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16/10/2024

डॉ. सुदामा पोंडे द्वारा एक्यूप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर

अक्टूबर 16, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज
DR. SUDAMA PONDAY



**अक्वाप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर: वाराणसी में स्वास्थ्य का नया केंद्र**

क्या आप अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं? क्या आप बिना दवाओं के अपनी बीमारियों का इलाज चाहते हैं? अगर हां, तो वाराणसी में स्थित अक्वाप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर आपके लिए एक वरदान साबित हो सकता है। आइए जानते हैं इस अद्वितीय स्वास्थ्य केंद्र के बारे में जो आपके जीवन को बदल सकता है।

## डॉ. सुदामा पोंडे द्वारा संचालित केंद्र का परिचय

वाराणसी के रामनगर इलाके में स्थित अक्वाप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर डॉ. सुदामा पोंडे द्वारा संचालित एक अत्याधुनिक स्वास्थ्य केंद्र है। यह केंद्र पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और आधुनिक विज्ञान का अनूठा संगम है, जो रोगियों को बिना किसी साइड इफेक्ट के स्वस्थ जीवन जीने का मार्ग दिखाता है।

### अक्वाप्रेशर क्या है?

अक्वाप्रेशर एक प्राचीन चीनी चिकित्सा पद्धति है जिसमें शरीर के विभिन्न बिंदुओं पर दबाव डालकर रोगों का उपचार किया जाता है। यह पद्धति शरीर की प्राकृतिक चिकित्सा क्षमता को बढ़ाती है और ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करती है।

### न्यूरो थेरेपी के लाभ

न्यूरो थेरेपी तंत्रिका तंत्र पर केंद्रित एक आधुनिक चिकित्सा पद्धति है। यह मस्तिष्क और शरीर के बीच संबंधों को मजबूत करती है, जिससे दर्द में राहत मिलती है और शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

## अक्वाप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर की विशेषताएं

डॉ. पोंडे का केंद्र न केवल उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि यह एक ऐसा स्थान है जहां आप अपने स्वास्थ्य के बारे में नया दृष्टिकोण प्राप्त कर सकते हैं।

### उपलब्ध सेवाएं

- अक्वाप्रेशर थेरेपी
- न्यूरो थेरेपी
- स्ट्रेस मैनेजमेंट
- पेन मैनेजमेंट
- डिटॉक्सिफिकेशन
- इम्युनिटी बूस्टिंग

### आधुनिक उपकरण और तकनीक

केंद्र में अत्याधुनिक उपकरण और तकनीकें उपलब्ध हैं जो उपचार को और अधिक प्रभावी बनाती हैं। यहां पर डिजिटल अक्वाप्रेशर मशीनें, न्यूरो फीडबैक सिस्टम और बायोफीडबैक उपकरण उपलब्ध हैं जो रोगियों की स्थिति का सटीक आकलन करने में मदद करते हैं।

## डॉ. सुदामा पोंडे का परिचय और योग्यता

डॉ. सुदामा पोंडे एक प्रतिष्ठित चिकित्सक हैं जिन्होंने अक्वाप्रेशर और न्यूरो थेरेपी में विशेषज्ञता हासिल की है। वे सर्टिफाइड अक्वाप्रेशर हेल्थ स्पेशलिस्ट (C.A.H.S.) हैं और इस क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव रखते हैं।

### अनुभव और विशेषज्ञता

डॉ. पोंडे ने अपने करियर में हजारों रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। उनकी विशेषज्ञता में शामिल हैं:

- क्रोनिक पेन मैनेजमेंट
- नींद संबंधी समस्याएं
- तनाव और अवसाद
- गठिया और मांसपेशियों में दर्द
- पाचन संबंधी समस्याएं

### रोगियों के प्रति समर्पण

डॉ. पोंडे अपने रोगियों के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं। वे हर रोगी के साथ व्यक्तिगत रूप से समय बिताते हैं, उनकी समस्याओं को समझते हैं और उनके लिए व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करते हैं।

## सेंटर का स्थान और सुविधाएं

अक्वाप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर वाराणसी के प्रसिद्ध रामनगर क्षेत्र में स्थित है। यह स्थान न केवल सुगम है बल्कि एक शांत वातावरण भी प्रदान करता है जो स्वास्थ्य लाभ के लिए आवश्यक है।

### पंचवटी लंका रोड पर सुगम पहुंच

केंद्र पंचवटी लंका रोड पर स्थित है, जो वाराणसी के प्रमुख मार्गों में से एक है। यहां पहुंचना बेहद आसान है, चाहे आप निजी वाहन से आएं या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।

### शांत और आरामदायक वातावरण

केंद्र का वातावरण शांत और सुकून भरा है। यहां आते ही आप अपने तनाव को कम होते हुए महसूस करेंगे। साफ-सुथरे कमरे, आरामदायक फर्नीचर और मधुर संगीत आपके उपचार को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद करते हैं।

## संपर्क विवरण और अपॉइंटमेंट प्रक्रिया

अगर आप अक्वाप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर की सेवाओं का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आप आसानी से संपर्क कर सकते हैं और अपॉइंटमेंट ले सकते हैं।

### मोबाइल नंबर और कार्यालय समय

संपर्क के लिए आप डॉ. सुदामा पोंडे को उनके मोबाइल नंबर 6306413290 पर कॉल कर सकते हैं। केंद्र सोमवार से शनिवार, सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है।

अपॉइंटमेंट लेने के लिए, आप कॉल करके या व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। डॉ. पोंडे या उनकी टीम आपको जल्द से जल्द उपलब्ध समय स्लॉट के बारे में बताएगी।

## निष्कर्ष

अक्वाप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर वाराणसी में स्वास्थ्य सेवाओं का एक नया अध्याय है। डॉ. सुदामा पोंडे के नेतृत्व में, यह केंद्र पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। अगर आप बिना दवाओं के अपने स्वास्थ्य में सुधार चाहते हैं, तो यह केंद्र आपके लिए एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है।

याद रखें, स्वस्थ जीवन की कुंजी केवल बीमारियों का इलाज नहीं, बल्कि समग्र स्वास्थ्य और कल्याण है। अक्वाप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर आपको इसी दिशा में ले जाने का वादा करता है। तो देर किस बात की? आज ही संपर्क करें और अपने स्वास्थ्य को नई दिशा दें!

## अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. **क्या अक्वाप्रेशर थेरेपी दर्दनाक होती है?**
   नहीं, अक्वाप्रेशर थेरेपी सामान्यतः दर्दरहित होती है। कुछ लोगों को हल्का दबाव महसूस हो सकता है, लेकिन यह असहज नहीं होता।

2. **क्या न्यूरो थेरेपी के कोई साइड इफेक्ट हैं?**
   न्यूरो थेरेपी एक सुरक्षित प्रक्रिया है। अधिकांश लोगों को कोई साइड इफेक्ट नहीं होते। कुछ लोगों को थेरेपी के बाद हल्का सिरदर्द या थकान महसूस हो सकती है, जो जल्द ही ठीक हो जाती है।

3. **क्या मुझे हर सेशन के लिए डॉक्टर से मिलना होगा?**
   हां, डॉ. पोंडे हर सेशन में व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहते हैं और आपकी प्रगति की निगरानी करते हैं।

4. **क्या यह केंद्र बीमा स्वीकार करता है?**
   वर्तमान में, केंद्र सीधे बीमा दावों को प्रोसेस नहीं करता। हालांकि, वे आपको बीमा कंपनी से प्रतिपूर्ति के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रदान कर सकते हैं।

5. **क्या मुझे अपॉइंटमेंट के लिए कुछ विशेष तैयारी करनी होगी?**
   कोई विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है। बस आरामदायक कपड़े पहनकर आएं और अपने मौजूदा स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स साथ लाएं।

