशिशें भी वही रहती हैं कि सब कुछ हमारा हो जाए! जितना है उतना कम है। थोड़ा और थोड़ा और… के निजी सम्पति के चाहत में ये सारी समस्याएं जन्म लेती हैं। इन समस्याओं के खात्मे के लिये नये वर्ष में संकल्प के साथ नव वर्ष मुबारक!
शासकवर्ग द्वारा लगातार बढ़ते हुवे हमले से सबक लेते हुए शासक वर्ग के खिलाफ संघर्ष में लगे रहने की जिद के साथ! नया साल समाज में हर तरह के अन्याय, शोषण, उत्पीड़न और दमन के ख़िलाफ़ संघर्ष को अधिक तीखा और तेज करने करने के साथ! समाजीकरण के सपने को जन-जन तक पहुँचाने के साथ! वैज्ञानिक सोच, वर्गीय पक्षधरता और उच्च मानवीय उसूलों के प्रति प्रतिबद्धता की अभिव्यक्ति के लिए लगातार ख़तरों का सामना करते रहने के साथ, पुरानी भूलों, कमजोरियों और कमियों से लगातार सबक लेते हुए अगर आप ऐसा कुछ भी, थोड़ा भी करने का इरादा रखते हैं तो निश्चित ही यह वर्ष आपके लिये और आपके आने वाली पीढ़ियों के लिये सुख/समृधि लेकर आयेगा। इसी उम्मीद के साथ आईये हम सब मिलकर हमारी इस दुनिया को थोड़ा खूबसूरत बनाते हैं।
इस नव वर्ष पर इस हठी संकल्प के साथ पूंजीवादी व्यवस्था के ख़िलाफ़ हमें लम्बा और कठिन संघर्ष जारी रखना होगा। हमें मिलकर लड़ना होगा, इतिहास का कर्ज उतारने के लिए और भविष्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए। हम लड़ेंगे ताकि आने वाली पीढ़ियांँ सिर उठाकर जी सकें और उन्हें यह शर्मिन्दगी न झेलनी पड़ेंगी कि हमने कुछ नहीं किया।
जनमंच समूह की तरफ से पुनः आप सभी आभासी दुनिया के साथियों को नववर्ष की हार्दिक कामनाएं इस उम्मीद के साथ भगत सिंह के सपनों को एक साथ मिलकर पूरा करेंगे।
*जनमंच*
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