अक्वाप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर वाराणसी में स्वास्थ्य सेवा का एक नया मानक स्थापित कर रहा है। डॉ. सुदामा पोंडे के नेतृत्व में, यह केंद्र न केवल रोगों का इलाज करता है, बल्कि लोगों को एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने की कला भी सिखाता है।

इस केंद्र की विशेषता यह है कि यहां हर रोगी को व्यक्तिगत ध्यान दिया जाता है। आपकी समस्या चाहे छोटी हो या बड़ी, डॉ. पोंडे और उनकी टीम आपको पूरा समय और ध्यान देंगे। वे न केवल आपके शारीरिक लक्षणों पर ध्यान देते हैं, बल्कि आपके जीवनशैली, खान-पान और दैनिक आदतों को भी समझते हैं ताकि समग्र उपचार किया जा सके।

केंद्र का वातावरण भी उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शांत और सुकूनभरा माहौल आपको तनावमुक्त करने में मदद करता है। यहां आप शहर के शोर-शराबे से दूर, प्रकृति के करीब महसूस करेंगे। यह शांत वातावरण आपके उपचार को और अधिक प्रभावी बनाता है।

डॉ. पोंडे का मानना है कि स्वास्थ्य केवल बीमारियों की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक संतुलन की स्थिति है। इसलिए उनका उपचार न केवल आपके शारीरिक लक्षणों को दूर करता है, बल्कि आपको एक संतुलित और खुशहाल जीवन जीने में भी मदद करता है।

अक्वाप्रेशर और न्यूरो थेरेपी के अलावा, केंद्र स्वस्थ जीवनशैली के बारे में परामर्श भी प्रदान करता है। यहां आप सही आहार, व्यायाम और तनाव प्रबंधन तकनीकों के बारे में सीख सकते हैं। डॉ. पोंडे का मानना है कि रोग निवारण उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि रोग का इलाज।

यदि आप लंबे समय से किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं और पारंपरिक चिकित्सा से संतुष्ट नहीं हैं, तो अक्वाप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर आपके लिए एक नई उम्मीद हो सकता है। यहां आप न केवल अपनी बीमारी से मुक्ति पाएंगे, बल्कि एक नए, स्वस्थ और ऊर्जावान जीवन की शुरुआत करेंगे।

याद रखें, स्वास्थ्य हमारा सबसे बड़ा धन है। इसकी देखभाल करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। अक्वाप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर आपको इस दिशा में एक कदम आगे ले जाने का वादा करता है। तो आइए, अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएं।

डॉ. सुदामा पोंडे और उनकी टीम आपका स्वागत करने के लिए तत्पर है। अपने स्वास्थ्य को लेकर कोई भी प्रश्न या चिंता हो, वे हमेशा आपकी मदद के लिए तैयार हैं। आप बिना किसी संकोच के उनसे संपर्क कर सकते हैं।

अंत में, याद रखें कि स्वस्थ रहना एक निरंतर प्रक्रिया है। यह एक यात्रा है, न कि मंजिल। अक्वाप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर इस यात्रा में आपका साथी बनने के लिए तैयार है। आइए, मिलकर एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।

संपर्क करें:
डॉ. सुदामा पोंडे
अक्वाप्रेशर न्यूरो थेरेपी सेंटर
पंचवटी लंका रोड, रामनगर, वाराणसी
मोबाइल: 6306413290

आज ही अपॉइंटमेंट लें और अपने स्वास्थ्य को नई दिशा दें!

13/10/2024

कामरेड साईं बाबा को लाल सलाम

अक्टूबर 13, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         *कॉमरेड* *साईबाबा* *को* *लाल* *सलाम* !
Red star
रोडवे-न्यूज़ पर नवीनतम समाचार और जानकारी के लिए पढ़ें और देखें 


सीपीआई (एमएल) रेड स्टार दिल्ली विश्वविद्यालय के भूतपूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को अपनी क्रांतिकारी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।जिन्हें फासीवादी क्रूर कानूनों के तहत एक दशक से अधिक समय तक जेल में रखा गया था और कुछ महीने पहले सबूतों की कमी और अभियोजन पक्ष द्वारा उनके खिलाफ आरोप साबित करने में विफलता के कारण उन्हें बरी कर दिया गया था। हम उनके तमाम परिजनों/  इष्ट मित्रों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं।नवीनतम समाचारों के लिए यहां क्लिक करें

हालांकि प्रोफेसर साईबाबा की मृत्यु का तात्कालिक कारण ऑपरेशन के बाद की जटिलताओं को माना जा सकता है, लेकिन  व्हीलचेयर पर बैठे साईबाबा को कई वर्षों तक जेल में रखकर उनकी अकाल मृत्यु के लिए मौजूदा फासीवादी सरकार ही जिम्मेदार है। कोई भी व्यक्ति, अमानवीय जेल-स्थितियों में शारीरिक रूप से अक्षम  और व्हीलचेयर पर बैठे  एक व्यक्ति को लंबे समय तक जेल में सड़ाने के नतीजे  को समझ सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के अनुसार, वैचारिक स्थिति को बनाए रखना कोई अपराध नहीं है, और कई अवसरों पर न्यायपालिका ने भी इसे बरकरार रखा है।  और यह पूरी तरह जानते हुए भी, माओवादियों से कथित संबंधों के लिए किसी व्यक्ति को जेल में डालना, खासकर तब जब  उस  व्यक्ति के शरीर का अधिकांश हिस्सा  शारीरिक अक्षमता का शिकार  हो और जब उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ रहा हो, मानवाधिकारों का सरासर उल्लंघन है। यह असहमति व्यक्त करने के मूल लोकतांत्रिक अधिकार के साथ-साथ स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकार के भी खिलाफ है।

कॉमरेड साईबाबा की असामयिक मृत्यु के पीछे फासीवादी वैधता की कड़ी निंदा करते हुए, हम एक बार फिर उन्हें अपनी क्रांतिकारी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

फासीवाद मुर्दाबाद!

पी जे जेम्स
महासचिव
सीपीआई (एमएल) रेड स्टार

नई दिल्ली
13.10.2024

10/10/2024

हरियाणा चुनाव पर एक रिपोर्ट

अक्टूबर 10, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         *हालिया* *चुनाव* *परिणाम* *जनता* *की* *फासीवाद* - *विरोधी* *भावना* *और* *विपक्ष* *द्वारा* *इसका* *उपयोग* *करने* *में* *विफलता* *को* *प्रकट* *करते* *हैं* !अधिक जानकारी के लिए यहां जाएं


जम्मू-कश्मीर चुनाव का परिणाम, धारा 370 को निरस्त करने सहित मोदी सरकार की फासीवादी नीतियों के खिलाफ लोगों का फैसला है, और बहुत ही उत्साहजनक है, खासकर जम्मू-कश्मीर के पूरे इतिहास में इस सबसे महत्वपूर्ण दौर में। हालाँकि, हरियाणा में फासीवादी "डबल इंजन" की हैट्रिक जीत, जो स्वयं फासीवादियों के लिए भी आश्चर्यजनक है, कांग्रेस के भीतर कलह सहित विपक्ष के राजनीतिक दिवालियापन का सीधा परिणाम है। इस बार, अभी भी 1.82% वोटों के साथ, बसपा इनेलो के साथ गठबंधन करके भाजपा विरोधी वोटों को विभाजित करने की अपनी सामान्य भूमिका निभा सकी , और आरएसएस/भाजपा फासीवादी गिरोह के साथ दलित और निचली जाति के वोटों को एकजुट करने में कामयाब रही। . 
साथ ही, इससे भी अधिक खुलासा करने वाली बात "उत्तर-वैचारिक" आम आदमी पार्टी (आप) की भूमिका है जो हरियाणा चुनाव की घोषणा तक इंडिया गठबंधन का हिस्सा थी। हैरानी की बात यह है कि चुनाव की पूर्व संध्या पर जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने इंडिया अलायंस से अचानक वापसी की घोषणा की और सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 1.79 प्रतिशत वोट हासिल किए।। जबकि केजरीवाल को गठबंधन का हिस्सा बनाए रखने में कांग्रेस की विफलता स्पष्ट है, अब समय आ गया है कि कांग्रेस और अन्य भाजपा विरोधी पार्टियों को एक लचीले फासीवादी उपकरण के रूप में आप की भूमिका को स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए जैसा कि पिछले चुनावों में साबित हुआ है। यद्यपि कांग्रेस अपना वोट-शेयर 11% तक बढ़ा सकी, जबकि आप,बसपा जैसी विभाजनकारी ताकतों की मदद से फासीवादी ताकतें फासीवाद-विरोधी वोटों को प्रभावी ढंग से विभाजित करके अपनी स्थिति मजबूत करने में सफल रहीं।                      

सटीक रूप से कहें तो, जैसा कि चुनाव के रुझान स्पष्ट रूप से संकेत दे रहे हैं, लोग कॉर्पोरेट-फासीवादी ताकतों के खिलाफ उठने के लिए तैयार हैं। लेकिन जैसा कि हरियाणा के नतीजों से पता चलता है, यह स्वयंभू भाजपा विरोधी पार्टियों का राजनीतिक दिवालियापन और संगठनात्मक कमजोरी है जो चुनाव में फासीवादियों की हार में बाधा बन रही है। मेहनतकशों, दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं सहित तमाम उत्पीड़ितों के दीर्घकालिक हितों के नजरिए से एक दृढ़ वैचारिक-राजनीतिक अभिविन्यास वाली वास्तविक फासीवाद-विरोधी ताकतों के व्यापक संभव मोर्चे का निर्माण करके ही इस गंभीर स्थिति पर काबू पाया जा सकता है। .

पी जे जेम्स
महासचिव
भाकपा( माले) रेड स्टार 
9 अक्टूबर 2024

06/10/2024

एस.एल.ठाकुर द्वारा अपने पार्टी नेता से की गई अपील

अक्टूबर 06, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.       
राष्ट्रीय अध्यक्ष एस.एल.ठाकुर 

      ,🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 सम्मानित साथियों मैं एस,एल, ठाकुर सम्मानित ग्रुप के साथियों का प्रातः कालीन का इंकलाबी अभिवादन करता हूं साथ ही मैं एक बहुत ही प्रबल अपील आप सभी से करना चाहता हूं क्योंकि मैं सत्य के रास्ते पर चलकर के अग्नि परीक्षाअधिक जानकारी के लिए देने से भी पीछे नहीं हटता, आज मेरा यही आचरण सफलता की एक-एक सीढ़ी के तरफ नया इतिहास रचने की दिशा में अग्रसर है। जिसका उदाहरण आपके समक्ष है। भारतीय जीवन बीमा निगम के अंदर एक संघर्ष का इतिहास और उपलब्धियां का इतिहास है। जिसकी प्रामाणिकता के लिए आप हमसे या हमारे मित्रों से संपर्क करके संतुष्ट हो सकते या राष्ट्रीय अभिकर्ता जन क्रांति पत्रिका की प्रमाणिकता को देख सकते हैं। पूरे देश के अंदर लाखों, लाख अभिकरण का कार्य करते हुए अभिकर्ताओं एवं संस्था के हितों में संघर्ष और उसके माध्यम से उपलब्धियां का इतिहास रहा है। मेरे नेतृत्व में ऑल इंडिया लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स एसोसिएशन नमस्तेके बैनर के तहत दमनकारी भारत सरकार एवं प्रबंधन की नीतियों के विरोध, जी, एस, टी कर कानून, विनिवेश, निजीकरण सहित चार्ट ऑफ़ डिमांड पर। वर्षों, वर्षों तक संघर्ष धरना प्रदर्शन, काला दिवस, प्रबंधन का सामाजिक बहिष्कार, मानव श्रृंखला, पुतला दहन, सड़कों पर जुलूस, अध्यक्ष भारतीय जीवन बीमा निगम को ज्ञापन, भारत सरकार को ज्ञापन, कार्यालयों का घेराव, जिला अधिकारी महोदय के माध्यम से ज्ञापन, अनशन, आमरण, अनशन के रूप में पूरे देश के अंदर लाखों लाख अभिकर्ताओं में एक अपने नेतृत्व की पहचान संगठन की पहचान रही हैं। संविधान और कानून के दायरे में प्रबंधन से अधिकतर मांगों को मनवाने में संगठन सफल रहा यह है। सत्य के रास्ते पर इंकलाब की ताकत, विचारों की प्रबलता की ताकत यह मेरा आचरण है। कारण की मैं भ्रष्टाचारी अन्यायी, अत्याचारी से ना डरता हूं ना घबराता हूं। जिसकी प्रमाणिकता, सत्यापन आप द्वारा कभी भी हमसे या मेरे साथियों से मिलकर के किया जा सकता है। आई आई अन्य भ्रष्टाचार आगे दमनकारी नीतियों के विरोध हम संघर्ष के लिए आगे बढ़ते हैं मात्र एक ही शर्त है कि आपका समर्थन पूरी ईमानदारी से मेरे साथ हो फिर गारंटी है कि जीत तो अपनी होगी। 🇮🇳इंकलाब, जिंदाबाद 🇮🇳इंकलाब, जिंदाबाद।अधिक ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें

02/10/2024

कमिश्नरेट वाराणसी द्वारा ग्राम कचनार की जांच

अक्टूबर 02, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         *राजातालाब क्षेत्र के कचनार गांव के चकरोड पर अवैध क़ब्ज़ा की हुई लोकायुक्त जांच* 
राजातालाब वाराणसी 


*वाराणसी: राजातालाब*अधिक जानकारी के लिए यहां जाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के राजातालाब तहसील के कचनार ग्राम के चकरोड आराजी संख्या 705 और 712 सहित जलखाता आराजी संख्या 694 पर अवैध क़ब्ज़ा की शिकायत पर लोकायुक्त से हुई थी। इस पर जांच का निर्देश लोकायुक्त ने दिया था। डीएम ने एसडीएम और एसीपी राजातालाब सहित सरकारी अधिवक्ता को शिकायत की जांच के लिए नामित किया। उसी कड़ी में एसडीएम राजातालाब ने गांव में उक्त सरकारी आराजियात पर अवैध क़ब्ज़ा की शिकायत की जांच करते हुए जरूरी निर्देश दिए।

एसडीएम राजातालाब ने शिकायत कर्ता के शिकायत पर दल बल के साथ मौक़े पर पहुँच की जांच। इसमे चकरोड और जलखाता के अवैध क़ब्ज़ा का जांच किया। इस दौरान शिकायत कर्ता राजकुमार गुप्ता का कहना है कि ग्राम सभा में भूमाफ़ियों द्वारा करोड़ों की सरकारी ज़मीन का गोल माल किया गया है। इसकी शिकायत पहले स्थानीय स्तर पर की, लेकिन सही जांच नहीं की गई। इसके बाद लोकायुक्त जांच की मांग की। इस दौरान एसडीएम ने बताया कि जांच रिपोर्ट गोपनीय होती है। कुछ कमियां मिली हैं। पूरी जांच रिपोर्ट तैयार कर लोकायुक्त को भेजी जाएगी।

धन्यवाद 
द्वारा 
राजकुमार गुप्ता 
वाराणसी

30/09/2024

फ़िलिस्तीनी हिटलर जहुआ अराफ़ात

सितंबर 30, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.          यह है, यासर अराफत की बेटी, जहुआ अराफत!              यासर अराफात की बेटी

फ़िलिस्तीनी हिटलर जहुआ अराफ़ात 
यासर अराफत को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है!

उन्होंने लाखों फिलिस्तीन युवकों को मौत के दलदल में धकेल दिया 

उन्हें सपने शब्ज बाग  दिखाएं और  मध्य पूर्व को आतंकवाद की आग में झोंक दिया

यह लिखने का कारण यह है कि दुनिया के सभी पिताओं की तरह, उन्हें भी अपनी बेटी की चिंता थी।

और उन्होंने फिलिस्तीन की “सेवा" करते हुए जो धन इकट्ठा किया था, उसमें से कुछ अपनी बेटी के लिए रखा।

ज्यादा नहीं, बस थोड़ा सा…,

आज के बाजार मूल्य पर उसकी कीमत मात्र ₹66,311 करोड़ है!

पाकिस्तान के कुल विदेशी मुद्रा भंडार से कई गुना!

यह कहना गलत नहीं होगा कि यासर खुराफात  की यह बेटी लंदन में एक सड़क की मालकिन है, क्योंकि उस सड़क के दोनों तरफ की ज़्यादातर संपत्तियाँ इसी महिला के नाम पर हैं।

पिछले कई सालों से वह पेरिस के एक बेहद महंगे इलाके में आलीशान हवेली में रह रही है और पिछले 25 सालों में उसने फिलिस्तीन का चेहरा भी नहीं देखा है।

उसे चार भाषाएं आती  है, लेकीन वह अरेबिक नही जानती!

संयुक्त राष्ट्र के निर्देशानुसार उसे शरणार्थी का दर्जा दिया गया है!

यह है जन्नत और जिहाद नामक उद्योग की हकीकत!

29/09/2024

डॉ ओम शंकर रिपोर्ट हेड ऑफ हार्ट डिपोर्टमेंट बीएचयू

सितंबर 29, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.         प्रेस विज्ञप्ति.                                                            अधिक जानकारी के लिए यहां जाएं www.roadwaynews.com
बीएचयू रिपोर्ट डॉ. शंकर 

विषय: बीएचयू के हृदय विभाग में बिस्तरों की कमी और प्रशासनिक अनियमितताएं

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के हृदय विभाग में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए, पुराने भवन (सर सुंदर लाल अस्पताल) में उपलब्ध 48 बिस्तर रोगियों के इलाज के लिए अपर्याप्त साबित हो रहे थे। कई बार सरकार से बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया गया, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक नए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए धनराशि आवंटित की। यह भवन 2022 में बनकर तैयार हुआ और फरवरी 2022 में प्रधानमंत्री जी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया। नए भवन में हृदय रोगियों के इलाज के लिए कुल 89 बिस्तर आवंटित किए गए, जिसमें से 41 नए बिस्तर थे और पुराने भवन में मौजूद 48 बिस्तर भी शामिल थे।

हालांकि, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. के. के. गुप्ता (जिन पर ब्लड बैंक घोटाले और कई अन्य गंभीर आरोप हैं) ने अपने पदभार ग्रहण करने के बाद हृदय विभाग पर पुराने भवन के 48 बिस्तर छोड़कर केवल 41 बिस्तर लेने का दबाव बनाना शुरू किया, जो कि पहले से आवंटित बिस्तरों की संख्या से भी 7 कम था। उस समय मैं विभाग का अध्यक्ष था और मैंने इस निर्णय का विरोध किया। इस मामले पर मैंने संस्थान के भूतपूर्व निदेशक, कुलपति और सरकार को पत्र लिखे। इसके परिणामस्वरूप भूतपूर्व निदेशक द्वारा एक 5 सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसमें मैं भी शामिल था।

समिति ने बहुमत से यह निर्णय लिया कि हृदय विभाग को नए भवन (सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक) में शिफ्ट किया जाएगा और 90 बिस्तर विभाग को चौथे तल्ले पर आवंटित किए जाएंगे। इसके साथ ही, पांचवे तल्ले पर स्थित कैथ लैब कॉम्प्लेक्स और एकेडमिक ब्लॉक भी हृदय विभाग के अधीन रहेगा। लेकिन चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गुप्ता ने इस निर्णय को मानने से इंकार कर दिया।

जब कोई समाधान नहीं निकला, तो मैंने 6 मार्च 2023 को आंदोलन करने की नोटिस दी। इसके बाद 8 मार्च 2023 को निदेशक और डीन के साथ एक सहमति बनी कि आंदोलन नहीं किया जाएगा और हृदय विभाग को 90 बिस्तर तुरंत आवंटित किए जाएंगे। हालांकि, चिकित्सा अधीक्षक ने निदेशक और डीन के लिखित आदेश को भी मानने से इंकार कर दिया, जिसके विरोध में मैंने 21 दिनों तक आमरण अनशन किया।

अनशन के दौरान, संस्थान के निदेशक ने मीडिया के माध्यम से झूठी जानकारी फैलाई कि विभाग को 61 बिस्तर दिए गए हैं और बाकी 29 बिस्तर जल्द ही दिए जाएंगे, जबकि सच्चाई यह है कि चौथे तल्ले पर 24 बिस्तरों के मानक वाले कमरे में 6 बिस्तर बढ़ाकर उसे 30 बिस्तर बताया गया और कैथ लैब में स्थित 14 अस्थायी बिस्तरों को भर्ती बिस्तर के रूप में गिना गया। इस प्रकार, हृदय विभाग को वास्तविक रूप से 61 बिस्तर भी नहीं मिले हैं, और निदेशक ने जनता को गुमराह करने का प्रयास किया है।

वर्तमान में, हृदय विभाग को आवंटित 90 बिस्तरों में से 49 बिस्तर छीने जाने की कोशिश की जा रही है, जबकि पहले ही आवंटित 48 बिस्तर रोगियों की जरूरतों के लिए अपर्याप्त थे। यह हृदय रोगियों के प्रति अत्याचार है।

दुर्भाग्य से, वर्तमान हृदय विभागाध्यक्ष प्रो. विकास अग्रवाल, जो स्वयं विवादित नियुक्ति और निजी प्रैक्टिस में लिप्त हैं, चिकित्सा अधीक्षक के दबाव में घुटने टेक चुके हैं। वे अपनी नौकरी और निजी स्वार्थों की रक्षा के लिए 49 बिस्तरों का समझौता कर चुके हैं, जबकि उनके पास ऐसा करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

यह गंभीर समस्या प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र काशी में स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान में घटित हो रही है। दुर्भाग्य की बात यह है कि जब मैंने इस मुद्दे पर एक पत्रकार वार्ता आयोजित की, तो कुलपति ने बाउंसर और सुरक्षा कर्मियों को भेजकर इसे रुकवाने का प्रयास किया। यहां तक कि उन्होंने लंका थाने से भी मेरी पत्रकार वार्ता को रुकवाने की गुहार लगाई, जिसे थाना प्रभारी ने ठुकरा दिया।

यह घटनाक्रम अत्यंत निंदनीय है और इस पर तत्काल उच्च स्तरीय कार्रवाई की जानी चाहिए।

प्रो. (डॉ.) ओम शंकर
पूर्व विभागाध्यक्ष, हृदय रोग विभाग
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी

27/09/2024

बलिया रेलवे स्टेशन: विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का खुलासा

सितंबर 27, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज

# बलिया रेलवे स्टेशन: विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का खुलासा

 बलिया रेलवे स्टेशन: विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का खुलासा


भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित बलिया शहर इन दिनों सुर्खियों में है, लेकिन दुर्भाग्य से अच्छे कारणों से नहीं। शहर का नया रेलवे स्टेशन, जिसे करोड़ों रुपये की लागत से बनाया जा रहा था, अब भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण कार्य का प्रतीक बन गया है।

## क्या हुआ बलिया रेलवे स्टेशन पर?


हाल ही में हुई हल्की बारिश ने बलिया के नवनिर्मित रेलवे स्टेशन की वास्तविक स्थिति को उजागर कर दिया है। स्टेशन का गुंबद, जो इसकी वास्तुकला का एक प्रमुख आकर्षण था, बारिश के कारण धराशायी हो गया। यह घटना न केवल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि इस परियोजना में हुए संभावित भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा करती है।

## परियोजना का विवरण


- **लागत**: करोड़ों रुपये (सटीक राशि की पुष्टि की जानी चाहिए)
- **उद्देश्य**: बलिया शहर को एक आधुनिक और सुविधाजनक रेलवे स्टेशन प्रदान करना
- **निर्माण अवधि**: (यहां निर्माण की शुरुआत और समाप्ति की तारीखें दी जा सकती हैं)


## मुख्य चिंताएं


1. **निर्माण की गुणवत्ता**: गुंबद का गिरना स्पष्ट रूप से दिखाता है कि निर्माण में उचित सामग्री और तकनीकों का उपयोग नहीं किया गया।

2. **सार्वजनिक सुरक्षा**: यदि स्टेशन का एक हिस्सा इतनी आसानी से गिर सकता है, तो यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।

3. **धन का दुरुपयोग**: करोड़ों रुपये के निवेश के बावजूद, परिणाम अत्यंत निराशाजनक है, जो संसाधनों के गलत प्रबंधन की ओर इशारा करता है।

4. **जवाबदेही का अभाव**: यह स्पष्ट नहीं है कि इस परियोजना की निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए कौन जिम्मेदार था।

## आगे की राह


इस घटना ने कई महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए हैं:

1. **जांच की आवश्यकता**: एक स्वतंत्र जांच की तत्काल आवश्यकता है ताकि इस विफलता के पीछे के कारणों का पता लगाया जा सके।

2. **जवाबदेही सुनिश्चित करना**: जो भी अधिकारी या ठेकेदार इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

3. **निर्माण की समीक्षा**: पूरे स्टेशन के निर्माण की समीक्षा की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य हिस्सा खतरे में नहीं है।

4. **पारदर्शिता**: भविष्य की परियोजनाओं में अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता है ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

## निष्कर्ष


बलिया रेलवे स्टेशन की यह घटना भारत में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में व्याप्त गहरी समस्याओं को उजागर करती है। यह केवल एक इमारत के गिरने की कहानी नहीं है, बल्कि यह प्रणालीगत भ्रष्टाचार, लापरवाही, और जनता के प्रति जवाबदेही की कमी का प्रतीक है। 

आशा है कि यह घटना सरकार और संबंधित अधिकारियों के लिए एक जाग्रति का क्षण साबित होगी, और वे भविष्य में ऐसी परियोजनाओं की गुणवत्ता और निष्पादन पर अधिक ध्यान देंगे। जनता की सुरक्षा और सार्वजनिक धन का सही उपयोग सुनिश्चित करना हर सरकार का प्राथमिक कर्तव्य होना चाहिए।

(नोट: यह ब्लॉग पोस्ट उपलब्ध जानकारी के आधार पर लिखी गई है। किसी भी आधिकारिक जांच या बयान के लिए, कृपया संबंधित अधिकारियों या समाचार स्रोतों से संपर्क करें।)

26/09/2024

बाल संरक्षण के लिए जागरूकता के साथ-साथ गरीब माता पिता की रोजी-रोटी की हो व्यवस्था : अजय राय

सितंबर 26, 2024 0

सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज
बाल संरक्षण के  लिए जागरूकता के साथ-साथ गरीब माता पिता की रोजी-रोटी की हो व्यवस्था : अजय राय
कंसल्टेशनल बैठक में सिविल सोसायटी


बाल संरक्षण के लिए आयोजित सिविल  सोसायटी व गैर सरकारी संगठन की बाल संरक्षण  मुद्दे पर कंसल्टेशनल बैठक में सिविल सोसायटी की तरफ से अजय राय ने यह उठाया मुद्दा 

  चकिया /मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान के द्वारा डी सी फैमिली रेस्टोरेंट चकिया में सिविल सोसाइटी व गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बाल संरक्षण के मुद्दे पर कंसल्टेशन मीटिंग किया गया। जिसमें  सिविल सोसायटी की तरफ से अजय राय ने कहा कि बाल  संरक्षण तभी संभव हैं जब  जागरूकता के साथ-साथ उनके माता-पिता की रोजी-रोटी की व्यवस्था हो आज परिवार में रोजी रोटी की व्यवस्था के लिए भी बाल श्रम कराया जात हैं जिसमें परिवार की सहमति होती हैं आज  जब बाजार के हवाले हैं कृषि चौपट हैं गांव से लोगों का पलायन हो रहा हैं रोजगार के लिए तब बाल श्रमिकों की संख्या मिलेगी ही  आज बाल हमारे देश की बहुत बड़ी समस्या हैं उनका श्रम के रूप  शारीरिक शोषण हो रहा हैं उनको देश के कई शहरों में ही नही विदेशों में भी ले जाकर शोषण किया जाता हैं ऐसे तो बाल संरक्षण रोकने के लिए गैर सरकारी संगठन अच्छा काम कर रहें हैं लेकिन सरकार को विशेष पहल लेना चाहिए ! बाल श्रम कराने  के लिए बाल तस्करी हो रही है ! परिवार  आर्थिक रूप से मजबूत होगा तो बच्चों  की पढ़ाई की उत्तम व्यवस्था कर पायेंगे!  पिछड़े इलाके व गरीबों के बच्चें स्कूल जा सकें उसके लिए सिविल सोसायटी को सोचना चाहिए ! मुख्य अतिथि राष्ट्र सृजन अभियान के उपाध्यक्ष परशुराम सिंह द्वारा बताया गया कि स्कूल में  बच्चों को रोकने के लिए सुरक्षित वातावरण की जरुरत है जिसमें कैम्पस में पेड़ पौधा लगाना अति आवश्यक है क्योंकि पौधा लगाना ही नहीं बल्कि उसको बचाना हमारी प्राथमिकता रहे। जैसे पौधे सुरक्षित रहेंगे उसका सकारात्मक प्रभाव बच्चे पर भी पड़ेगा। और जब अच्छे स्कूल में रहेंगे तो बाल श्रम, बाल तस्करी में भी कमी होगी ! आदर्श जन चेतना समिति के निदेशक कृष्ण चन्द्र श्रीवास्तव के द्वारा बताया गया कि हम सभी को बच्चों से सम्बधिंत सूचना को लेकर अपडेट रहना होगा चाहे आर टी आई के द्वारा मिले या सेकेंडरी दस्तावेज के माध्यम से जिससे की बच्चों से सम्बंधित कानून  के हिसाब से रणनीति बनाकर काम किया जा सके। वही रामपुर के ग्राम प्रधान के द्वारा बताया गया कि ग्राम स्तर पर पर ग्राम बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति ने के सहयोग से पंचायत डायरी के माध्यम से जोखिम में पड़े बच्चों की ट्रेकिंग कर रही है और उस ट्रेकिंग की हिसाब से बच्चों को सरकार के योजनाओं से जोड़ने का काम करेंगे। बचपन बचाओ आंदोलन, के चंदा गुप्ता के बराबर सर अच्छा को लेकर विस्तृत रूप से बताया गया। रोजा संस्थान से शिव कुमार वर्मा के द्वारा बच्चों के पोषण युक्त भोजन भी देना अति आवश्यक है। संस्था के प्रोग्राम मैनेजर शहनाज बानो के द्वारा बताया गया कि हम सभी सस्था के साथी अपने -2 कार्य क्षेत्र में भले अलग-अलग मुद्दे पर कार्य रहे है लेकिन बच्चों से संबंधित जो होता है उसको एक साथ लेकर करें जिससे कि बच्चे ऑनलाइन रिस्क के चलते तस्करी का शिकार हो जा रहे हैं या बाल विवाह हो जा रहा है। जागरुकता के अभाव में बच्चे बाल यौन शोषण के शिकार हो जा रही है जिनको गुड टच एवं बैड टच के बारे में  बताना है। और जे जे एक्ट, पाक्सो एक्ट, बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 इत्यादि के बारे मे भी बताना होगा। सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा यह सुझाया गया कि  ईट भट्ठा पर काम करने वाले मजदूर के जो बच्चों के साथ में प्रवास करते हैं उन बच्चों को नजदीकी स्कूल में नामांकन के लिए सरकार को पत्र लिखना, जिससे की किसी मजदूर का बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। आजाद शक्ति ट्रस्ट से देवेंद्र कुमार सक्रिय भूमिका निभाये और इस कार्यकम में  महिमा, अंजना , परवेज कमलेश मोहन,  नरायन, का संचालन मुकेश कुमार के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन श्री गणेश विश्कर्मा के द्वारा किया गया।

26 सितंबर का इतिहास: भारत और विश्व के महत्वपूर्ण घटनाक्रम

सितंबर 26, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज

# 26 सितंबर का इतिहास: भारत और विश्व के महत्वपूर्ण घटनाक्रम


26 सितंबर का दिन इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। इस दिन ने भारत और विश्व के इतिहास में अपना एक विशेष स्थान बनाया है। आइए इस लेख में हम 26 सितंबर को हुई कुछ प्रमुख घटनाओं पर एक नज़र डालें।

## भारतीय इतिहास में 26 सितंबर

### स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म (1824)

26 सितंबर, 1824 को **स्वामी दयानंद सरस्वती** का जन्म हुआ था। वे आर्य समाज के संस्थापक थे और भारतीय समाज में सुधार लाने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने जाति प्रथा, मूर्ति पूजा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। उनका "वेदों की ओर लौटो" का नारा बहुत प्रसिद्ध हुआ।

### भगत सिंह का जन्म (1907)

इसी दिन 1907 में महान क्रांतिकारी **भगत सिंह** का जन्म हुआ था। उन्होंने अपने जीवन को भारत की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया। उनकी वीरता और देशभक्ति ने युवाओं को प्रेरित किया और वे आज भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक माने जाते हैं।

### भारतीय संविधान का अंगीकरण (1949)

26 सितंबर, 1949 को भारतीय संविधान सभा ने **राष्ट्रगान 'जन गण मन'** को अपनाया। यह दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

## विश्व इतिहास में 26 सितंबर

### पहले टेलीविजन डिबेट का प्रसारण (1960)

26 सितंबर, 1960 को अमेरिका में पहली बार **राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच टेलीविजन डिबेट** का प्रसारण हुआ। इस बहस में जॉन एफ केनेडी और रिचर्ड निक्सन ने हिस्सा लिया। यह घटना राजनीतिक संचार के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत थी।

### कॉन्कॉर्ड का पहला वाणिज्यिक उड़ान (1973)

इसी दिन 1973 में **कॉन्कॉर्ड सुपरसोनिक जेट** ने अपनी पहली वाणिज्यिक उड़ान भरी। यह विमानन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसने यात्रा के समय को काफी कम कर दिया।

### चीन में पहला अंतरिक्ष यात्री का प्रक्षेपण (2008)

26 सितंबर, 2008 को चीन ने अपने पहले **अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजा**। यह चीन के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी और इसने उसे अंतरिक्ष की दौड़ में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया।

## 26 सितंबर का महत्व

26 सितंबर का दिन विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि:

1. **सामाजिक सुधार**: स्वामी दयानंद सरस्वती के जन्म से हमें याद आता है कि समाज में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।

2. **देशभक्ति और बलिदान**: भगत सिंह का जन्मदिन हमें देश के लिए त्याग और बलिदान की भावना से प्रेरित करता है।

3. **लोकतांत्रिक मूल्य**: राष्ट्रगान के अंगीकरण से हमें लोकतंत्र के महत्व का एहसास होता है।

4. **तकनीकी प्रगति**: कॉन्कॉर्ड और अंतरिक्ष मिशन जैसी घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि मानव जाति कैसे निरंतर प्रगति कर रही है।

5. **संचार का महत्व**: पहले टेलीविजन डिबेट से हमें पता चलता है कि संचार के माध्यम कैसे बदल रहे हैं और उनका प्रभाव कितना व्यापक है।

## निष्कर्ष

26 सितंबर का दिन हमें याद दिलाता है कि इतिहास हमेशा बनता रहता है। हर दिन कुछ न कुछ ऐसा होता है जो भविष्य को प्रभावित करता है। यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम भी अपने जीवन में कुछ ऐसा करें जो इतिहास में दर्ज किया जा सके।

हमें इन घटनाओं से सीख लेनी चाहिए और अपने देश और समाज के विकास में योगदान देना चाहिए। चाहे वह सामाजिक सुधार हो, वैज्ञानिक प्रगति हो या फिर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा, हर क्षेत्र में हमारी भूमिका महत्वपूर्ण है।

आइए हम सब मिलकर एक ऐसा भविष्य बनाएं जिस पर आने वाली पीढ़ियां गर्व कर सकें। 26 सितंबर का दिन हमें याद दिलाता है कि हर दिन एक नया इतिहास बनाने का अवसर लेकर आता है। हम सभी के पास यह शक्ति है कि हम अपने कार्यों से इतिहास को नई दिशा दे सकें।
 
https://roadwaynews.com/26-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%82%e0%a4%ac%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%87%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%b5

24/09/2024

जेल और जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सितंबर 24, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज.          (संपादकीय, रेड स्टार , अक्टूबर 2024)


" *जमानत* *नियम* *है* *और* *जेल* *अपवाद* "
 *लेकिन* *उमर* *खालिद* *जैसे* *मुस्लिम* *नामों* *वालों* *पर* *यह* *लागू* *नहीं* *होता* !!

13 अगस्त 2024 को भारत के सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने अपने फैसले में कहा कि "जमानत नियम है और जेल अपवाद" का कानूनी सिद्धांत  धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग ) जैसे मामलों और यहां तक कि UAPA जैसे विशेष कानूनों के तहत अपराधों पर भी लागू होता है। पीठ ने आगे कहा कि यदि अदालतें योग्य मामलों में जमानत देने से इनकार करने लगेंगी, तो यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। शीर्ष अदालत का रुख स्पष्ट है: स्वतंत्रता नियम है और इसकी अवहेलना अपवाद।

दरअसल, इस निर्णय में कुछ नया नहीं है। भले ही सुप्रीम कोर्ट के उपरोक्त निर्णय की अनुपस्थिति में भी, यह एक तथ्य है कि हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के आरोपी भी नियमित रूप से भारतीय अदालतों से जमानत पा रहे हैं। कई लोग जिन्होंने सबसे अमानवीय अत्याचार किए हैं, वे भी जेल से जमानत पर बाहर आ रहे हैं, जबकि जिन मामलों में वे आरोपी हैं, उनका औपचारिक मुकदमा( ट्रायल) अभी शुरू होना बाकी है। लेकिन, अक्सर, मुस्लिम नाम वाले लोग इस प्रावधान के हकदार नहीं होते।

इसीलिए अदालत के इस निर्णय के उच्च आदर्श उमर खालिद के मामले में लागू नहीं होते। 36 वर्षीय उमर खालिद, जेएनयू के शोध  विद्यार्थी, जो सितंबर 2020 से चार साल की  मुकदमा शुरू होने से पूर्व कैद भुगत रहे हैं। खालिद एक ऐसा उदाहरण हैं जहां सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सिर्फ एक उपदेश बन गया है। वरना, खालिद जिनका 'अपराध' सिर्फ 2020 में मुस्लिम विरोधी CAA के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध में भाग लेना था, और जहां पुलिस और अभियोजन पक्ष ठोस सबूत पेश करने में असफल रहे हैं, उन्हें तिहाड़ जेल के अधिकतम सुरक्षा वाले जेल में सड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाता। कई अदालतों के साथ-साथ खालिद की शीर्ष अदालत में याचिका भी 14 बार स्थगित की जा चुकी है।

उमर खालिद के मामले में, भारतीय अदालतें संवैधानिक अधिकारों की सर्वोच्चता को सत्तारूढ़ शासन की राजनीतिक प्राथमिकताओं पर पुनः स्थापित करने में विफल रही हैं। जब भी खालिद का मामला सुनवाई के लिए आया, यहां तक कि शीर्ष अदालत में भी, इसे अभियोजन पक्ष के अनुरोध पर, वकीलों की अनुपस्थिति, विशेष रूप से वरिष्ठ वकीलों की अनुपलब्धता, समय की कमी और अन्य लचर तकनीकी कारणों के बहाने स्थगित कर दिया गया।

निस्संदेह, फासीवादी शासन सचमुच वैचारिक रूप से सख्त खालिद से डरता है, जिन्होंने कहा: "वैचारिक रूप से, आप कह सकते हैं, मैं एक  मूलभूत परिवर्तन कामी लोकतांत्रिक हूं। मैं लोकतंत्र में विश्वास करता हूं, और मैं ऐसे लोकतंत्र में विश्वास करता हूं जो सिर्फ आपके वोट तक सीमित न हो... इसे हर रोज की जिंदगी में भी लागू होना चाहिए, जहां आप अपनी समस्याओं और चिंताओं को लोकतांत्रिक तरीके से व्यक्त कर सकें।" इसी बीच, दिल्ली पुलिस अभी भी खालिद को फरवरी 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मुस्लिम विरोधी CAA विरोध प्रदर्शन में एक प्रमुख साजिशकर्ता बताने का दावा कर रही है।

जेएनयू के विद्यार्थियों में सबसे सक्रिय राजनीतिक  कार्यकर्ताओं में से एक के रूप में, खालिद 2016 से ही खबरों में थे, जब उन्हें चार अन्य लोगों सहित अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ जेएनयू में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए राजद्रोह का आरोप लगाया गया था। संसद हमले में अफजल गुरु की संलिप्तता के संबंध में किसी भी ठोस साक्ष्य की अनुपस्थिति के बावजूद, सुप्रीम कोर्ट ने उस पर कड़ी टिप्पणी के साथ मौत की सजा सुनाई: “इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था, और समाज की सामूहिक अंतरात्मा तभी संतुष्ट होगी जब अपराधी को मौत की सजा दी जाएगी।” यहां तक कि अफजल के परिवार को इस फैसले और इसके जल्दबाजी में क्रियान्वयन के बारे में सूचित नहीं किया गया और न ही उसके रिश्तेदारों को फांसी से पहले उससे मिलने का अवसर दिया गया।

जबकि संसद हमले के वास्तविक मास्टरमाइंड की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है और उन पर कोई जांच भी नहीं हुई, समाज की “सामूहिक अंतरात्मा” को संतुष्ट करने के लिए किसी व्यक्ति को मौत की सजा देना “न्यायिक हत्या” के अलावा कुछ नहीं है। इसलिए, खालिद को 9 फरवरी 2016 को “न्यायिक हत्या” के खिलाफ आयोजित एक कार्यक्रम के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। खालिद, भगवा ताकतों के लिए अन्य कारणों से भी खटक रहे थे। उदाहरण के लिए, वे 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरु स्थित अपने घर में मारी गई पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में सबसे आगे थे। हत्यारों की गोलियां उनके विचारों को खामोश नहीं कर सकतीं, यह घोषित करते हुए खालिद ने कहा: “हिंदुत्व फासीवादी ताकतों की मुखर आलोचक गौरी लंकेश की हत्या से मैं आक्रोशित और स्तब्ध हूं। मेरे लिए वह सिर्फ एक पत्रकार नहीं थीं। वह जेएनयू आंदोलन की मजबूत समर्थक थीं।”

संक्षेप में, जब शीर्ष अदालत जमानत को नियम और जेल को अपवाद घोषित करती है, तब भारत में हम ऐसी स्थिति में रह रहे हैं जहां न्यायिक फैसले अंततः राजनीतिक/कार्यकारी विचारों से प्रभावित और नियंत्रित हो रहे हैं। यहां तक कि अपने हिंदुत्ववादी आकाओं को खुश करने के लिए उत्सुक न्यायाधीश भी अब अपने फैसलों में मनुस्मृति का हवाला दे रहे हैं और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों को ‘पाकिस्तान’ करार दे रहे हैं। मुस्लिमों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या, मस्जिदों को ध्वस्त करना और उनके घरों को बुलडोजर से ध्वस्त करना अब सामान्य हो गया है, और खासकर भाजपा शासित राज्यों में मुसलमानों के लिए एक नागरिक के रूप में जगह तेजी से सिकुड़ रही है। इसलिए, उमर खालिद का बिना मुकदमे या जमानत के जेल में रहना इस व्यापक हिंदुत्व एजेंडे का हिस्सा है जिसमें मुसलमानों को दुश्मन नंबर 1 के रूप में कलंकित किया गया है।

उमर खालिद के साथ एकजुटता में!
जेल और बेल पर रिपोर्ट. अधिक जानकारी के लिए यहां जाएं

28 सितंबर को हरोड़ा भिटिया, चंदौली में संयुक्त वाम मोर्चा और भगत सिंह विचार मंच द्वारा एक बड़े सम्मेलन का आयोजन।

सितंबर 24, 2024 0
सड़क समाचार: वाराणसी,आपका स्वागत है. ब्रेकिंग न्यूज

28 सितंबर को हरोड़ा भिटिया, चंदौली में संयुक्त वाम मोर्चा और भगत सिंह विचार मंच द्वारा एक बड़े सम्मेलन का आयोजन।

सभी समाजवादी लोगों से अनुरोध है कि वे इस सम्मेलन में भाग लें।

इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में भाग लेकर आप समाजवादी विचारधारा को मजबूत करने में अपना योगदान दे सकते हैं। यह आयोजन हमारे समाज के विभिन्न वर्गों के बीच एकता और समानता के संदेश को फैलाने का एक अनूठा अवसर है।

सम्मेलन में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा होने की संभावना है:

1. वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य और समाजवादी आंदोलन की भूमिका
2. भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता और उनका वर्तमान समय में महत्व
3. किसान और मजदूर वर्ग की समस्याएँ और उनके समाधान
4. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में समाजवादी नीतियों का महत्व
5. युवाओं के लिए रोजगार के अवसर और उनकी भूमिका

आप सभी से अनुरोध है कि इस सम्मेलन में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर इसे सफल बनाएँ। अपने साथियों, मित्रों और परिवार के सदस्यों को भी इस बारे में सूचित करें ताकि वे भी इस महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा बन सकें।

सम्मेलन का समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
स्थान: हरोड़ा भिटिया, चंदौली


कृपया समय पर पहुँचें और अपने साथ पहचान पत्र अवश्य लाएँ। सम्मेलन स्थल पर पंजीकरण की व्यवस्था की गई है।

आइए, मिलकर एक मजबूत और न्यायसंगत समाज का निर्माण करें। हम आपकी उपस्थिति की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
सुदामा पाण्डे द्वारा समाचार विज्ञप्ति - भगत सिंह विचार मंच (6306413290)
 भगत सिंह विचार मंच (6306413290)

23 सितंबर का इतिहास: एक विस्तृत अवलोकन

सितंबर 24, 2024 0
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# 23 सितंबर का इतिहास: एक विस्तृत अवलोकन


23 सितंबर एक ऐतिहासिक दिन है जो कई महत्वपूर्ण घटनाओं, जन्मदिनों और स्मरणीय क्षणों से भरा हुआ है। इस लेख में, हम इस तिथि के इतिहास को गहराई से खोजेंगे, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में हुई उल्लेखनीय घटनाओं पर प्रकाश डाला जाएगा।
23 SEPTEMBER HISTORICAL


## प्राचीन काल में 23 सितंबर


प्राचीन काल में, 23 सितंबर का दिन कई सभ्यताओं के लिए महत्वपूर्ण था। यह **शरद ऋतु विषुव** का दिन था, जब दिन और रात लगभग बराबर होते थे। यह समय कृषि समुदायों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह फसल की कटाई के मौसम की शुरुआत का संकेत देता था।

### मध्य युग में 23 सितंबर


मध्य युग में, 23 सितंबर ने कई ऐतिहासिक घटनाओं को देखा। 1122 ईस्वी में, इस दिन **कॉनकॉर्डेट ऑफ वॉर्म्स** पर हस्ताक्षर किए गए, जिसने पवित्र रोमन साम्राज्य और कैथोलिक चर्च के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त किया।

## आधुनिक इतिहास में 23 सितंबर


आधुनिक काल में, 23 सितंबर ने कई महत्वपूर्ण घटनाओं को देखा है जो दुनिया को आकार देने में मदद की है।

### राजनीतिक घटनाएँ


1. **1862**: अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने प्रारंभिक मुक्ति घोषणा जारी की, जिसने गृह युद्ध के दौरान दास प्रथा के अंत की नींव रखी।

2. **1932**: सऊदी अरब की स्थापना हुई, जो मध्य पूर्व में एक प्रमुख शक्ति बन गया।

3. **1983**: सेंट किट्स और नेविस ने ग्रेट ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त की, जो कैरिबियाई क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत थी।

### वैज्ञानिक उपलब्धियाँ


1. **1846**: फ्रांसीसी खगोलशास्त्री अर्बेन ले वेरियर ने नेप्च्यून ग्रह की खोज की घोषणा की, जो सौर मंडल के आठवें ग्रह की पहचान थी।

2. **1956**: पहला ट्रांसअटलांटिक टेलीफोन केबल चालू हुआ, जिसने वैश्विक संचार में एक नया युग शुरू किया।

### सांस्कृतिक घटनाएँ


1. **1889**: जापान में निंटेंडो कंपनी की स्थापना हुई, जो बाद में वीडियो गेम उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गई।

2. **1962**: द जेटसंस, एक प्रभावशाली एनिमेटेड टीवी श्रृंखला, का प्रीमियर हुआ, जिसने भविष्य की एक रोमांचक कल्पना प्रस्तुत की।

## 23 सितंबर के जन्मदिन


इस दिन कई प्रसिद्ध व्यक्तियों का जन्म हुआ, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

1. **63 ईसा पूर्व**: **ऑगस्टस सीज़र**, रोम के पहले सम्राट, जिन्होंने रोमन साम्राज्य को एक नया आकार दिया।

2. **1215**: **कुबलई खान**, मंगोल साम्राज्य के महान शासक और चीन के युआन राजवंश के संस्थापक।

3. **1791**: **माइकल फैराडे**, अंग्रेजी वैज्ञानिक जिन्होंने विद्युत चुम्बकत्व के क्षेत्र में क्रांतिकारी खोजें कीं।

4. **1930**: **रे चार्ल्स**, अमेरिकी संगीतकार जिन्होंने आर एंड बी और सोल म्यूजिक को लोकप्रिय बनाया।

5. **1943**: **जूलियो इग्लेसियस**, स्पेनिश गायक और संगीतकार जिन्होंने वैश्विक स्तर पर लैटिन संगीत को प्रसिद्धि दिलाई।

## 23 सितंबर के महत्वपूर्ण घटनाक्रम


### प्रथम विश्व युद्ध


1914 में, 23 सितंबर को **प्रथम विश्व युद्ध** के दौरान महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं। जर्मन सेना ने फ्रांस में अपने आक्रमण को तेज किया, जबकि ब्रिटिश और फ्रांसीसी बलों ने अपनी रक्षा पंक्तियों को मजबूत किया।

### द्वितीय विश्व युद्ध


1939 में, 23 सितंबर को **द्वितीय विश्व युद्ध** के शुरुआती दिनों में, पोलैंड के खिलाफ जर्मन आक्रमण जारी रहा। इस दिन, सोवियत संघ ने भी पोलैंड पर आक्रमण किया, जिससे देश दो महाशक्तियों के बीच विभाजित हो गया।

### शीत युद्ध


1949 में, 23 सितंबर को **शीत युद्ध** के दौरान एक महत्वपूर्ण घटना हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने घोषणा की कि सोवियत संघ ने सफलतापूर्वक परमाणु बम का परीक्षण किया है, जिससे विश्व शक्ति संतुलन में बदलाव आया।

## 23 सितंबर का वैज्ञानिक महत्व


### खगोल विज्ञान


23 सितंबर को **शरद ऋतु विषुव** होता है, जो उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु की शुरुआत का संकेत देता है। इस दिन, सूर्य भूमध्य रेखा को पार करता है, जिससे दिन और रात लगभग बराबर होते हैं।

### जैव विविधता


यह तिथि कई प्रजातियों के लिए महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, कुछ प्रवासी पक्षी इस समय अपनी लंबी यात्रा शुरू करते हैं, जबकि कई पौधे अपने जीवन चक्र में एक नए चरण में प्रवेश करते हैं।

## 23 सितंबर का सांस्कृतिक महत्व


### धार्मिक उत्सव


कई संस्कृतियों में 23 सितंबर को विशेष महत्व दिया जाता है। उदाहरण के लिए, हिंदू धर्म में, यह **महालया** के समय के करीब पड़ता है, जो दुर्गा पूजा के उत्सव की शुरुआत का संकेत देता है।

### आधुनिक उत्सव


1. **बिस्मार्क में पंपकिन फेस्टिवल**: उत्तरी डकोटा, अमेरिका में यह वार्षिक उत्सव 23 सितंबर के आसपास मनाया जाता है, जो शरद ऋतु की शुरुआत का जश्न मनाता है।

2. **ऑक्टोबरफेस्ट**: यह प्रसिद्ध जर्मन बीयर उत्सव अक्सर 23 सितंबर के आसपास शुरू होता है।

## निष्कर्ष


23 सितंबर एक ऐसा दिन है जो इतिहास, विज्ञान और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को एक साथ लाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि कैसे एक ही तिथि विभिन्न समयों और स्थानों पर अलग-अलग महत्व रख सकती है। चाहे वह प्राचीन सभ्यताओं के लिए मौसमी परिवर्तन हो या आधुनिक दुनिया में राजनीतिक घटनाएँ, 23 सितंबर हमेशा इतिहास के पन्नों में एक विशेष स्थान रखेगा।

इस दिन की विविधता और महत्व हमें याद दिलाती है कि इतिहास एक जटिल और बहुआयामी विषय है। हर साल 23 सितंबर आते ही, हम अतीत की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं और भविष्य की संभावनाओं की ओर देखते हैं, जो इस तिथि को वास्तव में विशेष बनाता है।